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Jaipur Foundation Day: जयपुर के 298 वर्ष पूरे, दुनिया का पहला सुनियोजित शहर आज भी समेटे है अपनी विरासत

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: हिमांशु प्रियदर्शी Updated Tue, 18 Nov 2025 05:34 PM IST
सार

Jaipur Foundation Day: जयपुर ने अपने 298वें स्थापना दिवस पर फिर साबित किया कि वह इतिहास, वास्तुकला और संस्कृति का वैश्विक केंद्र है। 1727 में सवाई जय सिंह द्वारा बसाया गया यह सुनियोजित शहर आज भी अपनी गुलाबी पहचान और आधुनिक विकास के साथ चमक बिखेर रहा है।
 

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Jaipur Foundation Day 2025 Pink City Celebrates 298 Years of History Heritage and Architecture
जयपुर के 298 वर्ष हुए पूरे - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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राजस्थान की राजधानी जयपुर ने मंगलवार को अपने स्थापना के 298 वर्ष पूरे किए। 18 नवंबर 1727 को आमेर के महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा बसाए गए इस शहर को भारतीय वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों पर निर्मित विश्व की पहली प्लान्ड सिटी मानी जाती है। इसकी चौड़ी सड़कें, ग्रिड पैटर्न और नौ वर्गाकार खंड इसकी अनोखी नगर संरचना को दर्शाते हैं।

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पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दी शुभकामनाएं
जयपुर फाउंडेशन डे के अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर शहर की ऐतिहासिक विरासत, पारंपरिक वास्तुकला और समृद्ध संस्कृति का उल्लेख करते हुए सभी को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने जयपुर को पुरातन और आधुनिक दृष्टिकोण का अनूठा संगम बताया।
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क्यों बसाया गया था नया शहर?
स्थापना से पहले आमेर बढ़ती आबादी और जल संकट से जूझ रहा था। क्षेत्र सीमित होने के कारण विस्तार संभव नहीं था। ऐसे में सवाई जय सिंह द्वितीय ने एक नया, योजनाबद्ध और व्यवस्थित शहर बसाने का निर्णय लिया। बंगाल के वास्तुविद विद्याधर भट्टाचार्य ने हिंदू वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों के आधार पर जयपुर की वैज्ञानिक और सटीक डिजाइन तैयार की। इसी सोच का परिणाम जंतर मंतर जैसे अद्वितीय स्थापत्य के रूप में दिखाई देता है, जो आज यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
 
गुलाबी नगरी कैसे बना जयपुर
1876 में प्रिंस ऑफ वेल्स के स्वागत के लिए महाराजा सवाई राम सिंह द्वितीय ने पूरे शहर को टेराकोटा पिंक रंग में रंगवाया। यह रंग इतना लोकप्रिय हुआ कि जयपुर दुनिया भर में ‘पिंक सिटी’ के नाम से प्रसिद्ध हो गया और यह शहर की स्थायी पहचान बन गया।

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महल, किले और ऐतिहासिक चारदीवारी- जयपुर की विशेष पहचान
जयपुर का स्थापत्य भव्य किलों, महलों और उत्कृष्ट वास्तुकला के लिए जाना जाता है। शहर की सुरक्षा के लिए कुल 29 दरवाजे बनाए गए थे, जिनमें से 13 सिटी पैलेस में और 16 परकोटे में थे। वर्तमान में सात प्रमुख प्रवेश द्वार आधिकारिक रूप से मान्य हैं: अजमेरी गेट, सांगानेरी गेट, चांद पोल, सूरज पोल, दिल्ली गेट, न्यू गेट और विद्याधर नगर द्वार। 1727 में शहर की नींव का शुभ मुहूर्त गंगापोल गेट पर रखा गया था, जबकि न्यू गेट सबसे बाद में निर्मित हुआ।
 
तीन सदियों पुरानी विरासत के साथ आगे बढ़ता स्मार्ट सिटी जयपुर
लगभग तीन शताब्दियों से अपनी ऐतिहासिक धरोहर को संजोए हुए जयपुर आज स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के साथ आधुनिकता की ओर तेजी से अग्रसर है। यहां परंपरा और प्रगति का विशिष्ट संतुलन इसे दुनिया के अद्वितीय शहरों में शामिल करता है।

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