Rajasthan News: राजस्थान के वरिष्ठ नागरिकों को घर बैठे मिलेगी दवा , RGHS पेंशनर्स से होगी शुरुआत
राजस्थान सरकार जल्द ही वरिष्ठ नागरिकों को घर-घर मुफ्त दवाइयां पहुंचाने की योजना शुरू करेगी। पहले चरण में 4.21 लाख RGHS पेंशनर्स को होम-डिलीवरी मिलेगी। पायलट प्रोजेक्ट जयपुर-जोधपुर में चलेगा। सफल होने पर 70+ आयु वर्ग के सभी बुजुर्गों को शामिल किया जाएगा।
विस्तार
राजस्थान सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए दवाओं की होम-डिलीवरी की सुविधा शुरू करने की योजना तैयार कर रही है। बजट घोषणा में शामिल इस योजना को सरकार के दो वर्ष पूरे होने से पहले लागू करने की तैयारी की जा रही है।
पहले चरण में 4.21 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को लाभ
पहले चरण में राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) में पंजीकृत 4.21 लाख से अधिक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को घर बैठे दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी। फीडबैक के बाद योजना का दूसरा चरण शुरू होगा, जिसमें 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया जाएगा।
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तमिलनाडु मॉडल पर होगी योजना की तैयारी
तमिलनाडु की राशन होम-डिलीवरी व्यवस्था का अध्ययन कर राजस्थान के स्वास्थ्य क्षेत्र में उसके उपयोग पर काम चल रहा है। इस योजना की मॉनिटरिंग स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ कर रही हैं। RGHS और स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी मिलकर योजना को तैयार कर रहे हैं।
दवाइयों की डिलीवरी के लिए विशेष एजेंसी की नियुक्ति
RGHS के सीईओ हरजी लाल अटल ने बताया- योजना का विस्तृत एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है, जिसे जल्द ही मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। एक कमेटी, जिसमें IT, अकाउंट्स और अन्य क्षेत्रीय विशेषज्ञ शामिल हैं, संचालन मॉडल को अंतिम रूप दे रही है। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से एक विशेष एजेंसी नियुक्त की जाएगी।
ऐसे मिलेगी दवा की होम-डिलीवरी
– पेंशनर्स RGHS पोर्टल या प्रस्तावित मोबाइल ऐप पर लॉग इन करेंगे
– अपनी OPD प्रिस्क्रिप्शन अपलोड करेंगे
– होम-डिलीवरी का विकल्प चुन सकेंगे
– चाहे तो खुद भी मेडिकल स्टोर से दवा ले सकेंगे
चयनित एजेंसी पैनल मेडिकलों से दवाइयां लेकर सीधे लाभार्थियों के घर तक पहुंचाएगी। सरकार एजेंसी को लाभार्थियों का नाम, पता, पिनकोड, मोबाइल नंबर सहित जरूरी डेटा उपलब्ध कराएगी।
पायलट प्रोजेक्ट जयपुर और जोधपुर में
योजना का पहला चरण पायलट रूप में जयपुर और जोधपुर जैसे बड़े शहरों में लागू किया जाएगा, जहां पेंशनर्स की संख्या अधिक है। पायलट के परिणाम को देखते हुए इसे पूरे प्रदेश में विस्तार दिया जाएगा।डायबिटीज, हार्ट डिसीज, किडनी संबंधी बीमारियों वाले मरीजों को हर महीने नियमित दवा की डिलीवरी मिलेगी, क्योंकि इन मामलों में प्रिस्क्रिप्शन लंबे समय तक समान रहता है।
70+ आयु वर्ग के सभी नागरिकों तक भी पहुंचेगी सुविधा
पहले चरण के सफल होने के बाद 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी बुजुर्गों को दवाइयों की मुफ्त होम-डिलीवरी का लाभ दिया जाएगा।राज्य सरकार तमिलनाडु की तरह ASHA वर्कर्स या अन्य संरचना के माध्यम से भी दवाइयों की होम-डिलीवरी लागू करने की संभावनाओं का अध्ययन कर रही है।