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Rajasthan News: सरकार करीब 3 लाख सोशल सिक्युरिटी पेंशनर्स की पेंशन बंद करने की तैयारी में
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: सौरभ भट्ट
Updated Tue, 14 Oct 2025 04:19 PM IST
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सार
राजस्थान सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में "गिव अप" अभियान शुरू किया है। जिनकी सालाना आय ₹48,000 से अधिक है, उनसे पेंशन छोड़ने की अपील की गई है। सत्यापन पूरा करने की अंतिम तिथि 15 नवंबर तय की गई है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पेंशन राशि की ट्रांसफर करते हुए
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राज्य सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के दायरे को छोटा करना चाहती है। इसके लिए गिव अप अभियान के तहत योजना के लाभार्थी परिवारों से अपील की गई है कि जिनकी सालाना आय 48 हजार से ज्यादा है वे स्वेच्छा से अपनी पेंशन छोड़ दें। प्रदेश में 92 लाख लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन की जाती है। इस पर सालाना

राज्य सरकार प्रतिवर्ष सभी सामाजिक सुरक्षा पेंशन धारकों का सत्यापन करवाती है जिससे उसकी पात्रता का पता चलता है,वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा ऐसे परिवार/व्यक्ति को जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी हुई है और जिनकी अधिकतम वार्षिक आय 48000 रु से ज़्यादा है लेकिन फिर भी वो पेंशन प्राप्त कर रहे है तो उन्हें स्वेच्छा से पेंशन का त्याग करने का आग्रह किया जा रहा है।सरकार का यह “गिव अप” अभियान है जिसमे सभी से आग्रह है स्वैच्छिक सहयोग करे ताकि और अधिक संख्या में पात्र व जरुरतमंद व्यक्तियों को इस योजना से लाभान्वित किया जा सके। योजना के तहत सरकार सालाना करीब 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक की पेंशन बांटती है।
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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने पेंशनधारियों के वार्षिक सत्यापन (जीवन प्रमाण-पत्र) को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव आशीष मोदी द्वारा जारी पत्र (क्रमांक F9(5)Pension/Janad/Bill/2025-06997-7027074, दिनांक 09.10.2025) के क्रम में, जिला कलेक्टरों को 15 नवंबर तक ऐसे पेंशनरों का वार्षिक सत्यापन पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है जिनका जीवन प्रमाण-पत्र अभी तक नहीं हो पाया है। विभाग की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि ऐसे पेंशनधारी जिनका वार्षिक सत्यापन (वे जीवित हैं या नहीं) अभी तक नहीं हो पाया है, उनका सत्यापन 15 नवंबर तक हर हाल में पूर्ण कर लिया जाए। पंचायत/वार्डों पर विशेष ध्यान: पंचायतों और वार्डों पर विशेष रूप से ध्यान देने को कहा गया है, जहां लंबित सत्यापन के मामले अधिक है। उन कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए गए हैं जिन्होंने सत्यापन के लिए निर्धारित समय का उपयोग नहीं किया है। इस कार्य की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा राज्य के स्तर पर नियमित रूप से किए जाने का निर्णय लिया गया है। बिजली बिल पर महत्वपूर्ण निर्देश: उन पेंशनरों को स्वेच्छा से पेंशन त्यागने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जिनका वार्षिक बिजली का बिल सालाना 24 हजार रुपए से अधिक है। हालांकि, पेंशन स्वीकृति अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि पेंशन स्वीकृति अधिकारियों के स्तर पर इस आधार पर सूचित जांच और व्यक्तिगत सुनवाई के बाद ही किसी लाभार्थी की पेंशन रोकी जाए।
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