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Rajasthan News: नियमविरुद्ध रजिस्ट्रियों पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से मांगी अधिकारियों पर कार्रवाई की रिपोर्ट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: सौरभ भट्ट
Updated Tue, 02 Sep 2025 07:20 AM IST
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सार
Rajasthan News: हाईकोर्ट ने नियमविरुद्ध रजिस्ट्री और रजिस्ट्री शुल्क चोरी के मामलों में राज्य सरकार से दोषी अधिकारियों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। जनहित याचिका "पब्लिक अगेंस्ट करप्शन" की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह निर्देश दिए ।

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- फोटो : Freepik
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विस्तार
राजस्थान उच्च न्यायालय ने झुंझुनूं जिले में नियमविरुद्ध रजिस्ट्रियों और रजिस्ट्री शुल्क में घोटाले के मामलों में राज्य सरकार से दोषी अधिकारियों पर की गई कार्यवाही की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। यह आदेश "पब्लिक अगेंस्ट करप्शन" संस्था द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया।
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता पूनमचंद भंडारी, अभिनव भंडारी और डॉ. टी. एन. शर्मा ने अदालत को बताया कि 2018 से 2020 के बीच झुंझुनूं जिले में भारी मात्रा में अवैध रजिस्ट्री की गई, जिससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हुई। उन्होंने बताया कि कई व्यावसायिक संपत्तियों को आवासीय बताकर कम रजिस्ट्री शुल्क में पंजीकरण किया गया। यह सब पंजीयन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया।
इसे भी पढें- Jaipur News: RPSC सदस्य मंजू शर्मा ने दिया इस्तीफा, कहा- पारदर्शिता और ईमानदारी सर्वोपरि
शिकायतों पर डीआईजी स्टांप, अजमेर के तहत जांच अधिकारियों ने राजस्व हानि की पुष्टि की और कई अधिकारियों को दोषी माना, परंतु लंबे समय तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई। न ही दोषियों का स्थानांतरण हुआ और न ही हानि की वसूली की गई।
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कोर्ट को बताया कि संबंधित कर्मियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा चुकी है। लेकिन याचिकाकर्ताओं ने इसे अपर्याप्त और प्रभावहीन बताया। सुनवाई के पश्चात राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर खंडपीठ के न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा और न्यायाधीश संजीत पुरोहित की पीठ ने राज्य सरकार ने सभी अधिकारियों के विरुद्ध की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही का परिणाम कोर्ट में पेश करने के आदेश जारी किए और यह भी आदेश किया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में अगर मामला दर्ज किया है तो उसकी भी जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत करे।

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याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता पूनमचंद भंडारी, अभिनव भंडारी और डॉ. टी. एन. शर्मा ने अदालत को बताया कि 2018 से 2020 के बीच झुंझुनूं जिले में भारी मात्रा में अवैध रजिस्ट्री की गई, जिससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हुई। उन्होंने बताया कि कई व्यावसायिक संपत्तियों को आवासीय बताकर कम रजिस्ट्री शुल्क में पंजीकरण किया गया। यह सब पंजीयन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया।
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राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कोर्ट को बताया कि संबंधित कर्मियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा चुकी है। लेकिन याचिकाकर्ताओं ने इसे अपर्याप्त और प्रभावहीन बताया। सुनवाई के पश्चात राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर खंडपीठ के न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा और न्यायाधीश संजीत पुरोहित की पीठ ने राज्य सरकार ने सभी अधिकारियों के विरुद्ध की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही का परिणाम कोर्ट में पेश करने के आदेश जारी किए और यह भी आदेश किया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में अगर मामला दर्ज किया है तो उसकी भी जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत करे।