Rajcomp Bribery Case:अधिकारी पर एसीबी ने दर्ज की FIR, अफसर ने बीवी की नौकरी दिखा किया लाखों का फर्जीवाड़ा
RAJCOMP के वरिष्ठ अधिकारी प्रद्युम्न दीक्षित पर एसीबी ने भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया। उन्होंने प्राइवेट कंपनी AurionPro को ठेका दिलाया और अपनी पत्नी पूनम को फर्जी कंसलटेंट बनाकर लाखों रुपए हर महीने उसके खाते में ट्रांसफर करवाए।
विस्तार
भ्रटाचार के मामले में पहले ही ED और ACB के निशाने पर मौजूद राज्य सरकार की कंपनी RAJCOMP के सीनियर अफसर प्रद्युम्न दीक्षित पर एसीबी ने एफआईआर दर्ज कर ली है। अमर उजाला ने सबसे पहले इस महाघूस कांड में प्रद्युम्न दीक्षित के कारनामों का खुलासा किया था। इसमें दीक्षित ने एक प्राईवेट कंपनी को डीओआईटी के डाटा सेंटर में मैनपॉवर नियुक्त करने का काम दिया। इसके बाद इसी कंपनी में अपनी पत्नी पूनम दीक्षित को बतौर कंसलटेंट लगावा कर उसे लाखों रुपए का भुगतान कर दिया। अमर उजाला ने इस पूरी मनी ट्रेल का खुलासा दस्तावेजों के साथ किया था।
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RAJCOMP में पूनम को मैनपॉवर में रखने और उसकी परफॉरमेंस रिपोर्ट के सर्टिफिकेट
पूनम के पति प्रद्युमन दीक्षित की ईमेल आईडी से पूनम की प्रोजेक्ट में उपस्थिति का वेरिफिकेशन
हालांकि अमर उजाला में प्रकाशित खबर के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने मामले में डीओआईटी को जांच के निर्देश दिए। लेकिन महकमें के बड़े अफसरों ने दीक्षित को मात्र 17 सीसी नोटिस देकर मामला रफा-दफा कर दिया। मामले में पब्लिक अगेंस्ट करप्शन के सदस्य एडवोकेट टीएन शर्मा ने सरकार को रिप्रेंटेशन भी दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में वे दो बार मुख्य सचिव व दो बार डीओआईटी सचिव को रिप्रेजेंटेशन देकर मामले में कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह मामला PC Act का बनता था। इस मामले में परिवादी अधिवक्ता डॉ टी एन शर्मा के अनुसार समान प्रकार के प्रकरण बहुत सारे अधिकारियों के है जिन्हें एसीबी और विभाग बचा रहा है। उन्होने कहा- रणवीर सिंह, आर सी शर्मा, लिंकवेल एनालॉजिक्स आदि प्रमुख घोटाले है जिन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
एसीबी जांच की कर रही जांच
एसीबी ने जांच के दौरान प्रद्युमन दीक्षित के तीन बैंक खातों का रिकॉर्ड जब्त किया। जांच में प्रद्युमन और पूनम का संयुक्त बैंक खाता एसबीआई तिलकनगर में मिला है। जिसमें जिसमें नियमित रूप से बड़ी रकम ट्रांसफर हो रही थी।
जानकार सूत्रों के मुताबिक इनकी पत्नी कभी कार्यालय नहीं गईं। वहीं, फर्म AURIONPRO अप्रैल 2019 से एक निश्चित राशि पूनम के अकाउन्ट में लगातार ट्रांसफर कर रही है। वर्तमान में लगभग 1 लाख 60 हजार रुपये प्रतिमाह AURIONPRO के जरिए पूनम के बैंक अकाउन्ट में ट्रान्सफर होते रहे। अमर उजाला के पास इस मनी ट्रेल के दस्तावेज भी मौजूद हैं। प्रद्युम्न ने अपनी पत्नी के जरिए कंपनी से अब तक करीब 50 लाख रुपये का बड़ा खेल किया है। पब्लिक अगेंस्ट करप्शन के सदस्य डॉ. टी.एन शर्मा(एडवोकेट) का कहना है कि यह काम पी.सी. एक्ट 1988 की धारा 13(1)(ए) के अंतर्गत criminal misconduct और धारा 409, 403 आईपीसी का अपराध कारित है।