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जोजरी बचाओ आंदोलन: फैक्ट्रियों के दूषित पानी के खिलाफ रविवार को डोली में महारैली, हनुमान बेनीवाल होंगे शामिल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जोधपुर
Published by: जैसलमेर ब्यूरो
Updated Sat, 16 Aug 2025 09:09 PM IST
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सार
Jodhpur News : राजस्थान के जोधपुर में कपड़ा फैक्ट्रियों से निकलने वाले जहरीले पानी को लेकर विरोध दिखने लगा है। वहीं, 17 अगस्त 2025, रविवार को दोपहर 12:15 बजे बालोतरा जिले के डोली गांव स्थित टोल प्लाजा के पास जोजरी बचाओ महारैली का आयोजन किया जाएगा।

जोजरी बचाओ आंदोलन महारैली कल
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विस्तार
राजस्थान के जोधपुर की कपड़ा फैक्ट्रियों से निकलकर आ रहे रासायनिक और दूषित पानी के खिलाफ वर्षों से उठ रही आवाज़ अब एक बार फिर बड़ा आंदोलन बनने जा रही है। 17 अगस्त 2025, रविवार को दोपहर 12:15 बजे बालोतरा जिले के डोली गांव स्थित टोल प्लाजा के पास जोजरी बचाओ महारैली का आयोजन किया जाएगा। आंदोलन का नेतृत्व आरएलपी प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल करेंगे। उनका कहना है कि मारवाड़ क्षेत्र की नदियां जोजरी, बांडी और लूणी आज फैक्ट्रियों के रासायनिक जल की मार झेल रही हैं।
कैमिकलयुक्त पानी सीधे खेतों और नदियों में मिल रहा
बालोतरा, पाली और जोधपुर जिलों सहित आसपास के कई इलाकों में कपड़ा फैक्ट्रियों से निकलने वाला कैमिकलयुक्त पानी सीधे खेतों और नदियों में मिल रहा है, जिससे हजारों बीघा कृषि भूमि बंजर हो चुकी है ग्रामीणों और पशुधन के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ा है, पीने का पानी भी दूषित होकर आमजन के जीवन को संकट में डाल रहा है। बेनीवाल ने कहा कि इस समस्या का स्थाई समाधान अब टालने योग्य नहीं है। वे इस मुद्दे को पहले ही लोकसभा में उठा चुके हैं और केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री से मुलाकात भी कर चुके हैं।
थानसिंह डोली की तैयारी और अपील
आंदोलन का स्थानीय स्तर पर नेतृत्व कर रहे आरएलपी नेता थानसिंह डोली ने बताया कि 16 वर्षों से जोधपुर की फैक्ट्रियों से बरसात के समय रासायनिक पानी छोड़ा जाता रहा है। इससे धवा, डोली, कल्याणपुर और आसपास के गांवों में हालात बिगड़ते गए हैं। खेतों, घरों और स्कूलों तक में जहरीला पानी भर जाने से जीवन दूभर हो गया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी पार्टी विशेष या व्यक्ति का नहीं है, बल्कि जन और जीवन की लड़ाई है। इसका मकसद केवल पर्यावरण और मानवता की रक्षा करना है। इसीलिए उन्होंने सभी वर्गों के लोगों से अपील की है कि वे पार्टी-मतभेद से ऊपर उठकर इस महारैली में शामिल हों और एकजुट होकर संघर्ष को मजबूती दें।
धरना और रैली को सफल बनाने के लिए थानसिंह डोली लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में प्रशासन और नेताओं ने सिर्फ आश्वासन दिए, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों ने कई बार नेशनल हाइवे तक जाम करके विरोध दर्ज कराया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। अब समय आ गया है कि निर्णायक जंग लड़ी जाए।
आसपास के जिलों से जुटेंगे लोग
इस महारैली में न केवल बालोतरा जिले के लोग बल्कि बाड़मेर, पाली, जोधपुर, फलोदी, जैसलमेर, नागौर और डीडवाना-कुचामन सहित कई जिलों से किसान, ग्रामीण, पर्यावरण प्रेमी और आरएलपी कार्यकर्ता शामिल होंगे। टेंट सहित सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि बड़ी संख्या में आने वाले लोगों के लिए रैली स्थल पर सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें।
ये भी पढ़ें- RSSB Patwari Exam 2025: 17 अगस्त को होगी राजस्थान पटवारी परीक्षा, बस सेवा फ्री; जानें गाइडलाइंस और ड्रेस कोड
भविष्य की पीढ़ियों और प्रकृति को बचाने की लड़ाई-आरएलपी
आरएलपी प्रमुख ने स्पष्ट संदेश दिया है कि अब समय केवल आंदोलन करने का नहीं बल्कि सरकार पर दबाव बनाकर स्थाई समाधान निकालने का है। उनका कहना है कि यह जंग सिर्फ राजनीति नहीं बल्कि भविष्य की पीढ़ियों और प्रकृति को बचाने की लड़ाई है। अब जोजरी बचाओ आंदोलन केवल एक स्थानीय धरना नहीं रह गया, बल्कि पूरे मारवाड़ क्षेत्र की आवाज़ बन गया है। 17 अगस्त को डोली टोल प्लाजा पर होने वाली यह महारैली तय करेगी कि इस पर्यावरणीय संकट को स्थाई रूप से हल करने की दिशा में सरकार कितनी गंभीर होती है।
ये भी पढ़ें- Jodhpur News: राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ली परेड की सलामी

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कैमिकलयुक्त पानी सीधे खेतों और नदियों में मिल रहा
बालोतरा, पाली और जोधपुर जिलों सहित आसपास के कई इलाकों में कपड़ा फैक्ट्रियों से निकलने वाला कैमिकलयुक्त पानी सीधे खेतों और नदियों में मिल रहा है, जिससे हजारों बीघा कृषि भूमि बंजर हो चुकी है ग्रामीणों और पशुधन के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ा है, पीने का पानी भी दूषित होकर आमजन के जीवन को संकट में डाल रहा है। बेनीवाल ने कहा कि इस समस्या का स्थाई समाधान अब टालने योग्य नहीं है। वे इस मुद्दे को पहले ही लोकसभा में उठा चुके हैं और केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री से मुलाकात भी कर चुके हैं।
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थानसिंह डोली की तैयारी और अपील
आंदोलन का स्थानीय स्तर पर नेतृत्व कर रहे आरएलपी नेता थानसिंह डोली ने बताया कि 16 वर्षों से जोधपुर की फैक्ट्रियों से बरसात के समय रासायनिक पानी छोड़ा जाता रहा है। इससे धवा, डोली, कल्याणपुर और आसपास के गांवों में हालात बिगड़ते गए हैं। खेतों, घरों और स्कूलों तक में जहरीला पानी भर जाने से जीवन दूभर हो गया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी पार्टी विशेष या व्यक्ति का नहीं है, बल्कि जन और जीवन की लड़ाई है। इसका मकसद केवल पर्यावरण और मानवता की रक्षा करना है। इसीलिए उन्होंने सभी वर्गों के लोगों से अपील की है कि वे पार्टी-मतभेद से ऊपर उठकर इस महारैली में शामिल हों और एकजुट होकर संघर्ष को मजबूती दें।
धरना और रैली को सफल बनाने के लिए थानसिंह डोली लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में प्रशासन और नेताओं ने सिर्फ आश्वासन दिए, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों ने कई बार नेशनल हाइवे तक जाम करके विरोध दर्ज कराया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। अब समय आ गया है कि निर्णायक जंग लड़ी जाए।
आसपास के जिलों से जुटेंगे लोग
इस महारैली में न केवल बालोतरा जिले के लोग बल्कि बाड़मेर, पाली, जोधपुर, फलोदी, जैसलमेर, नागौर और डीडवाना-कुचामन सहित कई जिलों से किसान, ग्रामीण, पर्यावरण प्रेमी और आरएलपी कार्यकर्ता शामिल होंगे। टेंट सहित सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि बड़ी संख्या में आने वाले लोगों के लिए रैली स्थल पर सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें।
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भविष्य की पीढ़ियों और प्रकृति को बचाने की लड़ाई-आरएलपी
आरएलपी प्रमुख ने स्पष्ट संदेश दिया है कि अब समय केवल आंदोलन करने का नहीं बल्कि सरकार पर दबाव बनाकर स्थाई समाधान निकालने का है। उनका कहना है कि यह जंग सिर्फ राजनीति नहीं बल्कि भविष्य की पीढ़ियों और प्रकृति को बचाने की लड़ाई है। अब जोजरी बचाओ आंदोलन केवल एक स्थानीय धरना नहीं रह गया, बल्कि पूरे मारवाड़ क्षेत्र की आवाज़ बन गया है। 17 अगस्त को डोली टोल प्लाजा पर होने वाली यह महारैली तय करेगी कि इस पर्यावरणीय संकट को स्थाई रूप से हल करने की दिशा में सरकार कितनी गंभीर होती है।
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