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Indian Air Force Day Special : लड़ाकू विमान उड़ाने वाली तीन साहसी बेटियों की कहानी, जानिये उनकी अनोखी दास्तान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, झुंझुनू Published by: झुंझुनू ब्यूरो Updated Wed, 09 Oct 2024 11:03 AM IST
सार

हौसला बुलंद हो तो सफलताएं भी उड़ान भरती हैं। शेखावाटी की बेटियों ने इसे सच साबित कर दिखाया है। जानिये इंडियन एयरफोर्स में लड़ाकू विमान उड़ाने वाली इन बेटियों के जज्बे की कहानी

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Indian Air Force Day Special: Story of 3 courageous daughters who flew fighter planes, know their unique story
शेखावाटी की तीन बेटीओ की कहानी
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विस्तार
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हौसला बुलंद हो तो सफलता भी उड़ान भरती है। शेखावाटी क्षेत्र में झुंझुनू की बेटियों ने इसे सच कर दिखाया है। झुंझुनू के छोटे से गांव पापड़ा की रहने वाली मोहना सिंह और घूमनसर की रहने वाली प्रिया शर्मा और चुरू की प्रतिभा पूनिया देश में लड़ाकू विमान उड़ाने वाली बेटियां हैं। आज इन पर पूरे देश को नाज है।
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कागज के प्लेन उड़ाने वाली उड़ा रही है तेजस

राजस्थान की पहली महिला पायलट झुंझुनू जिले के पापड़ा की ढाणी जीतरवालों की निवासी मोहना सिंह बचपन में कागज के प्लेन बनाकर उड़ाती थी। बचपन से आसमान में प्लेन उड़ाने का सपना लिए मोहना सिंह इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद कई बार अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए परीक्षा में बैठी लेकिन असफल रहीं लेकिन लक्ष्य पाने का जज्बा खत्म नहीं हुआ। आखिरकार 18 जून 2016 में भावना कंठ व अवनी चतुर्वेदी के साथ वे पहली फाइटर प्लेन चालक बनीं। मिग 21 उड़ाने वाली स्क्वाड्रन लीडर मोहना सिंह अब तेजस उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बन चुकी हैं।
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जूती खो जाने पर बोली, हवाई जहाज से लेकर आऊंगी

चूरू जिले की प्रतिभा पूनिया वायुसेना में लड़ाकू विमान उड़ाने वाली शेखावाटी से दूसरी महिला पायलट हैं। अभी वे बीकानेर के नाल में तैनात हैं। प्रतिभा के पिता पूर्व सैनिक छोटूराम पूनिया वर्तमान में सरदार शहर में आबकारी पुलिस में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिभा 4-5 साल की थी, तब गांव के पास ही एक विमान क्रेश हो गया था।

प्रतिभा गांव वालों के साथ विमान को देखने गई तो उसके एक पैर की जूती कहीं गिर गई। घर आने पर मां से डांट पड़ी तो उसने मां से कहा चिंता मत करो हवाई जहाज से लेकर आउंगी खोई हुई जूती। दरअसल प्रतिभा बचपन से ही आसमान में उड़ने का सपना देखती थी। उसने कॉलेज में एनसीसी ज्वॉइन की और घुड़सवारी सीखी। सामने विलक्षण परिस्थिति को देखकर वे मायूस नहीं होतीं ,बल्कि उनसे लड़कर आगे बढ़ती हैं।

कर रही हैं सीमा की निगरानी

घूमनसर कला में जन्मी प्रिया शर्मा भारतीय वायुसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात हैं। वर्तमान में प्रिया बीकानेर में तैनात रहते हुए भारतीय सीमा की निगरानी कर रही है। प्रिया के पिता मनोज शर्मा भी भारतीय वायुसेना में हैं। बचपन में वे जब अपने पिता को लड़ाकू जहाज उड़ाते देखती थीं तो उसकी भी इच्छा होती थी। इसलिए उसने भी ठान लिया था कि वह भी बड़ी होकर पापा की तरह लड़ाकू विमान उड़ाएगी।

झुंझुनू से मो जावेद की रिपोर्ट

शेखावाटी की तीन बेटीओ की कहानी

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