Jodhpur: मानसून में सुरक्षित रेल संचालन की तैयारी पूरी, महाप्रबंधक ने दिए निर्देश; 167 अंडरब्रिजों पर लगे पंप
Rajasthan: रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण ने बताया कि मानसून के मद्देनजर जोन के विभिन्न समपार फाटकों, रोड ओवर ब्रिज और सीमित ऊंचाई वाले सबवे क्षेत्रों में जलभराव की संभावित समस्याओं की पहचान की गई है। इन समस्याओं से निपटने के लिए आवश्यक इंतजाम किए गए हैं।
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मानसून अवधि के दौरान सुरक्षित और निर्बाध रेल संचालन सुनिश्चित करने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे ने व्यापक तैयारियाँ की हैं। रेलवे प्रशासन ने जोन के चारों मंडलों जोधपुर, जयपुर, अजमेर और बीकानेर को विशेष सतर्कता बरतने और संरक्षा उपायों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ ने कहा कि प्रतिकूल मौसम की स्थिति में रेलवे बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और यात्रियों की सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को बारिश, तूफान और मौसम में अचानक बदलाव के समय स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण ने बताया कि मानसून के मद्देनज़र जोन के विभिन्न समपार फाटकों, रोड ओवर ब्रिज और सीमित ऊंचाई वाले सबवे क्षेत्रों में जलभराव की संभावित समस्याओं की पहचान की गई है। इन समस्याओं से निपटने के लिए आवश्यक इंतजाम किए गए हैं।
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जलभराव से निपटने को विशेष इंतजाम
बारिश के दौरान अंडरब्रिजों में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए 167 रोड अंडरब्रिजों पर पंप लगाए गए हैं। साथ ही, भारी बारिश की स्थिति में यातायात को सुरक्षित बनाए रखने और किसी भी दुर्घटना से बचाव हेतु 328 चौकीदारों को तैनात किया गया है।
इस कार्य के लिए रेलवे स्थानीय निकायों व पंचायत प्रतिनिधियों के साथ भी समन्वय कर रहा है। अंडरपास व आसपास जलभराव की समस्याओं के स्थायी समाधान हेतु उत्तर पश्चिम रेलवे ने अब तक 18.32 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
मानसून पेट्रोलिंग से निगरानी बढ़ेगी
रेलवे पटरियों की स्थिति की निगरानी के लिए विशेष ‘मानसून पेट्रोलिंग’ की व्यवस्था भी की गई है। इससे जलभराव, मिट्टी कटाव और पटरी पर किसी भी तरह की तकनीकी गड़बड़ी को समय रहते चिन्हित किया जा सकेगा।