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    Rajasthan News: प्रदेश में 8 हजार स्लीपर बसें थमीं, नवंबर से सभी प्राइवेट बसें रहेंगी ऑफ रोड
 
            	    न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जोधपुर             
                              Published by: जोधपुर ब्यूरो       
                        
       Updated Thu, 30 Oct 2025 09:55 PM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                बस ऑपरेटरों का कहना है कि विभाग सुरक्षा जांच के नाम पर एकतरफा कार्रवाई कर रहा है। अब तक एक हजार से अधिक चालान और 200 बसें सीज की जा चुकी हैं। संगठन ने सरकार से अनुरोध किया है कि नियम लागू करने के लिए समय दिया जाए और सरकारी बसों पर भी समान नियम लागू हों।
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                        स्टैंड पर खड़ीं बसें। (सांकेतिक तस्वीर)
                                    - फोटो : सोशल मीडिया 
                    
    
        
    
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विस्तार
                                                 
                ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट बस ऑनर्स एसोसिएशन के आव्हान के बाद गुरुवार रात से 8 हजार स्लीपर बसें सड़कों पर नहीं चलेंगी। राजस्थान से देश के कई राज्यों में जाने वाले इन बसों में औसत 3 लाख लोग रोजाना यात्रा करते हैं। ट्रैवल एजेंसी ने जोधपुर सहित कई शहरों से चलने वाली बसों की ऑनलाइन बुकिंग भी बंद कर दी है। संगठन ने कहा है कि दो दिन स्लीपर बसें बंद होने के बाद वे राज्य सरकार का रूप देखेंगे। सकारात्मक रूप नहीं होने पर सभी प्राइवेट बसें 2 नवंबर से ऑफ रोड हो जाएंगी।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
 
                        
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
यानी 20 हजार से ज्यादा प्राइवेट बसें सड़कों पर नहीं दौड़ेंगी। इनमें ग्रामीण सेवा में शामिल बस, स्कूल बसें, स्टेट कैरिज की बसें उप नगरीय बसें, लोक परिवहन की बसें भी शामिल हैं। ऑल इंडिया टूरिस्ट बस ओनर्स एसोसिएशन ने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। संगठन ने यात्रियों को होने वाली असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हुए सरकार से यात्री सुविधा के लिए अपने स्तर पर व्यवस्था कर लेने का भी कहा है। इससे पहले बस एसोसिएशन ने सरकार से कहा था कि बस ऑपरेटरों को कुछ वक्त दिया जाए, ताकि वह अपने बसों में नियम अनुसार परिवर्तन कर सकें।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
यही नियम सरकारी बसों पर भी लागू होने चाहिए। उन पर भी प्राइवेट बसों की तरह ही कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन विभाग एकतरफा कार्रवाई कर रहा है। 2 नवंबर से सभी प्राइवेट बसें ऑफ रोड हो जाएंगी। ऑल इंडिया टूरिस्ट की बसें 31 अक्तूबर से स्लीपर बस में बंद हो रही हैं और उसके बाद 2 नवंबर से प्रदेश की सभी प्राइवेट बसें बंद कर दी जाएंगी। इसके चलते यात्रियों को परेशानी हो सकती है। जैसलमेर जोधपुर हाईवे पर हुए बस अग्निकांड और जयपुर के मनोहरपुर में हुए हादसे के बाद विभाग सुरक्षा के नाम पर निजी बसों की चेकिंग और सीज करने का अभियान चला रखा है। एक हजार से अधिक बसों के चालान हो चुके हैं और 200 से अधिक बसें सीज की जा चुकी हैं, जिससे बस ऑपरेटर को लाखों का नुकसान हुआ है।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
         
यानी 20 हजार से ज्यादा प्राइवेट बसें सड़कों पर नहीं दौड़ेंगी। इनमें ग्रामीण सेवा में शामिल बस, स्कूल बसें, स्टेट कैरिज की बसें उप नगरीय बसें, लोक परिवहन की बसें भी शामिल हैं। ऑल इंडिया टूरिस्ट बस ओनर्स एसोसिएशन ने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। संगठन ने यात्रियों को होने वाली असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हुए सरकार से यात्री सुविधा के लिए अपने स्तर पर व्यवस्था कर लेने का भी कहा है। इससे पहले बस एसोसिएशन ने सरकार से कहा था कि बस ऑपरेटरों को कुछ वक्त दिया जाए, ताकि वह अपने बसों में नियम अनुसार परिवर्तन कर सकें।
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            यही नियम सरकारी बसों पर भी लागू होने चाहिए। उन पर भी प्राइवेट बसों की तरह ही कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन विभाग एकतरफा कार्रवाई कर रहा है। 2 नवंबर से सभी प्राइवेट बसें ऑफ रोड हो जाएंगी। ऑल इंडिया टूरिस्ट की बसें 31 अक्तूबर से स्लीपर बस में बंद हो रही हैं और उसके बाद 2 नवंबर से प्रदेश की सभी प्राइवेट बसें बंद कर दी जाएंगी। इसके चलते यात्रियों को परेशानी हो सकती है। जैसलमेर जोधपुर हाईवे पर हुए बस अग्निकांड और जयपुर के मनोहरपुर में हुए हादसे के बाद विभाग सुरक्षा के नाम पर निजी बसों की चेकिंग और सीज करने का अभियान चला रखा है। एक हजार से अधिक बसों के चालान हो चुके हैं और 200 से अधिक बसें सीज की जा चुकी हैं, जिससे बस ऑपरेटर को लाखों का नुकसान हुआ है।