Rajsamand News: सरकारी अस्पताल से चोरी हुआ नवजात आठ घंटे बाद मिला, दो बहनों ने रची थी साजिश; ऐसे खुला राज
Rajsamand News: पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी महिलाएं पिछले तीन दिन से अस्पताल में रेकी कर रही थीं। उन्होंने अस्पताल स्टाफ का रूप धारण कर खुद को नर्स बताया और इसी बहाने मां से नवजात को ले जाने में सफल रहीं। पढ़ें पूरी खबर...।
विस्तार
राजसमंद जिले के नाथद्वारा स्थित जिला चिकित्सालय से नवजात शिशु चोरी की सनसनीखेज घटना के आठ घंटे के भीतर पुलिस ने मामले का खुलासा कर शिशु को सकुशल बरामद कर उसकी मां को सौंप दिया। इस पूरे मामले में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है, जो आपस में सगी बहनें हैं और राजसमंद के बिजनोल गांव की निवासी हैं। बच्चा चोरी की यह वारदात मंगलवार को हुई, जिसने अस्पताल प्रशासन और पुलिस महकमे में खलबली मचा दी।
सीसीटीवी बना अहम सुराग
जैसे ही नवजात शिशु चोरी होने की खबर सामने आई, परिजनों द्वारा श्रीनाथजी मंदिर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई करते हुए टीमों का गठन किया और जांच के निर्देश दिए। जांच के दौरान अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिसमें दो संदिग्ध महिलाएं नवजात को ले जाती नजर आईं। इसके आधार पर पुलिस ने मुखबिरों की मदद से दोनों को कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया और बच्चे को बरामद कर लिया।
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तीन दिन से कर रही थीं रेकी, नर्स बनकर दिया वारदात को अंजाम
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी महिलाएं पिछले तीन दिन से अस्पताल में रेकी कर रही थीं। उन्होंने अस्पताल स्टाफ का रूप धारण कर खुद को नर्स बताया और इसी बहाने मां से नवजात को ले जाने में सफल रहीं।
पूछताछ में महिलाओं ने खुलासा किया कि उनमें से एक महिला लंबे समय से संतान सुख से वंचित थी। इसी मानसिक तनाव में उसने अपनी बहन के साथ मिलकर नवजात चोरी की साजिश रची। उन्होंने योजना बनाकर अस्पताल में घुसपैठ की और बच्चे को चुराकर वहां से फरार हो गईं।
संतान की चाहत बनी अपहरण का कारण
पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने बताया कि महिलाओं ने अपनी मजबूरी का हवाला देते हुए बताया कि एक बहन को बच्चा नहीं होने के कारण वह अवसाद में थी। इसी कारण उन्होंने बच्चे को चुराने की योजना बनाई।
हालांकि पुलिस की मुस्तैदी और त्वरित कार्रवाई के चलते न केवल बच्चे को समय रहते बचाया गया, बल्कि आरोपी महिलाओं को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
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बच्चा सकुशल मां को सौंपा, अस्पताल की सुरक्षा पर उठे सवाल
पुलिस की तत्परता की सराहना करते हुए परिजनों ने राहत की सांस ली, वहीं जिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। तीन दिन तक बिना किसी संदेह के दो बाहरी महिलाओं का अस्पताल परिसर में घूमना और अंततः नवजात को चुराना अस्पताल प्रशासन की गंभीर चूक को उजागर करता है।
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