सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Chhattisgarh ›   Sirohi News: PM Modi Dedicates Shanti Shikhar Academy for a Peaceful World Retreat Center to Nation

Rajasthan: ‘शांति शिखर एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड रिट्रीट सेंटर’ राष्ट्र को समर्पित, पीएम मोदी ने कही ये बात

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिरोही/रायपुर Published by: सिरोही ब्यूरो Updated Sat, 01 Nov 2025 09:02 PM IST
सार

Sirohi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवा रायपुर में ब्रह्माकुमारीज के ‘शांति शिखर एकेडमी’ का लोकार्पण कर समाज को समर्पित किया। उन्होंने आध्यात्म, विश्व शांति और पर्यावरण संरक्षण पर बल देते हुए कहा कि यह संस्थान भारत के आध्यात्मिक नेतृत्व को वैश्विक स्तर पर सशक्त बनाएगा।
 

विज्ञापन
Sirohi News: PM Modi Dedicates Shanti Shikhar Academy for a Peaceful World Retreat Center to Nation
छत्तीसगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ब्रह्माकुमारीज संस्थान के नवा रायपुर (छत्तीसगढ़) स्थित नवनिर्मित ‘शांति शिखर एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड रिट्रीट सेंटर’ को समाज के नाम समर्पित किया। इस अवसर पर उन्होंने मेडिटेशन रूम में ध्यान लगाया और विशाल ऑडिटोरियम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। इस दौरान मंच पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी जयंती दीदी और अतिरिक्त महासचिव राजयोगी डॉ. मृत्युंजय भाई सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।

Trending Videos

 
‘ब्रह्माकुमारीज ने विश्व को शांति से जोड़ा’
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्था ने केवल स्वयं को नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व को शांति के मार्ग से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि आपका पहला संबोधन ‘ओम शांति’ है, जिसमें ‘ओम’ ब्रह्मांड का प्रतीक है और ‘शांति’ उसका मूल उद्देश्य। यही ब्रह्माकुमारीज के विचारों की आत्मा है।
विज्ञापन
विज्ञापन

 
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आध्यात्मिक परंपरा शांति की राह दिखाती है, न कि केवल उसका उपदेश देती है। उन्होंने कहा कि भारत वह भूमि है, जहां हर धार्मिक अनुष्ठान का समापन विश्व कल्याण की भावना से होता है। ब्रह्माकुमारीज जैसी संस्थाएं इसी आध्यात्मिक दृष्टिकोण को साकार करती हैं।
 
पीएम ने आचरण को बताया सर्वोच्च धर्म
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्था का मूल बल आचरण और सेवा भाव में निहित है। उन्होंने कहा कि आचार्य परमोधर्म:, आचार्य परमोतपं, आचार्य परमज्ञानमं, आचार्य किं साध्यते अर्थात आचरण ही धर्म, तप और ज्ञान है। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज का हर सदस्य पहले स्वयं को कठोर तप और साधना से गुजारता है, तभी समाज को सशक्त करने का कार्य करता है।
 
संस्थान से जुड़े अनुभव साझा किए, बताया ‘अपनापन’ का रिश्ता
प्रधानमंत्री ने अपने ब्रह्माकुमारीज संस्थान से दशकों पुराने संबंध की चर्चा करते हुए कहा कि वे इस परिवार से गहराई से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि दादी जानकी और दादी हृदयमोहिनी से मिला स्नेह उनके जीवन की अमूल्य स्मृतियों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में अहमदाबाद के ‘फ्यूचर ऑफ पावर’ कार्यक्रम से लेकर प्रयागराज, आबू रोड और गुजरात के अनेक आयोजनों में मैं आपके साथ जुड़ा रहा हूं। ब्रह्माकुमारीज में मैंने हमेशा अनुभव किया है कि यहां शब्द कम और सेवा ज्यादा होती है।
 
‘हर देश में दिखती है ब्रह्माकुमारीज की उपस्थिति’
प्रधानमंत्री ने बताया कि विदेश यात्राओं के दौरान भी उन्हें लगभग हर देश में ब्रह्माकुमारीज के लोग मिले, जिनकी शुभकामनाओं से उन्हें अपनापन महसूस होता है। उन्होंने कहा कि यह संस्था केवल भारत की नहीं, बल्कि वैश्विक शांति की शक्ति बन चुकी है। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज के संकल्पों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये केवल सपने नहीं, बल्कि समाज परिवर्तन के दृढ़ संकल्प हैं।

यह भी पढ़ें- Banswara: इंदिरा के एक बटन दबाने से बदली 'कालापानी' की तस्वीर, 42 साल पहले आज के दिन बहा था माही बांध से पानी
 
अध्यात्म और पर्यावरण पर दिया संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अध्यात्म आत्मसंयम से आत्मज्ञान और आत्मसाक्षात्कार तक की यात्रा है, जो अंततः आत्मशांति की ओर ले जाती है। उन्होंने कहा कि ‘शांति शिखर’ जैसे संस्थान इसी मार्ग पर चलते हुए वैश्विक शांति के साधक तैयार करेंगे। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का आह्वान करते हुए कहा कि भारत प्रकृति संरक्षण की प्रमुख आवाज बन चुका है। उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति ने जो दिया है, उसका संरक्षण और संवर्धन आवश्यक है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी यह संपदा मिले।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड जैसे राज्यों की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के साथ यह अवसर देश के लिए विशेष है। उन्होंने विश्वास जताया कि शांति शिखर एकेडमी भारत के शांति प्रयासों को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान करेगी। वहीं, राजयोगिनी जयंती दीदी ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि परमात्मा उन्हें उत्तम स्वास्थ्य और ऊर्जा प्रदान करें, ताकि उनके नेतृत्व में भारत विश्वगुरु बनने की दिशा में आगे बढ़ता रहे।
 
कार्यक्रम में डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने छत्तीसगढ़ी टोपी और माला पहनाकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया, वहीं जयंती दीदी ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने परिसर में बनी दादी जानकी और अपनी प्रतिकृति रंगोली का भी अवलोकन किया।

यह भी पढ़ें- Rajasthan Accident: डंपर ने मजदूरों से भरी लोडिंग टैक्सी को मारी टक्कर, MP के चार लोगों की मौत; 12 हुए घायल

 

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed