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Udaipur News: सुखाड़िया विवि की कुलगुरु का इस्तीफा मंजूर, औरंगजेब को कुशल प्रशासक बताने के बाद हुआ था बवाल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उदयपुर
Published by: उदयपुर ब्यूरो
Updated Thu, 27 Nov 2025 11:04 PM IST
सार
मुगल शासक औरंगजेब को 'कुशल प्रशासक' बताने वाले बयान से उपजे विवाद के बाद मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी की कुलगुरु ने इस्तीफा दिया था, जिसे अब राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया है।
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सुखाड़िया विवि की कुलगुरु का इस्तीफा मंजूर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
औरंगजेब की तारीफ पर उठे विवाद के बाद सुखाड़िया विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो. सुनीता मिश्रा का इस्तीफा राज्यपाल ने मंजूर कर लिया है।
प्रो. मिश्रा तब विवादों में आईं थीं, जब एक वीडियो में उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब को 'कुशल प्रशासक' बताते हुए उसके शासन की सराहना की थी। वीडियो सामने आते ही विश्वविद्यालय परिसर में विरोध तेज हो गया। विभिन्न छात्र संगठनों ने इस बयान को आपत्तिजनक बताते हुए प्रदर्शन किया और कुलगुरु के खिलाफ लिखित शिकायतें दर्ज कराईं।
विवाद बढ़ने के बाद प्रो. मिश्रा के खिलाफ अन्य प्रशासनिक और व्यवहार संबंधी शिकायतें भी सामने आईं। इन सभी मामलों को गंभीरता से लेते हुए उदयपुर संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की गई थी। समिति ने जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी, जिसके आधार पर राज्यपाल ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया।
ये भी पढ़ें: Jodhpur News: गैंगस्टर का महिमामंडन करने वाले दो गिरफ्तार, लॉरेंस बिश्नोई के नाम से बेच रहे थे जैकेट
इस प्रकरण के दौरान राज्य सरकार के तकनीकी सलाहकार बी.पी. सारस्वत ने भी प्रो. मिश्रा के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी। बढ़ते दबाव के चलते प्रो. मिश्रा ने कुलगुरु पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे अब औपचारिक मंजूरी दे दी गई है।
इस्तीफे के बाद विश्वविद्यालय में नए कुलगुरु की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार सरकार जल्द ही अंतरिम कुलगुरु की नियुक्ति और स्थायी पद पर चयन प्रक्रिया शुरू करने पर निर्णय ले सकती है।
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प्रो. मिश्रा तब विवादों में आईं थीं, जब एक वीडियो में उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब को 'कुशल प्रशासक' बताते हुए उसके शासन की सराहना की थी। वीडियो सामने आते ही विश्वविद्यालय परिसर में विरोध तेज हो गया। विभिन्न छात्र संगठनों ने इस बयान को आपत्तिजनक बताते हुए प्रदर्शन किया और कुलगुरु के खिलाफ लिखित शिकायतें दर्ज कराईं।
विवाद बढ़ने के बाद प्रो. मिश्रा के खिलाफ अन्य प्रशासनिक और व्यवहार संबंधी शिकायतें भी सामने आईं। इन सभी मामलों को गंभीरता से लेते हुए उदयपुर संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की गई थी। समिति ने जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी, जिसके आधार पर राज्यपाल ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया।
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इस प्रकरण के दौरान राज्य सरकार के तकनीकी सलाहकार बी.पी. सारस्वत ने भी प्रो. मिश्रा के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी। बढ़ते दबाव के चलते प्रो. मिश्रा ने कुलगुरु पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे अब औपचारिक मंजूरी दे दी गई है।
इस्तीफे के बाद विश्वविद्यालय में नए कुलगुरु की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार सरकार जल्द ही अंतरिम कुलगुरु की नियुक्ति और स्थायी पद पर चयन प्रक्रिया शुरू करने पर निर्णय ले सकती है।