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Constitution Day 2025: भारत की हर महिला को जानने चाहिए ये 7 कानून, जो बनेंगे आपकी ढाल
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिवानी अवस्थी
Updated Sat, 22 Nov 2025 02:44 PM IST
सार
Constitution Day 2025: महिलाओं के लिए 7 कानूनों की जानकारी न सिर्फ सुरक्षा का आधार है, बल्कि आत्मविश्वास का स्तंभ भी है। इस लेख में दिए गए कानून पाॅश से लेकर स्टॉकिंग, मारपीट, रेप और दहेज तक, हर महिला पर लागू होते हैं। यह कानून स्पष्ट, कड़े और महिला-केंद्रित हैं।
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महिलाओं के लिए कानून
- फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
Indian Constitution Day 2025: भारतीय संविधान केवल किताब नहीं, यह हर महिला का कवच है। दुख की बात है कि भारत की अधिकांश महिलाएं उन अधिकारों से अनजान हैं, जो उन्हें रोजमर्रा के संघर्षों में सुरक्षा दे सकते हैं। कार्यस्थल पर उत्पीड़न हो, सड़क पर पीछा करना हो, सोशल मीडिया पर बदसलूकी हो या घर के भीतर हिंसा, कानून पहले से ही आपके पक्ष में खड़े हैं।
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लेकिन कानूनी ढाल तभी काम करती है, जब आप उसे जानती हों। 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर यह जानना जरूरी है कि भारत की हर महिला के पास ऐसे अधिकार हैं, जो मुश्किल समय में किसी भी दोस्त या रिश्तेदार से अधिक ताकत दे सकते हैं।
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आज के दौर में, जहां महिलाएं काम, पढ़ाई और यात्रा में पहले से अधिक स्वतंत्र हैं, वहीं जोखिम भी बढ़े हैं। ऐसे में इन 7 कानूनों की जानकारी न सिर्फ सुरक्षा का आधार है, बल्कि आत्मविश्वास का स्तंभ भी है। इस लेख में दिए गए कानून पाॅश से लेकर स्टॉकिंग, मारपीट, रेप और दहेज तक, हर महिला पर लागू होते हैं। यह कानून स्पष्ट, कड़े और महिला-केंद्रित हैं। इन्हें पढ़िए, समझिए और जरूरत पड़ने पर अपने लिए आवाज उठाइए। क्योंकि जागरूकता से ही सुरक्षित हैं।
भारतीय महिलाओं के लिए 7 महत्वपूर्ण कानून
1. POSH Act 2013
ये अधिनियम महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षा का अधिकार देता है। कानून के तहत हर कंपनी में यौन उत्पीड़न शिकायत समिति (ICC) होना अनिवार्य है। इस कानून के उल्लंघन पर कंपनी पर 50,000 रुपये का जुर्माना और बार-बार उल्लंघन पर लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
2. BNS Section 74
ये कानून महिला छेड़छाड़ और अवांछित स्पर्श अपराध से संबंधित है। इसके अंतर्गत किसी भी तरह का अवांछित स्पर्श, अश्लील हरकत या छेड़छाड़ कानूनन अपराध शामिल है। इस कानून के तहत 3 से 7 साल तक की जेल हो सकती है और जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
3. BNS Section 77
भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 77 के तहत वॉयूरिज़्म यानी बिना अनुमति फोटो/वीडियो बनाना अपराध है। किसी महिला की फोटो या वीडियो उसकी अनुमति के बिना रिकॉर्ड या शेयर करना अपराध माना गया और इस अपराध में पकड़े जाने पर पहली बार 3 साल की जेल और दोबारा पकड़े जाने पर7 साल की जेल की सजा हो सकती है।
4. घरेलू हिंसा अधिनियम (2005)
किसी महिला का शारीरिक तौर पर, भावनात्मक तौर पर, शब्दों से या लाइफस्टाइल कंट्रोल करके और आर्थिक शोषण करना अपराध माना गया। इस अपराध के दंडस्वरूप एक साल की जेल और 20000 रुपये जुर्माना देना पड़ सकता है।
5. BNS Section 78
धारा 78 के तहत पीछा करना यानी Stalking को भी अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया। लगातार फॉलो करना, कॉल या मैसेज से परेशान करना और ऑनलाइन स्टॉकिंग सबकुछ अपराध है। इस अपराध के परिणामस्वरूप पहली बार में 3 साल की जेल और दूसरी बार आरोप सिद्ध होने पर 5 साल की जेल हो सकती है।
6. BNS Sections 63, 64, 65
ये धारा रेप अपराध से सुरक्षा देती है। इसमें जबर्दस्ती शारीरिक संबंध, मना करने पर दबाव डालना या सहमति के बिना संबंध गंभीर अपराध माना जाता है। इस अपराध के लिए 10 साल से लेकर उम्र कैद की सजा और जुर्माना देना पड़ता है।
7. दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961
भारत में दहेज आज भी लागू है। हालांकि कानून द्वारा महिलाओं को दहेज से बचाव की सुरक्षा मिली है। इस अधिनियम के तहत दहेज मांगना, किसी भी रूप में दहेज देना या लेना अवैध माना जाता है। कानून के उल्लंगन पर 5 साल की जेल, 15000 रुपये या दहेज राशि जितना जुर्माना देना पड़ सकता है।

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