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Mission Shakti: गांव की महिलाओं को मिली 'पावर'! भदोही की रेखा देवी ऐसे बनी मिसाल
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला
Published by: शिवानी अवस्थी
Updated Thu, 11 Dec 2025 02:47 PM IST
सार
भदोही की रेखा देवी ने परिवार की आय बढ़ाने और पति की मदद के लिए उद्यमिता की ओर कदम रखा। सरकारी योजना के तहत मिले ऋण से उन्होंने अपनी उद्योग शुरू किया। आज वह गांव की अन्य महिलाओं को रोजगार देने में सक्षम हो चुकी हैं।
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भदोही की रेखा देवी बनी उद्यमी
- फोटो : mission Shakti
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विस्तार
Mission Shakti: उत्तर प्रदेश की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। यूपी की योगी सरकार की पहल से गांव-गांव में महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास अब जमीन पर दिखाई देने लगा है। राज्य के भदोही जिले के जगदीपुर गांव की 29 वर्षीय रेखा देवी इसी बदले हुए उत्तर प्रदेश की मिसाल हैं। कभी सिलाई कर घर चलाने में मदद करने वाली रेखा आज “प्रियल” नाम से अपना डिटर्जेंट पाउडर बना रही हैं। जिसके जरिए नियमित आय के साथ ही गांव की अन्य महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन के अनुसार योगी आदित्यनाथ सरकार की जन उपयोगी योजनाओं के जरिए लोग व्यवसाय कर अपने साथ ही अन्य लोगों का भी जीवन बेहतर बना रहे हैं।
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रेखा देवी ने अपना डिटर्जेंट पाउडर का उद्यम शुरू किया
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि बी.ए. तक पढ़ी रेखा देवी साधारण परिवार से हैं। पति बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं और तीन छोटे बच्चे हैं। बढ़ते खर्च और जिम्मेदारियों के बीच उन्होंने तय किया कि अब परिवार की आय बढ़ाने के लिए कुछ बड़ा करना होगा। स्वयं सहायता समूह ‘जय हनुमान SHG’ से जुड़ने के बाद उन्हें ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (R-SETI) और परियोजना टीम के माध्यम से जानकारी मिली कि डिटर्जेंट पाउडर उत्पादन एक अच्छा विकल्प हो सकता है। जिसके लिए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पूरी मदद कर रही है।
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साल भर में बढ़ी रेखा देवी की आय
सामुदायिक बैठकों और वर्कशॉप के दौरान उन्होंने अपनी योजना रखी। मूल्यांकन के बाद परियोजना टीम ने उन्हें "रंग दे एमएफआई" योजना के माध्यम से 80,000 रुपये का ऋण उपलब्ध कराया। इसमें 20,000 रुपये अपनी तरफ से जोड़कर रेखा ने मशीनें खरीदी, कच्चा माल लिया और पैकेजिंग के साथ “प्रियल” ब्रांड की शुरुआत कर दी। एक साल के भीतर ही रेखा देवी की आय 4,000 रुपये से बढ़ कर 10,000 रुपये प्रतिमाह हो गई।
आर्थिक स्थिति हुई सुदृढ़
ग्रामीणों के अनुसार रेखा देवी ने सिर्फ अपने घर की आर्थिक स्थिति ही नहीं सुधारी, बल्कि परिवार के हर सदस्य को इस काम से जोड़ा। आज वह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से भुगतान लेती हैं, वित्तीय लेन-देन खुद संभालती हैं और सिलाई से भी अतिरिक्त आय अर्जित करती हैं।
रेखा की बदली जिंदगी का असर बच्चों पर भी पड़ा है। अब तीनों बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ़ रहे हैं। गांव की महिलाएं बताती हैं कि रेखा देवी ने दिखा दिया कि सही मार्गदर्शन, वित्तीय सहयोग और मेहनत मिल जाए तो गांव की महिलाएं भी अपने पैरों पर मजबूती से खड़ी हो सकती हैं।
हर घर में आत्मनिर्भरता की रोशनी
भविष्य को लेकर रेखा का उत्साह और बढ़ गया है। वह कहती हैं कि अगर योगी सरकार का सहयोग इसी तरह मिलता रहा तो आगे चलकर मैं डिटर्जेंट के साथ टॉयलेट क्लीनर और अन्य उत्पाद भी बनाना शुरू करूंगी। रेखा चाहती हैं कि और महिलाएं मेरे साथ जुड़ें और अपना जीवन बदलें।
रेखा देवी की इस बात का संकेत है कि योगी सरकार की महिला सशक्तिकरण योजनाएं केवल कागजों पर नहीं, बल्कि गांवों में नई संभावनाएं गढ़ रही हैं। जहां हर घर में आत्मनिर्भरता की नई रोशनी जल रही है। उन्होंने खुद को आत्मनिर्भर तो बनाया ही है, गांव की अन्य महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध कराया है।

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