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Nepal PM Interim PM: जेनजी आंदोलन के बाद नेपाल को मिली पहली महिला प्रधानमंत्री, जानिए कौन हैं सुषीला कार्की
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला
Published by: शिवानी अवस्थी
Updated Sat, 11 Oct 2025 03:46 PM IST
सार
Nepal Interim PM Sushila Karki: प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे और संसद के भंग होने के बाद नेपाल ने पहली बार एक महिला नेता को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया, जिनका नाम है सुषीला कार्की।
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सुशीला कार्की, अंतरिम प्रधानमंत्री, नेपाल
- फोटो : ANI
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विस्तार
Sushila Karki: नेपाल की राजनीति ने सितंबर 2025 में एक ऐतिहासिक मोड़ लिया, जब जन-Z के नेतृत्व में हुए युवा आंदोलनों ने पुरानी सत्ता को हिला दिया। प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे और संसद के भंग होने के बाद नेपाल ने पहली बार एक महिला नेता को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया, जिनका नाम है सुषीला कार्की। यह न सिर्फ नेपाल की राजनीति का नया अध्याय है, बल्कि दक्षिण एशिया में महिला नेतृत्व के उभरते युग की भी शुरुआत है। उनका छह महीने का अंतरिम कार्यकाल नेपाल के भविष्य के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।
कौन हैं सुषीला कार्की?
सुषीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को बिराटनगर में हुआ। उन्होंने त्रिभुवन विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और आगे की पढ़ाई बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से पूरी की। कानून की पढ़ाई के बाद उन्होंने न्यायपालिका में कदम रखा और 2016 में नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं। अपने सख्त फैसलों और भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर रुख के कारण कार्की हमेशा चर्चा में रहीं। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक मामलों में निडर होकर निर्णय दिए, जिससे वे ईमानदार न्याय की पहचान बन गईं।
जन आंदोलन और सत्ता परिवर्तन
2025 में जब युवाओं ने बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार और राजनीतिक अपारदर्शिता के खिलाफ सड़कों पर उतरकर Gen Z Protests शुरू किए, तो सुषीला कार्की उनके प्रतीक बन गईं। आंदोलन के बढ़ते दबाव में प्रधानमंत्री ओली ने इस्तीफा दिया और संसद भंग कर दी गई। ऐसे में कार्की को सर्वसम्मति से अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया ताकि वे पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की तैयारी कर सकें।
नेपाल के लिए नई उम्मीद
सुषीला कार्की का लक्ष्य है,
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कौन हैं सुषीला कार्की?
सुषीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को बिराटनगर में हुआ। उन्होंने त्रिभुवन विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और आगे की पढ़ाई बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से पूरी की। कानून की पढ़ाई के बाद उन्होंने न्यायपालिका में कदम रखा और 2016 में नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं। अपने सख्त फैसलों और भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर रुख के कारण कार्की हमेशा चर्चा में रहीं। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक मामलों में निडर होकर निर्णय दिए, जिससे वे ईमानदार न्याय की पहचान बन गईं।
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जन आंदोलन और सत्ता परिवर्तन
2025 में जब युवाओं ने बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार और राजनीतिक अपारदर्शिता के खिलाफ सड़कों पर उतरकर Gen Z Protests शुरू किए, तो सुषीला कार्की उनके प्रतीक बन गईं। आंदोलन के बढ़ते दबाव में प्रधानमंत्री ओली ने इस्तीफा दिया और संसद भंग कर दी गई। ऐसे में कार्की को सर्वसम्मति से अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया ताकि वे पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की तैयारी कर सकें।
नेपाल के लिए नई उम्मीद
सुषीला कार्की का लक्ष्य है,
- पारदर्शी शासन और ईमानदार राजनीति को बढ़ावा देना
- युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाना
- न्यायपालिका और राजनीति के बीच संतुलन स्थापित करना
- नेपाल को एक नए लोकतांत्रिक युग में प्रवेश दिलाना।

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