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आयुर्वेदिक नुस्खे: माइग्रेन भगाना है तो घेवर-देसी घी खाएं, भूलकर भी न करें ऐसा भोजन

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला Published by: Krishan Singh Updated Sun, 10 Nov 2019 04:21 PM IST
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Ayurvedic tips to eradicate migraine, eat Ghevar desi ghee for migraine
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माइग्रेन रोग युवा अवस्था में अधिक होता है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं तीन गुना ज्यादा इस रोग की चपेट में आती हैं। इस रोग में सिर के आधे हिस्से में तेज दर्द होने के कारण इसे अधकपारी अथवा आधासीसी भी कहा जाता है।

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दर्द के साथ उल्टी भी होती है। फोटोफोबिया (उजाले से डर लगना), आंखों में चिंगारी जैसा, कानों में घंटियां बजना, पीला पड़ना, पसीना आने की अनेक रोगी शिकायत करते हैं।
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अनेक महिलाओं में माहवारी से पहले होने वाला तनाव भी इस रोग को पैदा करता है। बुढ़ापे में यह रोग कम दिखाई देता है। यह रोग पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है। अधिक बढ़ने पर इससे आंख अथवा कान में स्थायी विकृति पैदा होने लगती है और हानि पहुंचती है।

इन वजहों से होता है माइग्रेन

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डॉ. अनुराग विजयवर्गीय, एमडी आयुर्वेद - फोटो : अमर उजाला

एमडी आयुर्वेद डॉ. अनुराग विजयवर्गीय के अनुसार रूखा भोजन करना, आहार पचने से पहले पुन: भोजन करना, मल-मूत्रादि के वेगों को रोकना, अत्यधिक परिश्रम, अधिक व्यायाम, अति स्त्री सहवास, दिन में सोना इत्यादि। धूम्रपान, गर्भ-निरोधक गोलियां, यकृत विकार, दांत-दर्द, मौसम में परिवर्तन, तेज प्रकाश, नींद कम आना, तनाव, मस्तिष्क को रक्त की आपूर्त्ति करने चाली धमनियों का संकुचित होना माइग्रेन के कारण हैं।

सेवन से बचें: डिब्बा बंद खाद्य-पदार्थ, चाइनीज फूड, चॉकलेट, खमीर उठाकर बनाए गए खाद्य पदार्थ, सिरका, प्रोसेस्ड मक्खन, रेड मीट, रेड वाइन, इमली, अमचूर, केला, चावल, दूध, आइसक्रीम, रूखे पदार्थ, आलू, बैंगन, उड़द की दाल, प्याज, तेल, अचार, लस्सी, चावल, रात को जागना, दर्द के समय भोजन, ध्वनि प्रदूषण।

माइग्रेन से निजात के लिए इन चीजों का सेवन करें

खिचड़ी, मूंग की दाल, गेहूं की रोटी, देशी घी में बनी ताजा जलेबियां, राजस्थानी मिठाई घेवर इस रोग के लिए अत्यंत लाभदायक है। भोजन के बाद घी, शवासन, जिस समय सिरदर्द शुरू हो उस समय नाक का जो स्वर चल रहा है, उसे बदल दें। जिस स्वर में दर्द पैदा हुआ है, उसी करवट लेट जाएं, थोड़ी ही देर में नाक का दूसरा स्वर चलने लगेगा और माइग्रेन के लक्षण शांत होने लगेंगे।

नियमित रूप से कैल्शियम और मैग्नीशियम युक्त आहारों का सेवन करें। जैसे साबुत अनाज, ज्वार, बाजरा, सोयाबीन, चना, मटर, मसूर, करेला, बादाम, काजू, अखरोट, पके हुए आम, प्लम, हरे-पीले अंगूर, अनार, पाइन ऐपल, चेरी, अमरूद, करेला, प्याज के पत्ते, कमल नाल, हरी पत्तेदार सब्जियां। चोकर की चाय: दस ग्राम चोकर (ब्राउन) लेकर इसे एक गिलास पानी में चाय की ही भांति उबालें।

इसमें दूध और शक्कर मिलाकर सुबह-शाम चाय की ही भांति पीएं। नियमित रूप से दोनों नाक के छिद्रों में बादाम रोगन या देशी गाय का घी डालें। देशी गाय के घी को सूंघते रहने से भी अनेक रोगियों को लाभ मिल जाता है। अच्छी नींद को योग प्राणायाम: पांच बार भ्रामरी, सात बार उद्गीथ प्राणायाम करें। सोने से पहले शवासन अच्छा रहेगा।

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