Himachal: रैगिंग पर सभी जिलों के एसपी से पांच साल का रिकॉर्ड तलब, ताजा मामले के बाद पुलिस मुख्यालय अलर्ट
प्रदेश के दो प्रतिष्ठित संस्थानों में रैगिंग के गंभीर आरोपों ने पुलिस मुख्यालय को कठोर रुख अपनाने पर मजबूर कर दिया है।
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हिमाचल प्रदेश के दो प्रतिष्ठित संस्थानों में रैगिंग के गंभीर आरोपों ने पुलिस मुख्यालय को कठोर रुख अपनाने पर मजबूर कर दिया है। चंबा मेडिकल कॉलेज और सुजानपुर सैनिक स्कूल में लगातार सामने आए मामलों के बाद डीजीपी कार्यालय ने पूरे हिमाचल से पिछले पांच वर्षों में दर्ज सभी रैगिंग प्रकरणों का रिकॉर्ड तलब कर लिया है। इसके लिए सभी जिला पुलिस प्रमुखों को लिखित आदेश जारी कर तुरंत जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए निर्देशित किया गया गया है। बीते 2 दिसंबर को चंबा मेडिकल कॉलेज में जूनियर छात्र ने रैगिंग की शिकायत की थी। इसकी जांच एंटी रैगिंग कमेटी को सौंपी गई। मामले में एक छात्र 15 दिन के लिए निलंबित हुआ जबकि तीन छात्रों को माफीनामा लेकर और चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
वहीं, तीन दिसंबर को सुजानपुर सैनिक स्कूल में नाबालिग छात्र ने छह वरिष्ठ छात्रों और दो वार्डन पर रैगिंग और शारीरिक उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इस मामले में स्कूल प्रबंधन और एंटी रैगिंग कमेटी की भूमिका पर सवाल उठे हैं। इन दोनों प्रकरणों के बाद पुलिस निदेशालय ने रैगिंग जैसे दंडनीय अपराधों पर गंभीरता दिखाते हुए प्रदेश में अब तक रिपोर्ट हुए मामलों का पूरा रिकॉर्ड तलब किया है। डीजीपी कार्यालय की ओर से सभी पुलिस अधीक्षकों को भेजे गए पत्र में निर्देश दिए गए हैं कि उनके जिलों में पिछले पांच वर्षों में दर्ज रैगिंग के कितने मामले सामने आए, क्या कार्रवाई हुई और कितने मामले अभी लंबित हैं, यह पूरी जानकारी जल्द निदेशालय को भेजी जाए।
मेडिकल कॉलेज चंबा में एक साल से कर रहे थे रैगिंग, नहीं लगी भनक
मेडिकल कॉलेज चंबा रैगिंग मामले में एक एमबीबीएस छात्र को 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया है। इस बीच जांच में खुलासा हुआ कि एक साल से सीनियर एमबीबीएस छात्र जूनियर की रैगिंग करते रहे। इसकी एंटी रैगिंग कमेटी और फ्लाइंग स्क्वायड को इसकी भनक नहीं लगी। इससे कहीं न कहीं इन दोनों कमेटियों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आती है। हाल ही में जब रैगिंग का मामला सामने आया तो एंटी रैगिंग कमेटी ने सभी जूनियर छात्रों से पूछताछ की। इसमें यह खुलासा हुआ कि सीनियर छात्र उनसे अपने कमरे में बुलाकर रैगिंग करते थे, भले ही वह इंट्रो देने से संबंधित हो। इससे प्रबंधन से लेकर एंटी रैगिंग कमेटी और फ्लाइंग स्क्वायड की सक्रियता की पोल खुलती है। फ्लाइंग स्क्वायड का गठन इसलिए किया गया था, ताकि समय-समय पर होस्टलों में जाकर रैगिंग को लेकर छानबीन की जा सके। या तो फ्लाइंग स्क्वायड ने निरीक्षण ही नहीं किया या फिर निरीक्षण के दौरान गंभीरता से छात्रों से पूछताछ ही नहीं की गई। मेडिकल कॉलेज चंबा में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के एक छात्र ने शिकायत की थी, जिसमें द्वितीय वर्ष के प्रशिक्षु पर रैगिंग के गंभीर आरोप लगाए गए थे। कमेटी ने जांच के बाद आरोपी प्रशिक्षु डॉक्टर को 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया है। तीन अन्य से माफीनामा लिया और उन्हें चेतावनी देकर छोड़ा गया।
रैगिंग को लेकर प्रबंधन पूरी तरह से सख्त है, जिसके चलते आरोपी प्रशिक्षुओं पर कार्रवाई भी की जा रही है।- डॉ. पंकज गुप्ता, कार्यवाहक प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज चंबा