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HP Cloud Burst: बादल फटने के बाद 56 लोग अभी लापता, मरने वालों की संख्या 19 पहुंची, 370 को सुरक्षित बचाया

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला/मंडी Published by: Krishan Singh Updated Thu, 03 Jul 2025 04:27 PM IST
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सार

बादल फटने से हुई तबाही में मरने वालों की संख्या 19 हो गई है। मंडी जिले में लापता लोग 34 से बढ़कर 56 हो गए हैं। इनमें सर्वाधिक 46 लोग सराज क्षेत्र के हैं। 

Himachal cloudburst update: NDRF, SDRF search operation continues for missing people, know weather forecast
थुनाग में तबाही, मलबे के साथ बह गई गाड़ी। - फोटो : संवाद
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से हुई तबाही में मरने वालों की संख्या 19 हो गई है। मंडी जिले में लापता लोग 34 से बढ़कर 56 हो गए हैं। इनमें सर्वाधिक 46 लोग सराज क्षेत्र के हैं। थुनाग में आठ, गोहर में छह लोगों की मौत, करसोग में एक की मौत, कांगड़ा में दो, नादौन और जोगिंद्रनगर में एक-एक जान गई है। 370 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंडी के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद रेस्क्यू और आपदा राहत के लिए वायुसेना की मदद मांगी है। सराज के थुनाग में 16, पखरैर में 18, जरोल में 7, चिऊणी में 4 और पांडवशीला में एक व्यक्ति लापता है। गोहर उपमंडल के स्यांज और बाड़ा परवाड़ा में छह लोगों की मौत हुई हैं जबकि आठ लापता हैं। करसोग उपमंडल में एक की मौत हुई है। जबकि दो लोग लापता हैं। बादल फटने और भूस्खलन के चलते थुनाग और जंजैहली उपमंडल में सड़कें ध्वस्त हो गई हैं। कई क्षेत्रों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासन की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हैं। 

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मानसून सीजन में अब तक 63 लोगों की माैत
सोमवार रात को बादल फटने और भारी बारिश-भूस्खलन से प्रदेश में 100 से अधिक सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं।  सरकारी आंकड़ों के अनुसार मंडी में 154  घर, 106 गोशालाएं, 14 पुल ध्वस्त हो गए हैं। 31 गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। 164 मवेशियों की माैत हुई है। प्रदेश में सैकड़ों बिजली ट्रांसफार्मर व पेयजल योजनाएं ठप हैं। कुल्लू की बंजार घाटी में फंसे करीब 250 सैलानी सुरिक्षत निकाल लिए गए हैं।  सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस मानसून सीजन के दाैरान 20 जून से 2 जुलाई तक प्रदेश में आपदा से 63 लोगों की माैत हो चुकी है। 109 लोग घायल हुए हैं और 40 लापता हैं। 13 पक्के व 44 कच्चे मकान भी ध्वस्त हो गए। 179 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। कुल 40,702.43 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। वहीं सड़क हादसों में 26 लोगों की माैत हुई है। 

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प्रदेश में एक सप्ताह तक भारी बारिश का अलर्ट, इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट
माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य में 9 जुलाई तक भारी बारिश जारी रहने का अलर्ट है। 3,4,8 व 9 जुलाई के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। जबकि 5 से 7 जुलाई तक कई भागों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमाैर जिले में अलग-अलग दिन भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है।  ऐसे में लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है। नदी-नालों, भूस्खलन के प्रति संवेदनशील स्थलों से दूर रहने की सलाह दी गई है। साथ ही माैसम की स्थिति के अनुसार अपनी यात्रा तय करने को कहा गया है। अगले 24 घंटों के दौरान कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर जिले के कुछ जलग्रहण क्षेत्रों और पड़ोस में मध्यम बाढ़ का खतरा होने की संभावना है।  वहीं बीते 24 घंटे के दाैरान पच्छाद में 133.3, मैहरे बड़सर 92.0, जुब्बड़हट्टी 59.4, जटोन बैराज 56.0, ऊना 55.2, बैजनाथ 55.0, नाहन 42.5, ब्राह्मणी 42.2, बग्गी 37.5, बीबीएमबी 35.2, मुरारी देवी 34.6, कांगड़ा 32.6 व सराहन में 29.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।  शिमला में आज भी झमाझम बारिश हो रही है। 

लिंडीधार गांव में भूस्खलन से घरों को खतरा
सोलंगनाला से कुछ दूर पहली स्नो गैलरी के पास भारी भूस्खलन होने से मनाली-लेह मार्ग यातायात के लिए बंद हो गया। बादल फटने से हुई भारी बारिश के कारण स्नो गैलरी के समीप बहने वाला नाला उफान पर आ गया। इससे भारी मात्रा में मलबा सड़क पर आ गया है। डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने बताया कि सीमा सड़क संगठन को यातायात बहाल करने के लिए कहा गया है। वहीं शिमला के ढली स्थित लिंडीधार गांव में भूस्खलन से घरों को खतरा पैदा हो गया है। यहां निर्माणाधाीन फोरलेन का डंगा गिर गया है।  लगातार मलबा नीचे की ओर माैजूद गांव की तरफ खिसक रहा है।

जल शक्ति विभाग की 3,698 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त: मुकेश
 हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण अब तक जल शक्ति विभाग की 3,698 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। इनमें 2,786 जलापूर्ति, 733 सिंचाई और 41 सीवरेज परियोजनाएं शामिल हैं। विभाग की ओर से अब तक लगभग 240 करोड़ रुपये की क्षति का आकलन किया गया है। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि हालात की गंभीरता को देखते हुए जल शक्ति विभाग को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विभाग ने युद्धस्तर पर बहाली का कार्य आरंभ कर दिया है। विभाग को प्राथमिकता के आधार पर पेयजल और सीवरेज सेवाओं को बहाल करने के निर्देश दिए हैं। अब तक 1,591 जलापूर्ति परियोजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है। 

धनेटा में बहा वैकल्पिक मार्ग, यातायात ठप्प
 देररात से शुरू हुई बारिश से मैहरे-धनेटा सड़क पर बाजार से करीब 200 मीटर की दूरी पर निर्माणाधीन पुल के लिए बना वैकल्पिक मार्ग नाले का जलस्तर बढ़ने से बह गया। लगातार बारिश के चलते गुरुवार सुबह यहां पर नाले के पानी वैकल्पिक मार्ग को बहाकर ले गया। यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। पैदल आवागमन निर्माणाधीन पुल से हो रहा है लेकिन वाहनों की आवाजाही बंद हो गई।

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