Himachal News: केंद्र से कम मदद आएगी मदद, आर्थिक प्रबंधन ने जुटी हिमाचल सरकार, जानें पूरा मामला
राजस्व घाटा अनुदान के पिछले साल से आधा होने के चलते इस वित्त वर्ष के अंतिम महीनों में हिमाचल सरकार पर आर्थिक तंगहाली आएगी।


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केंद्र सरकार से कम वित्तीय मदद आने की परिस्थितियां बनने के बीच सुक्खू सरकार अपने उपायों से आर्थिक प्रबंधन में जुटी है। राजस्व घाटा अनुदान के पिछले साल से आधा होने के चलते इस वित्त वर्ष के अंतिम महीनों में हिमाचल सरकार पर आर्थिक तंगहाली आएगी। इससे कर्मचारियों-पेंशनरों की तात्कालिक देनदारियां प्रभावित न हों, इसके लिए कवायद चल रही है। विभागों में लंबित पड़े बजट का ब्याज वापस लाना भी इसी मुहिम का हिस्सा है। 15वें वित्तायोग ने आय और व्यय के बीच के अंतर की पूर्ति के लिए वर्ष 2021 से लेकर 2026 के बीच 37,199 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुदान निर्धारित किया था। वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह ग्रांट 9,377 करोड़ रुपये मिली। वर्ष 2023-24 में 8058 करोड़ जारी हुई। 2024-25 में यह 6258 करोड़ रुपये प्राप्त हुई। चालू वित्त वर्ष 2025-26 में 3257 करोड़ रुपये ही मिल रही है।
गैर एकल नोडल एजेंसी (एसएनए) खातों के बजट के ब्याज को ट्रेजरी में डलवाने के लिए 32 सब माइनर हेड बनाए गए हैं। अलग-अलग विभागों और अन्य सरकारी संस्थानों के लिए अलग-अलग हेड दिए गए हैं। प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को भी निर्देश जारी किए गए हैं। उन्हें ब्याज की राशि ट्रेजरी में डालने के निर्देश दिए गए हैं। एसएनए या एकल नोडल एजेंसी खाता एक केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए केंद्र सरकार की ओर से धन जारी करने के लिए एक एकल खाता है। इसका ब्याज ट्रेजरी में नहीं डाला जा सकेगा।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू मंगलवार को इसकी समीक्षा करेंगे कि किस सरकारी विभाग ने कितना ब्याज लौटाया। आर्म्सडेल भवन में मुख्यमंत्री सुक्खू संबंधित बैठक की अध्यक्षता चार बजे के बाद करेंगे। इसमें विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की ओर से खर्च न किए गए बजट की समीक्षा की जाएगी।