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Shimla News: हर भवन में पार्किंग अनिवार्य, फिर भी घर के आगे सड़क किनारे लग रहीं वाहनों की कतारें

Shimla Bureau शिमला ब्यूरो
Updated Sun, 07 Dec 2025 11:58 PM IST
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vehicles parking problem in shimla
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पार्किंग का पंगा-2
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शहर में हर व्यावसायिक क्षेत्र में गाड़ियों के लिए पार्किंग फ्लोर दिखाने पर ही पास होता है भवन का नक्शा
शहर में ऐसे करीब एक हजार भवनों में ही पार्किंग, उनमें भी कई लोग खोल रहे हैं दुकानें-ढाबे
अमर उजाला ब्यूरो
शिमला। राजधानी में भवन निर्माण में पार्किंग की शर्त अनिवार्य होने के बावजूद ज्यादातर लोगों की गाड़ियां सड़क किनारे खड़ी हो रही हैं। इसका बड़ा कारण रिहायशी इलाकों में इस शर्त का सख्ती से लागू न होना है। शहर में करीब 30 हजार भवन हैं। इनमें एक हजार भवन मालिक ही ऐसे हैं जिनके पास अपने भवन के भीतर पार्किंग की सुविधा है। इनमें भी कई भवन मालिकों ने पार्किंग की जगह दुकानें-ढाबे खोल दिए हैं।
नगर निगम के नियमों के अनुसार शहर के हर व्यावसायिक क्षेत्र में भवन का नक्शा तभी पास होता है जब इसमें पार्किंग फ्लोर का प्रावधान है। भवन मालिक को बताना होता है कि उसने पार्किंग के लिए कौन सी मंजिल रखी है। रिहायशी इलाकों में यह शर्त लागू करने पर ज्यादा सख्ती नहीं है। इस कारण ज्यादातर भवन बिना पार्किंग के बने हैं। शहर के ज्यादातर भवनों में पार्किंग न बनने का बड़ा कारण बिना नक्शे के निर्माण होना भी है। नगर निगम में बीते 30 साल में कई पंचायती इलाके मर्ज हुए हैं। इनमें पहले भवन निर्माण के लिए नक्शा पास करने की शर्त सख्ती से लागू नहीं थी। इसके चलते ज्यादातर लोगों ने बिना नक्शे के ही निर्माण किया है। अब जब ये इलाके नगर निगम में शामिल हुए तो इनके भवन अवैध हो गए। ये लोग अब चाहकर भी अपने भवन में पार्किंग फ्लोर नहीं बना पा रहे हैं।
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सेटबैक-बेसमेंट में पार्किंग बनाने की छूट, पर थोप दीं कई शर्तें
नगर निगम ने हाल ही में शहरवासियों को भवनों के सेटबैक में पार्किंग बनाने की छूट दी है लेकिन इसमें भी कई शर्तें लगा दी हैं। सेटबैक में बनने वाली पार्किंग का भी निगम लोगों से नक्शा मांग रहा है। लोग ये शर्तें पूरी नहीं कर पा रहे। हालत यह है कि लोग अब इसके लिए आवेदन तक नहीं कर रहे। इसके अलावा निगम ने भवनों की बेसमेंट में भी पार्किंग बनाने की मंजूरी दे दी है। लोगों की मांग पर यह राहत दी गई लेकिन इसमें भी नक्शे की शर्त लागू है। जिन लोगों के भवन नगर निगम से पास नक्शे के अनुसार बने हैं, उनमें ही बेसमेंट को पार्किंग के लिए खोला जा सकता है। इसके अलावा इसे खोलने का शुल्क भी जमा करना होगा। इन शर्ताें के चलते यह सुविधा भी लोग नहीं ले रहे हैं।

इनसेट
पार्किंग एक, गाड़ियां आठ से दस
शहर में बने ज्यादातर भवन बिना नक्शे के हैं। इनमें पार्किंग फ्लोर की कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं कई लोगों ने अपने बहुमंजिला भवन में पार्किंग फ्लोर तो दिया है लेकिन इसमें भी सिर्फ एक ही वाहन खड़ा हो सकता है। मकान मालिक अपनी गाड़ी तो इस पार्किंग में खड़ी कर लेते हैं लेकिन भवनों में ठहराए पांच से सात किरायेदार सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करने को मजबूर हैं।


भवन में पार्किंग फ्लोर दिखाना अनिवार्य : वास्तुकार
नगर निगम वास्तुकार राजेश शर्मा का कहना है कि व्यावसायिक इलाकों में पार्किंग फ्लोर दिखाने पर ही भवन का नक्शा पास होता है। यह नियम शहर में सख्ती से लागू है। रिहायशी इलाकों में सड़क से सटे प्लॉट पर भवन निर्माण की तैयारी कर रहे लोगों को भी निगम पार्किंग फ्लोर दिखाने की सलाह देता है। जो लोग पार्किंग बंद कर उसमें दुकानें या ढाबे खोल रहे हैं, उन पर शिकायत मिलते ही तुरंत कार्रवाई होती है।
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