{"_id":"69099e254529d3b6eb0b8017","slug":"dev-deepawali-2025-kartik-purnima-upay-in-hindi-for-prosperity-and-money-related-issue-2025-11-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"Dev Deepawali 2025: देव दीपावली पर जरूर करें ये उपाय, कभी नहीं होगी पैसों की कमी","category":{"title":"Festivals","title_hn":"त्योहार","slug":"festivals"}}
Dev Deepawali 2025: देव दीपावली पर जरूर करें ये उपाय, कभी नहीं होगी पैसों की कमी
धर्म डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Wed, 05 Nov 2025 07:16 AM IST
सार
Dev Deepawali 2025: कार्तिक पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों की विशेष पूजा का विधान है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर किए गए स्नान, दान, दीपदान और पूजन से पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
विज्ञापन
Dev Deepawali 2025
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
Dev Deepawali 2025: सनातन संस्कृति में कार्तिक मास का अत्यंत महत्व बताया गया है। यह देवताओं का प्रिय महीना माना जाता है और इसकी पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों की विशेष पूजा का विधान है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर किए गए स्नान, दान, दीपदान और पूजन से पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यदि इस दिन कुछ विशेष उपाय किए जाएं, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक अशांति दूर होती है।
Trending Videos
1. पवित्र नदी में स्नान करें
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा, यमुना, नर्मदा या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना गया है। यदि नदी-स्नान संभव न हो, तो घर पर ही स्न्नान के बाद गंगाजल के छींटे लगा लें । इससे मन, तन और वातावरण की शुद्धि होती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
विज्ञापन
विज्ञापन
2. भगवान विष्णु और शिव की संयुक्त पूजा करें
इस दिन हरिहर मिलन का विशेष महत्व है, इसलिए भगवान विष्णु और भगवान शिव की संयुक्त आराधना करनी चाहिए। तुलसी दल से विष्णुजी का पूजन और बेलपत्र से भोलेनाथ का अभिषेक करने से जीवन में स्थिरता और समृद्धि आती है। यह पूजन वैवाहिक जीवन में मधुरता और पारिवारिक एकता को भी मजबूत बनाता है।
Dev Deepawali 2025: 4 या 5 नवंबर कब है बनारस की देव दीपावली? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
3. दीपदान अवश्य करें
संध्या के समय दीपदान को देवताओं की दीपावली कहा गया है। मंदिर, नदी तट, घर के द्वार और तुलसी चौरा पर दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। ऐसा करने से लक्ष्मी-कृपा प्राप्त होती है और घर में धन की वृद्धि होती है।
4. दान-पुण्य का संकल्प लें
शास्त्रों में कहा गया है कि दान और तप से ही मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भोजन, वस्त्र, दीपक, तिल या सोने-चांदी का दान करना अत्यंत पुण्यकारी होता है। इससे पिछले कर्मों के दोष मिटते हैं और जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं।
Kartik Purnima 2025: सर्वार्थसिद्धि योग में कार्तिक पूर्णिमा, इन राशि वालों के भौतिक सुख में होगी वृद्धि
5. तुलसी पूजन करें
तुलसी माता को लक्ष्मी का रूप माना गया है। इस दिन तुलसी पर जल चढ़ाकर दीपक जलाएं और 'ॐ तुलस्यै नमः' मंत्र का जप करें। इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है और परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ता है।
6. चंद्र दर्शन और अर्घ्य दें
कार्तिक पूर्णिमा को चंद्रमा अपनी पूर्णता पर होता है। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से मानसिक शांति मिलती है और मनोविकार दूर होते हैं। चंद्रदर्शन से मन की अस्थिरता समाप्त होती है और निर्णय क्षमता बढ़ती है।
Dev Diwali 2025: शिवजी और विष्णुजी की कृपा से करें दीपदान, जानें शुभ समय और पूजा सामग्री
7. भजन-कीर्तन और दीप उत्सव करें
शाम को परिवार सहित भजन-कीर्तन, दीपोत्सव या हवन करें। यह न केवल वातावरण को पवित्र करता है बल्कि मानसिक रूप से भी संतुलन प्रदान करता है। इससे घर में सात्त्विक ऊर्जा बढ़ती है और सभी कार्यों में सफलता मिलने लगती है।
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें आस्था समाचार से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। आस्था जगत की अन्य खबरें जैसे पॉज़िटिव लाइफ़ फैक्ट्स,स्वास्थ्य संबंधी सभी धर्म और त्योहार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़।
विज्ञापन
विज्ञापन

कमेंट
कमेंट X