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BAI: गलत उम्र बताने वालों की खैर नहीं, पूरे मामले की जांच करेगा बैडमिंटन एसोसिएशन, दोषियों पर 2-3 साल का बैन

स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शक्तिराज सिंह Updated Thu, 30 Jun 2022 02:09 PM IST
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सार

भारतीय बैडमिंटन एसोसिएशन उम्र से धोखाधड़ी के मामले में जांच करेगा और गलत उम्र बताने वाले खिलाड़ियों पर दो से तीन साल तक का बैन लगाया जा सकता है। 
 

BAI to form panel to probe recent age-fraud complaints, ban guilty players for 2-3 years
भारतीय बैडमिंट एसोसिएशन - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार
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अपनी उम्र छिपाकर जूनियर स्तर पर बैडमिंटन खेलने वाले खिलाड़ियों की अब खैर नहीं है। भारतीय बैडमिंटन एसोसिएशन ने इस मामले में शिकायत मिलने के बाद एक समिति का गठन किया है, जो उम्र छिपाने के मामले में जांच करेगी। दोषी पाए जाने वाले खिलाड़ियों पर दो से तीन साल का बैन लगाया जाएगा। 19 जून से 25 जून तक हुए ऑल इंडिया सब जूनियर अंडर-13 टूर्नामेंट में गलत उम्र बताने के कई मामले सामने आने के बाद बैडमिंटन एसोसिएशन ने यह फैसला किया है।
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उम्र धोखाधड़ी की समिति से जुड़े एक सदस्य की मांग पर यह फैसला लिया गया है। बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव संजय मिश्रा ने कहा "यह आसान काम नहीं है, हमें कोई भी एक्शन लेने से पहले पूरी तरह से निश्चिंत होना पड़ेगा। हमारे पास पहले ही उम्र से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों के लिए एक समिति है, लेकिन अब हम एक टीम बनाएंगे, जिसमें राज्य सचिव भी होंगे। इससे सबूत जुटाने के लिए सही तरीके से जांच हो सकेगी। एक बार पुख्ता सबूत मिलने पर दोषी खिलाड़ियों की सूची बनाई जाएगी और उन्हें सभी तरह की घरेलू प्रतियोगिताओं में बैन कर दिया जाएगा।"
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सचिव के पास पहुंचे खिलाड़ियों के माता-पिता 
इस टूर्नामेंट में बड़े खिलाड़ियों के खेलने पर कई युवा खिलाड़ियों के माता-पिता सचिव तजिंदर बेदी सिंह के पास भी पहुंचे और इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की। वहीं बेदी ने इस टूर्नामेंट के आधार पर रैंकिंग में बदलाव की अनुमति नहीं दी है। उन्होंने इसकी बजाय भविष्य में दो-तीन टूर्नामेंट और कराने का फैसला किया है। इससे युवा खिलाड़ियों के पास अपनी रैंकिंग बेहतर करने का मौका होगा। 

क्या दोषी खिलाड़ियों पर लगेगा आजीवन बैन?
बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव संजय मिश्रा ने बताया कि गलत उम्र का मामला काफी पेचीदा है। कोई भी डॉक्टर या उम्र परीक्षण टेस्ट किसी की भी उम्र की सटीक जानकारी नहीं दे सकता है। इस वजह से बच्चों पर सभी उम्र के वर्ग के लिए बैन नहीं लगाया जा सकता। हम उम्र की धोखाधड़ी को पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकते। हम इसे कम कर सकते हैं। अधिकतर मौकों पर बच्चों की कोई गलती नहीं होती। उनके माता-पिता और कोच इसके दोषी होते हैं। इस वजह से किसी बच्चे को इतनी सख्त सजा नहीं दी जा सकती। अगर आप उस पर पांच साल का बैन लगा देंगे तो उसका करियर खत्म हो जाएगा। 

पहले भी आ चुके हैं मामले
साल 2014 में भारतीय बैडमिंटन एसोसिएशन ने पांच जूनियर खिलाड़ियों पर बैन लगाया था। इसके दो साल बाद सीबीआई की एक यूनिट ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि चार खिलाड़ियों ने अपनी उम्र छिपाने के लिए फर्जी कागज बनवाए थे। 2018 में 37 माता-पिता कर्नाटक हाई कोर्ट के पास पहुंचे थे और उम्र से जुड़ा नियम बनाने की मांग की थी। इसके बाद बीएआई ने उन सभी खिलाड़ियों ने जांच कराने के लिए कहा था, जिनके जन्मतिथि दो कागजों में अलग-अलग है और इसकी रिपोर्ट भी मांगी थी। 2018 में बीएआई ने लगभग 6300 आवेदन रद्द किए थे, क्योंकि इन बच्चों ने देरी से आवेदन किया था। 
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