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सुनील छेत्री नहीं बल्कि इस भारतीय फुटबॉलर की तरह बनना चाहते हैं युवा खिलाड़ी
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अंशुल तलमले
Updated Mon, 06 Jul 2020 07:50 PM IST
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संदेश झिंगन
- फोटो : social media
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भारत के उभरते हुए डिफेंडर नरेंदर गहलोत के लिए कप्तान सुनील छेत्री 'प्रेरणा' हैं, लेकिन वह 'योद्धा जैसे रवैये' के कारण सीनियर डिफेंडर संदेश झिंगन के नक्शेकदम पर चलने का प्रयास करते हैं। गहलोत ने पिछले साल सात जुलाई 2019 को 18 साल की उम्र में अहमदाबाद में ताजिकिस्तान के खिलाफ इंटरकांटिनेंटल कप के दौरान अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया था।

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पदार्पण के नौ दिन बाद उन्होंने सीरिया के खिलाफ भारत की ओर से पहला गोल दागा। उन्होंने अपने दूसरे ही अंतरराष्ट्रीय मैच में हैडर से गोल किया। टीम में अपने सीनियर खिलाड़ियों के बारे में गहलोत ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की वेबसाइट से कहा, 'संदेश (झिंगन) मैचों के दौरान योद्धा जैसे रवैये के साथ खेलता है और काफी आक्रामक है। ट्रेनिंग के दौरान वह हमेशा अपना शत प्रतिशत देता है और शारीरिक रूप से काफी मजबूत है जिसे मैं दोहराने का प्रयास करता हूं।'
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उन्होंने कहा, 'सुनील हम सभी के लिए प्रेरणादायी हैं और हमें बहुमूल्य सलाह देते हैं। उन्होंने मुझे उस समय आक्रामक रहने को कहा है जब गेंद मेरे पास नहीं हो। जब गेंद मेरे पास हो तो मुझे धैर्यवान रहना होता है जिससे कि गलत पास से बच सकूं और जब मैं मिडफील्ड को या विंगर को वापस पास दे रहा हूं तो ये सटीक होने चाहिए और दिशा परफेक्ट होनी चाहिए। नहीं तो दबाव सेंट्रल डिफेंडर पर आ जाएगा।'
सीनियर टीम में पदार्पण के लगभग एक साल के दौरान उन्होंने सबसे बड़ा सबक यह सीखा कि मैदान पर बार-बार एक गलती करने से बचना है। उन्होंने कहा, 'सबसे बड़ा सबक यह है कि गलती सभी करते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण है कि इन्हें दोहराया नहीं जाए।'