कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी भारत की: ग्लास्गो में आज मिलेगी औपचारिक मंजूरी, अहमदाबाद खेलों का नया केंद्र
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स बोर्ड ने पहले ही भारत के पक्ष में सिफारिश कर दी थी और अब जनरल असेंबली में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। भारत के सामने 2030 मेजबानी अधिकारों के लिए नाइजीरिया के अबूजा शहर से प्रतिस्पर्धा थी, लेकिन समिति ने अबूजा को 2034 के लिए संभावित मेजबान के रूप में तैयार करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।
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भारत एक बार फिर वैश्विक खेल मंच पर बड़ा कदम रखने जा रहा है। 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी अब लगभग औपचारिक प्रक्रिया भर रह गई है और बुधवार को ग्लास्गो में होने वाली कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स जनरल असेंबली में इस पर मुहर लगने की पूरी उम्मीद है। यह फैसला भारत को न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय खेल व्यवस्था में और मजबूत बनाएगा, बल्कि 2036 ओलंपिक मेजबानी के सपने की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण प्रगति मानी जा रही है।
औपचारिक मंजूरी की ओर भारत
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स बोर्ड ने पहले ही भारत के पक्ष में सिफारिश कर दी थी और अब जनरल असेंबली में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। भारत के सामने 2030 मेजबानी अधिकारों के लिए नाइजीरिया के अबूजा शहर से प्रतिस्पर्धा थी, लेकिन समिति ने अबूजा को 2034 के लिए संभावित मेजबान के रूप में तैयार करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। भारत की तरफ से इस कार्यक्रम में संयुक्त सचिव (खेल) कुनाल, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा और गुजरात के खेल मंत्री हर्ष सांघवी सहित कई प्रतिनिधि मौजूद होंगे।
अहमदाबाद: भारत का नया स्पोर्ट्स कैपिटल
2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद यह दूसरा मौका होगा जब भारत इन खेलों की मेजबानी करेगा। इस बार आयोजन स्थल होगा अहमदाबाद, जिसने पिछले 10 वर्षों में खेल अधोसंरचना में सबसे तेज़ विकास किया है। शहर में बन रहा सरदार पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव इन खेलों की मुख्य धुरी होगा। इनमें शामिल होंगे:
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एक हाई-टेक एक्वाटिक्स सेंटर
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अत्याधुनिक फुटबॉल स्टेडियम
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दो विशाल इंडोर एरीना
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और 3,000 खिलाड़ियों के रहने की क्षमता वाला एथलीट विलेज
इसके अलावा दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, नरेंद्र मोदी स्टेडियम (क्षमता: 1 लाख+) पहले से मौजूद है।
तैयारी और इरादे: भारत बड़े मंच पर तैयार
ग्लास्गो 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स बजट कटौती के चलते सीमित खेलों के साथ आयोजित होंगे। इसमें भारत के प्रमुख पदक वाले खेल जैसे कुश्ती, निशानेबाजी, बैडमिंटन और हॉकी शामिल नहीं होंगे, जिससे भारत ने आपत्ति जताई थी, लेकिन IOA ने साफ कर दिया है कि 2030 में भारत पूर्ण और भव्य संस्करण आयोजित करेगा। IOA संयुक्त सचिव कल्याण चौबे ने कहा, 'हमारी योजना सभी पारंपरिक, अंतरराष्ट्रीय और पदक वाले खेलों को शामिल करने की है। इनमें शूटिंग, कुश्ती, तीरंदाजी के साथ-साथ कबड्डी और खो-खो भी शामिल होंगे।'
अहमदाबाद की हालिया मेजबानी क्षमता
पिछले कुछ महीनों में शहर ने कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट सफलतापूर्वक आयोजित किए हैं, जिनमें कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप, एशियन एक्वाटिक्स चैंपियनशिप और एएफसी अंडर-17 एशियाई कप क्वालिफायर शामिल हैं। आने वाले वर्षों में अहमदाबाद 2026: एशियन वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप, 2026: एशिया पैरा-आर्चरी कप और 2029: वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स का मेजबान होगा।
ओलंपिक 2036 की ओर एक कदम
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स ने भारत के प्रस्ताव को आकर्षक, व्यापक और आधुनिक कॉमनवेल्थ मूल्यों के अनुरूप बताया है। यदि इस आयोजन की सफलता तय हुई, तो भारत का अगला लक्ष्य 2036 ओलंपिक मेजबानी होगा, जिसकी प्रस्तावित जगह भी अहमदाबाद ही है।