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Paris Olympics: खेल छोड़ने का मन बना चुके थे एथलीट किशोर जेना, जानें किसकी सलाह से वापसी करने में रहे सफल
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शोभित चतुर्वेदी
Updated Wed, 17 Jul 2024 10:31 AM IST
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सार
जेना ने विश्व रैंकिंग कोटा के माध्यम से अगस्त 2023 में बुडापेस्ट में हुई विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया था। वह 85.20 मीटर के स्वत: क्वालीफिकेशन स्तर को हासिल नहीं कर सके थे।

नीरज चोपड़ा-किशोर जेना
- फोटो : twitter
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विस्तार
भारत को इस बार एथलेटिक्स से काफी उम्मीदें हैं और नीरज चोपड़ा के अलावा एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता किशोर जेना भी भाला फेंक में अपनी छाप छोड़ने की कोशिश करेंगे। जेना ने हालांकि खुलासा करते हुए बताया कि टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक ने उन्हें भाला फेंक में और अधिक सफलता हासिल करने के लिए प्रेरित किया था, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हुए और खेल को छोड़ने के बारे में सोचने लगे थे।

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जेना ने स्वीकार किया कि अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के कारण पिछले साल जुलाई में विश्व चैंपियनशिप से पहले खेल को छोड़ने के बारे में सोचने लगे थे, लेकिन उन्होंने अपने पिता की सलाह मानी और अपने करियर में वापसी करने में सफल रहे। जेना ने विश्व रैंकिंग कोटा के माध्यम से अगस्त 2023 में बुडापेस्ट में हुई विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया था। वह 85.20 मीटर के स्वत: क्वालीफिकेशन स्तर को हासिल नहीं कर सके थे।
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पिता ने प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए किया प्रेरित
जेना ने कहा, जब नीरज ओलंपिक में जीता तो हमने जश्न मनाया और उसकी जीत का आनंद लिया। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो उस जीत से मैं हताश भी था क्योंकि मैं भी उसी खेल का हिस्सा था। मैंने महसूस किया कि यह मेरे लिए खेल में कुछ हासिल करने का समय था। अपनी रैंकिंग में गिरावट के बाद मैंने लेबनान राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और वहां भाले को 78 मीटर की दूरी तक ही फेंक पाया। अपना सब कुछ झोंकने के बावजूद मैं काफी कुछ हासिल नहीं कर पाया। मुझे संदेह होने लगा कि क्या इतनी कड़ी मेहनत करने का कोई मतलब है। मैंने अपने पिता को फोन किया जिन्होंने मुझे श्रीलंका में अगली प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया।
जेना ने कहा, जब नीरज ओलंपिक में जीता तो हमने जश्न मनाया और उसकी जीत का आनंद लिया। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो उस जीत से मैं हताश भी था क्योंकि मैं भी उसी खेल का हिस्सा था। मैंने महसूस किया कि यह मेरे लिए खेल में कुछ हासिल करने का समय था। अपनी रैंकिंग में गिरावट के बाद मैंने लेबनान राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और वहां भाले को 78 मीटर की दूरी तक ही फेंक पाया। अपना सब कुछ झोंकने के बावजूद मैं काफी कुछ हासिल नहीं कर पाया। मुझे संदेह होने लगा कि क्या इतनी कड़ी मेहनत करने का कोई मतलब है। मैंने अपने पिता को फोन किया जिन्होंने मुझे श्रीलंका में अगली प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया।
जेना ने लेबनान में 78.96 मीटर के प्रयास से जीत हासिल की जो किसी भी मानक से मामूली प्रदर्शन था। जेना 2022 के अंत तक 80 मीटर के आंकड़े को पार नहीं कर पाए। उनका 80 मीटर से अधिक का पहला थ्रो मार्च 2023 में तिरुवनंतपुरम में इंडियन ग्रां प्री के दौरान आया जहां उन्होंने 81.05 मीटर की दूरी तय की। उन्होंने कहा, मैंने तय किया कि श्रीलंका में होने वाला टूर्नामेंट मेरा आखिरी प्रयास होगा जिसके बाद मैं इसे छोड़ दूंगा और काम तथा परिवार को प्राथमिकता दूंगा। भगवान की कृपा से मैंने अच्छा प्रदर्शन किया और 84.38 मीटर की थ्रो फेंकी जिससे मुझे विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई करने का मौका मिला। मैंने विश्व चैंपियनशिप में भी अच्छा प्रदर्शन किया, 84.77 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं जेना
जेना विश्व चैंपियनशिप फाइनल में पांचवें स्थान पर रहे जबकि नीरज चोपड़ा ने 88.17 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता। जेना वर्तमान में खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं क्योंकि उन्होंने विश्व चैंपियनशिप के बाद जिन छह स्पर्धाओं में भाग लिया उनमें केवल एक बार ही 80 मीटर का आंकड़ा पार कर पाए। उन्होंने जून में पंचकूला में राष्ट्रीय अंतर राज्यीय चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के दौरान 80.84 मीटर का प्रयास किया जो उनका अब तक का सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
जेना विश्व चैंपियनशिप फाइनल में पांचवें स्थान पर रहे जबकि नीरज चोपड़ा ने 88.17 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता। जेना वर्तमान में खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं क्योंकि उन्होंने विश्व चैंपियनशिप के बाद जिन छह स्पर्धाओं में भाग लिया उनमें केवल एक बार ही 80 मीटर का आंकड़ा पार कर पाए। उन्होंने जून में पंचकूला में राष्ट्रीय अंतर राज्यीय चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के दौरान 80.84 मीटर का प्रयास किया जो उनका अब तक का सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।