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Shooting Championship: छह निशानेबाजों की उड़ान छूटी, पुणे हवाई अड्डे पर सुरक्षा जांच में विलंब बनी वजह
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, पुणे
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Wed, 17 Sep 2025 12:45 PM IST
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सार
विमान कंपनी ने कहा कि उनकी टीम आवश्यक सहायता प्रदान कर रही हैं और वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था की जा रही है। ये खिलाड़ी ओलंपियन गगन नारंग की निशानेबाजी अकादमी गन फॉर ग्लोरी से हैं।

जयपुर एयरपोर्ट पर इंडिगो फ्लाइट टचडाउन के बाद फिर टेक-ऑफ (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए गोवा जा रहे पुणे के छह राइफल और पिस्टल निशानेबाज हवाई अड्डे पर सुरक्षा जांच के दौरान उनके हथियारों और कारतूस को स्वीकृति देने में कथित देरी के कारण अपनी उड़ान से चूक गए। सभी निशानेबाजों की उम्र 18 साल से कम है और उन्हें बुधवार सुबह गोवा में होने वाली 12वीं पश्चिम क्षेत्र निशानेबाजी चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को अकासा एयर के विमान से उड़ान भरनी थी।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए अकासा एयर ने कहा कि निशानेबाज विशेष निशानेबाजी उपकरणों की मौजूदगी में उनके सामान से जुड़ी अतिरिक्त सुरक्षा प्रक्रियाओं के कारण विमान में सवार नहीं हो सके। विमान कंपनी ने कहा कि उनकी टीम आवश्यक सहायता प्रदान कर रही हैं और वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था की जा रही है। ये खिलाड़ी ओलंपियन गगन नारंग की निशानेबाजी अकादमी गन फॉर ग्लोरी से हैं।
एक निशानेबाज के पिता अतुल क्षीरसागर ने बताया कि उड़ान मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे रवाना होनी थी और सभी सात निशानेबाज अपने परिवार के चार सदस्यों के साथ दोपहर दो बजकर 30 मिनट से तीन बजकर 30 मिनट के बीच हवाई अड्डे पहुंच गए थे।
क्षीरसागर ने कहा, 'हालांकि हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने हथियार और कारतूस को स्वीकृति देने में शाम पांच बजे तक की देरी की कि निशानेबाज अपने साथ गोला-बारूद नहीं ले जा सकते। असल में कोई भी निशानेबाज बंदूक और कारतूस एक साथ नहीं रखता। दोनों को अलग-अलग पैक किया जाता है और क्लीयरेंस के दौरान एयरलाइन निशानेबाजी किट को अपने पास रखती है और रसीद जारी करती है और रसीद के बदले किट गंतव्य पर वापस कर दी जाती है।'
उन्होंने आगे बताया कि एक लड़की निशानेबाज बिना किट के ही विमान में चढ़ने में कामयाब रही जबकि अन्य छह को रोक लिया गया और उनके बिना ही विमान ने उड़ान भर दी। गन फोर ग्लोरी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस घटना पर निराशा व्यक्त की।
अकादमी ने कहा, 'अकासा एयर की सेवा बेहद निराशाजनक रही। 12वीं पश्चिम क्षेत्र निशानेबाजी चैंपियनशिप के लिए पुणे से गोवा जा रहे हमारे खिलाड़ी राइफल और पिस्टल के सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ साढ़े तीन घंटे पहले हवाई अड्डे पहुंच गए। सुचारू सुविधा प्रदान करने के बजाय कर्मचारियों ने प्रक्रिया में देरी की, काउंटर पर सहयोग नहीं किया और अंततः खिलाड़ी, कोच और अभिभावकों को विमान में चढ़ने से मना कर दिया।'
निशानेबाजी अकादमी ने आगे आरोप लगाया कि विमान में सवार एक खिलाड़ी की राइफल पुणे हवाई अड्डे पर उचित चेक-इन के बावजूद अकासा के कर्मचारियों ने रोक ली। गन फोर ग्लोरी की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए अकासा एयर ने एक्स पर कहा, '16 सितंबर को पुणे से गोवा जाने वाली अकासा एयर की उड़ान क्यूपी 1143 में बुक किए गए पेशेवर राइफल निशानेबाजों की एक टीम विशेष निशानेबाजी उपकरणों से युक्त अपने सामान से जुड़ी लंबी सुरक्षा प्रक्रियाओं के कारण विमान में सवार नहीं हो पाई।'
एयरलाइन ने कहा, 'हमारी टीम सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रही हैं और गोवा में प्रतियोगिता तक पहुंचने के लिए उनके लिए वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था की जा रही है। हमें हुई असुविधा के लिए गहरा खेद है। अकासा एयर में यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं कि आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन एक सहज और विश्वसनीय यात्रा अनुभव के साथ हो।'

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इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए अकासा एयर ने कहा कि निशानेबाज विशेष निशानेबाजी उपकरणों की मौजूदगी में उनके सामान से जुड़ी अतिरिक्त सुरक्षा प्रक्रियाओं के कारण विमान में सवार नहीं हो सके। विमान कंपनी ने कहा कि उनकी टीम आवश्यक सहायता प्रदान कर रही हैं और वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था की जा रही है। ये खिलाड़ी ओलंपियन गगन नारंग की निशानेबाजी अकादमी गन फॉर ग्लोरी से हैं।
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एक निशानेबाज के पिता अतुल क्षीरसागर ने बताया कि उड़ान मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे रवाना होनी थी और सभी सात निशानेबाज अपने परिवार के चार सदस्यों के साथ दोपहर दो बजकर 30 मिनट से तीन बजकर 30 मिनट के बीच हवाई अड्डे पहुंच गए थे।
क्षीरसागर ने कहा, 'हालांकि हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने हथियार और कारतूस को स्वीकृति देने में शाम पांच बजे तक की देरी की कि निशानेबाज अपने साथ गोला-बारूद नहीं ले जा सकते। असल में कोई भी निशानेबाज बंदूक और कारतूस एक साथ नहीं रखता। दोनों को अलग-अलग पैक किया जाता है और क्लीयरेंस के दौरान एयरलाइन निशानेबाजी किट को अपने पास रखती है और रसीद जारी करती है और रसीद के बदले किट गंतव्य पर वापस कर दी जाती है।'
उन्होंने आगे बताया कि एक लड़की निशानेबाज बिना किट के ही विमान में चढ़ने में कामयाब रही जबकि अन्य छह को रोक लिया गया और उनके बिना ही विमान ने उड़ान भर दी। गन फोर ग्लोरी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस घटना पर निराशा व्यक्त की।
अकादमी ने कहा, 'अकासा एयर की सेवा बेहद निराशाजनक रही। 12वीं पश्चिम क्षेत्र निशानेबाजी चैंपियनशिप के लिए पुणे से गोवा जा रहे हमारे खिलाड़ी राइफल और पिस्टल के सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ साढ़े तीन घंटे पहले हवाई अड्डे पहुंच गए। सुचारू सुविधा प्रदान करने के बजाय कर्मचारियों ने प्रक्रिया में देरी की, काउंटर पर सहयोग नहीं किया और अंततः खिलाड़ी, कोच और अभिभावकों को विमान में चढ़ने से मना कर दिया।'
निशानेबाजी अकादमी ने आगे आरोप लगाया कि विमान में सवार एक खिलाड़ी की राइफल पुणे हवाई अड्डे पर उचित चेक-इन के बावजूद अकासा के कर्मचारियों ने रोक ली। गन फोर ग्लोरी की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए अकासा एयर ने एक्स पर कहा, '16 सितंबर को पुणे से गोवा जाने वाली अकासा एयर की उड़ान क्यूपी 1143 में बुक किए गए पेशेवर राइफल निशानेबाजों की एक टीम विशेष निशानेबाजी उपकरणों से युक्त अपने सामान से जुड़ी लंबी सुरक्षा प्रक्रियाओं के कारण विमान में सवार नहीं हो पाई।'
एयरलाइन ने कहा, 'हमारी टीम सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रही हैं और गोवा में प्रतियोगिता तक पहुंचने के लिए उनके लिए वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था की जा रही है। हमें हुई असुविधा के लिए गहरा खेद है। अकासा एयर में यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं कि आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन एक सहज और विश्वसनीय यात्रा अनुभव के साथ हो।'