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हरिशंकर परसाई:  बँगले के फाटक पर तख्ती टँगी दीखी- 'कुत्ते से सावधान!' मैं फौरन लौट गया

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परसाई जी के व्यंग्य की धार ऐसी है कि वक्त बीतने के साथ और तीखी हो रही है, 20 चुनिंदा पंक्तियां

21 Aug 2023
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Harishankar Parsai: निंदा में विटामिन और प्रोटीन होते हैं

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