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Signal: ट्रंप के पूर्व सुरक्षा सलाहकार का मैसेजिंग एप हुआ हैक, अमेरिकी राष्ट्रपति भी नहीं बच सके हैकर्स से

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: प्रदीप पाण्डेय Updated Mon, 05 May 2025 10:52 AM IST
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सार

रिपोर्ट में बताया गया है कि किसी हैकर ने TeleMessage के बैकएंड तक पहुंच बना ली, जिसमें यूजरनेम, पासवर्ड, बैकएंड एक्सेस पैनल और कुछ चैट संदेशों के अंश शामिल थे। यह डेटा कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन जैसी सरकारी एजेंसियों और Coinbase जैसी निजी कंपनियों से जुड़ा हुआ बताया गया है।
 

Signal clone used by Donald Trump security adviser hacked even us president not safe from hackers
Hacker - फोटो : अमर उजाला
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे Signal-जैसे एक मैसेजिंग एप को हैक कर लिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस हैकिंग के चलते अमेरिकी सरकारी एजेंसियों और निजी कंपनियों के संवेदनशील डेटा के लीक होने की संभावना जताई जा रही है। यह एप, जिसे TeleMessage कहा जाता है, Signal की तरह दिखने और काम करने के साथ-साथ रिकॉर्ड आर्काइविंग की सुविधा भी देता है और इसे अमेरिकी सरकारी अधिकारी रिकॉर्ड रखने के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करते हैं।

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रिपोर्ट में बताया गया है कि किसी हैकर ने TeleMessage के बैकएंड तक पहुंच बना ली, जिसमें यूजरनेम, पासवर्ड, बैकएंड एक्सेस पैनल और कुछ चैट संदेशों के अंश शामिल थे। यह डेटा कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन जैसी सरकारी एजेंसियों और Coinbase जैसी निजी कंपनियों से जुड़ा हुआ बताया गया है।
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404 मीडिया से बातचीत में हैकर ने कहा, “इसमें मुझे केवल 15-20 मिनट लगे, ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं पड़ी।” हैकर ने यह भी दावा किया कि उसने TeleMessage को इसकी जानकारी नहीं दी, क्योंकि कंपनी इसे छुपाने की कोशिश करती। हालांकि माइक वॉल्ट्ज या अन्य शीर्ष अधिकारियों के संदेश हैक नहीं हुए हैं, लेकिन अन्य उपयोगकर्ताओं के आर्काइव किए गए संचार सामने आए हैं। Signal ने इस क्लोन एप से दूरी बना ली है और कहा है कि वह Signal के अनौपचारिक वर्जनकी सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकता।

इस घटना ने उन एप्स की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं जो Signal, WhatsApp, Telegram जैसी लोकप्रिय सेवाओं को आर्काइविंग के लिए मॉडिफाई करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जहां ये फीचर रिकॉर्ड रखने में मदद करते हैं, वहीं ये सिस्टम को कमजोर बनाकर डेटा सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं।

मामला तब और तूल पकड़ गया जब माइक वॉल्ट्ज की एक तस्वीर सामने आई जिसमें वह एक कैबिनेट मीटिंग के दौरान TeleMessage एप का उपयोग कर रहे थे। इसके कुछ ही दिनों बाद उन्हें पद से हटा दिया गया। बताया जा रहा है कि उन्होंने यमन में अमेरिकी सैन्य गतिविधियों पर एक Signal ग्रुप बनाया था, जिसमें गलती से एक प्रमुख पत्रकार को जोड़ दिया गया था।
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