Chip: सीसीटीवी और अन्य हाई-टेक एप्लिकेशन के लिए भारत में बन रहे आधुनिक चिप, 200 करोड़ से ज्यादा का निवेश होगा
भारत में सीसीटीवी और अन्य हाई-टेक एप्लिकेशन के लिए उन्नत चिपसेट्स का विकास होगा। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 200 करोड़ रुपये निवेश, सेमिकॉन 2.0 और जोहो जैसे स्वदेशी इनोवेशंस के बारे में भी जानकारी दी।
विस्तार
भारत अब उन्नत चिपसेट्स विकसित कर रहा है, जो सीसीटीवी जैसे कई हाई-टेक एप्लिकेशंस को चला सकेंगे। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को यह जानकारी दी और देश की स्वदेशी तकनीकी क्षमताओं में हो रही तेजी को रेखांकित किया। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार ऊर्जा-कुशल माइक्रोप्रोसेसर विकसित करने के लिए 200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी जो उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग और सर्वर सहित विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग होंगे।
सेमीकंडक्टर: डिजिटल और आर्थिक सुरक्षा का आधार
सेमीकंडक्टर चिप्स आधुनिक तकनीक का मूल हैं। ये स्वास्थ्य, परिवहन, संचार, रक्षा और अंतरिक्ष जैसी महत्वपूर्ण प्रणालियों को शक्ति प्रदान करते हैं। जैसे-जैसे दुनिया डिजिटलाइजेशन और ऑटोमेशन की ओर बढ़ रही है, सेमीकंडक्टर देश की आर्थिक सुरक्षा और रणनीतिक स्वतंत्रता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बन गए हैं।
भारत का सेमीकंडक्टर मिशन
2021 में शुरू हुए इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के तहत भारत ने अपने सेमीकंडक्टर सफर को वास्तविकता में बदल दिया। मिशन के लिए 76,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिनमें से लगभग 65,000 करोड़ रुपये पहले ही प्रतिबद्ध किए जा चुके हैं। मंत्रालय MeitY ने भारत के सेमीकंडक्टर कार्यक्रम के अगले चरण सेमिकॉन 2.0 पर काम शुरू कर दिया है और विभिन्न मंत्रालयों के साथ इसके ढांचे को अंतिम रूप देने के लिए चर्चाएं चल रही हैं।
- ये कुछ स्वदेशी इनोवेशन के उदाहरण हैं
- मोबाइल फोन कंपोनेंट्स
- रेलवे की एंटी-कोलिजन प्रणाली ‘कवच’
- यूपीआई (UPI)
जोहो का बड़े पैमाने पर उपयोग
मंत्री ने बताया कि अब तक 12 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों को जोहो की स्वदेशी डिजिटल सूट (राइटर, शो, ड्राइवर आदि) पर ऑनबोर्ड किया जा चुका है।
स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा
अश्विनी वैष्णव ने लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी अभियान में शामिल होने और मेड इन इंडिया उत्पादों को अपनाने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि दो वर्षों के भीतर भारत मोबाइल घटकों का पूर्ण स्वदेशी उत्पादन हासिल कर लेगा।
भारत का तेजी से बढ़ता इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र
पिछले दशक में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र तेजी से बढ़ा है। कुल उत्पादन 2014 में 2.4 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 9.8 लाख करोड़ रुपये हो गया। केवल मोबाइल निर्माण का उत्पादन 4.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है और निर्यात 1.5 लाख करोड़ रुपये है। वर्तमान में भारत में इस्तेमाल होने वाले 98% स्मार्टफोन भारत में निर्मित किए जा रहे हैं।
PLI योजनाएं और वैश्विक प्रतिस्पर्धा
2017 में एपल ने भारत में आईफोन का निर्माण शुरू किया। सरकार ने पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजनाओं के माध्यम से भारतीय निर्माताओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाया, निवेश आकर्षित किया, निर्यात बढ़ाया और आयात पर निर्भरता कम की।