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Data Protection Bill: राज्यसभा से भी पास हुआ नया डाटा प्रोटेक्शन बिल, दस प्वाइंट में जानें इसके बारे में सबकुछ
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विशाल मैथिल
Updated Wed, 09 Aug 2023 06:26 PM IST
सार
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार 3 अगस्त को लोकसभा में डाटा प्रोटेक्शन बिल 2023 पेश किया था। जिसके बाद विपक्षी सांसदों ने इस बिल पर आपत्ति जताई थी।
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Data Protection Bill
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
लोकसभा में मंजूरी के बाद बुधवार को राज्यसभा से भी डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2023 पास हो गया है। दो दिन पहले ही इस बिल को विपक्षी सांसदों के मणिपुर मुद्दे पर हंगामे के बीच लोकसभा में मंजूरी मिली थी। बता दें कि इससे पहले तीन अगस्त को केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा लोकसभा में नए डाटा प्रोटेक्शन बिल को पेश किया गया था। इस समय भी विपक्षी सांसदों का कहना था कि इस बिल के जरिए सरकार सूचना के अधिकार कानून को रौंदना चाहती है।
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जानकारी के लिए बता दें कि यह विधेयक एक तरीके से डिजिटल व्यक्तिगत डाटा के प्रसंस्करण का प्रावधान करता है। डाटा प्रोटेक्शन बिल 2023, व्यक्तियों के अपने व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा के अधिकार और वैध उद्देश्यों के लिए ऐसे व्यक्तिगत डाटा को संसाधित करने की आवश्यकता को मान्यता देता है। बिल को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि नए डाटा प्रोटेक्शन बिल से सोशल मीडिया कंपनियों की मनमानी पर लगाम लग सकेगी।
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दो दिन पहले लोकसभा से मिली मंजूरी
7 अगस्त को ही लोकसभा में डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) विधेयक, 2023 को मंजूरी मिली है। इस बीच मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा भी देखने मिला। बता दें कि विपक्षी सांसदों ने इस बिल पर आपत्ति जताई थी और इसे संसदीय समिति के पास भेजने की मांग की थी।
दस प्वाइंट में समझें नए बिल के प्रावधान
- यूजर डाटा का इस्तेमाल करने वाली सोशल मीडिया फर्म्स को व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा करनी होगी, भले ही वह थर्ड पार्टी डाटा प्रोसेसर का इस्तेमाल कर डाटा एक्सेस कर रहा हो।
- डाटा उल्लंघन या डाटा चोरी के मामले में कंपनियों को डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड (डीपीबी) और यूजर्स को सूचित करना होगा।
- बच्चों के डाटा और अभिभावकों के साथ शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के डाटा को अभिभावकों इजाजत के बाद ही एक्सेस किया जाएगा।
- फर्म्स को एक डाटा सुरक्षा अधिकारी नियुक्त करना होगा और यूजर्स को इसकी जानकारी देनी होगी।
- केंद्र सरकार को भारत के बाहर किसी भी देश या क्षेत्र में व्यक्तिगत डाटा के ट्रांसफर को रोकने और प्रतिबंधित करने की शक्ति होगी।
- डीपीबी के फैसलों के खिलाफ अपील की सुनवाई दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा की जाएगी।
- डीपीबी फर्म्स को समन कर सकता है, उनकी जांच कर सकता है और कंपनियों की किताबों और दस्तावेजों का निरीक्षण कर सकता है।
- डीपीबी उल्लंघन की प्रकृति और गंभीरता, प्रभावित व्यक्तिगत डाटा के प्रकार पर विचार करने के बाद फर्म्स पर जुर्माना लगा सकता है।
- यदि विधेयक प्रावधानों का दो बार से अधिक उल्लंघन किया जाता है तो डीपीबी सरकार को किसी मध्यस्थ तक पहुंच को ब्लॉक करने की सलाह दे सकता है।
- फर्म्स पर डाटा उल्लंघन, व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा करने में विफलता या डीपीबी और यूजर्स को उल्लंघन के बारे में सूचित नहीं करने पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।