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Fine On X: यूरोपीय संघ ने एक्स पर लगाया ₹1,256 करोड़ का जुर्माना, डीएसए नियमों के उल्लंघन पर हुई बड़ी कार्रवाई
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Fri, 05 Dec 2025 07:17 PM IST
सार
X Fined In European Union: यूरोपीय संघ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर डिजिटल सर्विसेज एक्ट (DSA) के नियमों का उल्लंघन करने के लिए 120 मिलियन यूरो (1,256 करोड़ रुपये) का भारी जुर्माना लगाया है। आयोग का कहना है कि एक्स की पारदर्शिता में कमी और ब्लू टिक की भ्रामक डिजाइन यूजर्स को ठगी और हेरफेर के खतरे में डालती है।
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एक्स पर यूरोपियन यूनियन में बड़ी कार्रवाई
- फोटो : x
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विस्तार
यूरोपीय संघ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर बड़ा एक्शन लेते हुए 120 मिलियन यूरो का जुर्माना लगा दिया है। यह निर्णय दो साल लंबी जांच के बाद लिया गया, जिसमें पाया गया कि एक्स ने ब्लॉक के डिजिटल सर्विसेज एक्ट (DSA) के कई नियमों का उल्लंघन किया है।
यूरोपियन यूनियन की पहली नॉन-कम्प्लायंस कार्रवाई
27 देशों वाले यूरोपीय संघ में यह पहली बार है जब डिजिटल सर्विसेज एक्ट के तहत किसी प्लेटफॉर्म के खिलाफ नॉन-कम्प्लायंस का निर्णय दिया गया है। DSA के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को यूजर्स की सुरक्षा, गलत जानकारी, और गैर-कानूनी कंटेंट हटाने की जिम्मेदारी निभानी होती है। नियम तोड़ने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है।
यह भी पढ़ें: क्या रूस में भी चला सकेंगे Paytm और Google Pay? इस समझौते से दूर होगी पेमेंट की दिक्कतें
ब्लू टिक बना बड़े विवाद की वजह
यूरोपीय संघ आयोग के अनुसार, एक्स का ब्लू टिक सिस्टम भ्रामक डिजाइन पर काम करता है, जिससे ठगी और गलत जानकारी का खतरा बढ़ जाता है। यूनियन का कहना है कि पहले ब्लू टिक केवल नेताओं, मशहूर हस्तियों और वेरिफाइड अकाउंट्स को दिया जाता था, लेकिन अब कोई भी व्यक्ति 8 डॉलर देकर यह बैज हासिल कर सकता है। आयोग ने कहा कि यह सिस्टम असल यूजर की पुष्टि नहीं करता, जिससे फेक अकाउंट्स पहचानना मुश्किल हो जाता है।
विज्ञापन डेटाबेस में भी पारदर्शिता की कमी
DSA के तहत प्लेटफॉर्म्स को हर विज्ञापन की जानकारी जैसे किसने भुगतान किया और लक्षित ऑडियंस कौन है, जैसी जानकारियां सार्वजनिक डाटाबेस में रखनी होती है। लेकिन यूरोपीय संघ का कहना है कि एक्स का ऐड डेटाबेस पर्याप्त जानकारी नहीं देता और कई तकनीकी बाधाएं शोधकर्ताओं को डेटा तक पहुंचने से रोकती हैं। इससे फेक ऐड्स और दुष्प्रचार अभियानों की पहचान करना कठिन हो जाता है।
यह भी पढ़ें: मेटा की नई वाट्सएप एआई पॉलिसी विवादों में, यूरोपीय संघ ने शुरू की एंटीट्रस्ट जांच
शोधकर्ताओं को डेटा तक पहुंचने में आ रही दिक्कत
आयोग ने यह भी बताया कि एक्स ने शोधकर्ताओं के लिए पब्लिक डेटा एक्सेस में अनावश्यक रुकावटें पैदा की हैं, जिससे यूरोपीय यूजर्स के लिए खतरे और सिस्टमिक रिस्क की जांच मुश्किल हो जाती है। यूरोपीय संघ उपाध्यक्ष हेन्ना विरक्कुनेन ने कहा, “ब्लू टिक से यूजर्स को भ्रमित करना, विज्ञापनों की जानकारी छुपाना और शोधकर्ताओं को रोकना यूनियन में स्वीकार्य नहीं है। DSA लोगों की सुरक्षा के लिए है।”
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27 देशों वाले यूरोपीय संघ में यह पहली बार है जब डिजिटल सर्विसेज एक्ट के तहत किसी प्लेटफॉर्म के खिलाफ नॉन-कम्प्लायंस का निर्णय दिया गया है। DSA के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को यूजर्स की सुरक्षा, गलत जानकारी, और गैर-कानूनी कंटेंट हटाने की जिम्मेदारी निभानी होती है। नियम तोड़ने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है।
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यूरोपीय संघ आयोग के अनुसार, एक्स का ब्लू टिक सिस्टम भ्रामक डिजाइन पर काम करता है, जिससे ठगी और गलत जानकारी का खतरा बढ़ जाता है। यूनियन का कहना है कि पहले ब्लू टिक केवल नेताओं, मशहूर हस्तियों और वेरिफाइड अकाउंट्स को दिया जाता था, लेकिन अब कोई भी व्यक्ति 8 डॉलर देकर यह बैज हासिल कर सकता है। आयोग ने कहा कि यह सिस्टम असल यूजर की पुष्टि नहीं करता, जिससे फेक अकाउंट्स पहचानना मुश्किल हो जाता है।
विज्ञापन डेटाबेस में भी पारदर्शिता की कमी
DSA के तहत प्लेटफॉर्म्स को हर विज्ञापन की जानकारी जैसे किसने भुगतान किया और लक्षित ऑडियंस कौन है, जैसी जानकारियां सार्वजनिक डाटाबेस में रखनी होती है। लेकिन यूरोपीय संघ का कहना है कि एक्स का ऐड डेटाबेस पर्याप्त जानकारी नहीं देता और कई तकनीकी बाधाएं शोधकर्ताओं को डेटा तक पहुंचने से रोकती हैं। इससे फेक ऐड्स और दुष्प्रचार अभियानों की पहचान करना कठिन हो जाता है।
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शोधकर्ताओं को डेटा तक पहुंचने में आ रही दिक्कत
आयोग ने यह भी बताया कि एक्स ने शोधकर्ताओं के लिए पब्लिक डेटा एक्सेस में अनावश्यक रुकावटें पैदा की हैं, जिससे यूरोपीय यूजर्स के लिए खतरे और सिस्टमिक रिस्क की जांच मुश्किल हो जाती है। यूरोपीय संघ उपाध्यक्ष हेन्ना विरक्कुनेन ने कहा, “ब्लू टिक से यूजर्स को भ्रमित करना, विज्ञापनों की जानकारी छुपाना और शोधकर्ताओं को रोकना यूनियन में स्वीकार्य नहीं है। DSA लोगों की सुरक्षा के लिए है।”