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अफगानिस्तान में इंटरनेट बैन: तालिबान ने कई प्रांतों में बंद किया WiFi नेटवर्क, मोबाइल डेटा चालू
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Thu, 18 Sep 2025 03:25 PM IST
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सार
Afghanistan WiFi Internet Ban: तालिबान ने अफगानिस्तान में “अनैतिकता रोकने” के नाम पर फाइबर-ऑप्टिक इंटरनेट पर बैन लगा दिया है। कई प्रांतों में वाई-फाई बंद हो चुका है, जिससे सरकारी दफ्तर, निजी कंपनियां और आम लोग प्रभावित हो रहे हैं।

अफगानिस्तान में WiFi पर लगा बैन
- फोटो : AI
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विस्तार
अफगानिस्तान में तालिबान ने इंटरनेट पर कड़ा शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। “अनैतिकता रोकने” के नाम पर लगाए गए इस बैन की वजह से कई प्रांतों में फाइबर-ऑप्टिक इंटरनेट पूरी तरह बंद कर दिया गया है। अगस्त 2021 में सत्ता संभालने के बाद पहली बार तालिबान ने इस तरह का आदेश जारी किया है।
इस फैसले के बाद अब सरकारी दफ्तरों, निजी कंपनियों, शैक्षणिक संस्थानों और आम घरों में वाई-फाई इंटरनेट उपलब्ध नहीं है। हालांकि मोबाइल इंटरनेट अभी भी चालू है। अधिकारियों का कहना है कि जरूरत के कामों के लिए वैकल्पिक उपाय खोजे जा रहे हैं।
किन प्रांतों में इंटरनेट बंद?
नॉर्दर्न बाल्ख (Balkh) प्रांत ने मंगलवार को वाई-फाई बंद होने की पुष्टि की। वहीं, बगलान (Baghlan), बदख्शां (Badakhshan), कुंदुज (Kunduz), नंगरहार (Nangarhar) और तखार (Takhar) में भी इंटरनेट एक्सेस काट दिया गया है। नंगरहार कल्चर डायरेक्टरेट के सिद्दीकुल्लाह कुरैशी ने इसकी पुष्टि की, जबकि कुंदुज गवर्नर ऑफिस ने व्हाट्सएप ग्रुप में संदेश साझा कर स्थिति स्पष्ट की।
मीडिया संस्थाओं की नाराजगी
इस आदेश की देश और विदेश दोनों में आलोचना हो रही है। अफगानिस्तान मीडिया सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन ने बयान जारी कर कहा, “तालिबान नेता के आदेश पर उठाया गया यह कदम न केवल लाखों नागरिकों की जानकारी तक पहुंच को रोकता है, बल्कि अभिव्यक्ति की आजादी और मीडिया के कामकाज पर गंभीर खतरा पैदा करता है।”
अब तक की स्थिति
पिछले साल अफगानिस्तान के संचार मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्लाह अलोकोजई ने बताया था कि देश में 1,800 किलोमीटर लंबा फाइबर-ऑप्टिक नेटवर्क मौजूद है और 488 किलोमीटर का अतिरिक्त विस्तार भी मंजूर किया गया है। अब तक अधिकांश प्रांतों में यह सेवा उपलब्ध थी, लेकिन मौजूदा बैन ने हालात बदल दिए हैं।
इंटरनेट बंद होने से पढ़ाई, कारोबार और मीडिया का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सोशल मीडिया और स्वतंत्र समाचार तक पहुंच लगभग नामुमकिन हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह बैन लंबे समय तक जारी रहा तो देश के आर्थिक और सामाजिक ढांचे पर गंभीर असर पड़ेगा।

इस फैसले के बाद अब सरकारी दफ्तरों, निजी कंपनियों, शैक्षणिक संस्थानों और आम घरों में वाई-फाई इंटरनेट उपलब्ध नहीं है। हालांकि मोबाइल इंटरनेट अभी भी चालू है। अधिकारियों का कहना है कि जरूरत के कामों के लिए वैकल्पिक उपाय खोजे जा रहे हैं।
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किन प्रांतों में इंटरनेट बंद?
नॉर्दर्न बाल्ख (Balkh) प्रांत ने मंगलवार को वाई-फाई बंद होने की पुष्टि की। वहीं, बगलान (Baghlan), बदख्शां (Badakhshan), कुंदुज (Kunduz), नंगरहार (Nangarhar) और तखार (Takhar) में भी इंटरनेट एक्सेस काट दिया गया है। नंगरहार कल्चर डायरेक्टरेट के सिद्दीकुल्लाह कुरैशी ने इसकी पुष्टि की, जबकि कुंदुज गवर्नर ऑफिस ने व्हाट्सएप ग्रुप में संदेश साझा कर स्थिति स्पष्ट की।
मीडिया संस्थाओं की नाराजगी
इस आदेश की देश और विदेश दोनों में आलोचना हो रही है। अफगानिस्तान मीडिया सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन ने बयान जारी कर कहा, “तालिबान नेता के आदेश पर उठाया गया यह कदम न केवल लाखों नागरिकों की जानकारी तक पहुंच को रोकता है, बल्कि अभिव्यक्ति की आजादी और मीडिया के कामकाज पर गंभीर खतरा पैदा करता है।”
अब तक की स्थिति
पिछले साल अफगानिस्तान के संचार मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्लाह अलोकोजई ने बताया था कि देश में 1,800 किलोमीटर लंबा फाइबर-ऑप्टिक नेटवर्क मौजूद है और 488 किलोमीटर का अतिरिक्त विस्तार भी मंजूर किया गया है। अब तक अधिकांश प्रांतों में यह सेवा उपलब्ध थी, लेकिन मौजूदा बैन ने हालात बदल दिए हैं।
इंटरनेट बंद होने से पढ़ाई, कारोबार और मीडिया का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सोशल मीडिया और स्वतंत्र समाचार तक पहुंच लगभग नामुमकिन हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह बैन लंबे समय तक जारी रहा तो देश के आर्थिक और सामाजिक ढांचे पर गंभीर असर पड़ेगा।