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Brahmos: पाकिस्तान में किसने दिखाया ब्रह्मोस को रास्ता, टारगेट से भटकने का कोई चांस ही नहीं था

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: प्रदीप पाण्डेय Updated Mon, 19 May 2025 10:05 AM IST
सार

ब्रह्मोस की मारक क्षमता और सटीकता एकदम फिक्स है जो अपने टारगेट से किसी भी कीमत पर भटक नहीं सकता है। ब्रह्मोस की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे दुश्मन का डिफेंस सिस्टम ट्रैक नहीं कर सकता। आइए समझते हैं कि ब्रह्मोस में नेविगेशन के लिए किस नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल होता है।

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BRAHMOS - फोटो : ANI
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विस्तार
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हाल ही में पाकिस्तान के ही पूर्व एयर मार्शल ने कबूल किया है कि भारत की ब्रह्मोस मिसाइल ने उनके देश में तबाही मचाई। एक टीवी इंटरव्यू में पाकिस्तान के पूर्व एयर मार्शल मसूद अख्तर ने कहा कि 10 मई को भारतीय सेना ने लगातार चार ब्रह्मोस मिसाइलें दागीं। अख्तर के मुताबिक ब्रह्मोस मिसाइल ने ही भोलारी एयरबेस पर तबाही मचाई और AWACS को  क्षतिग्रस्त किया।

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भारत के इस हमले में पाकिस्तानी वायुसेना के छह कर्मचारी मारे जाने की भी खबर है। ब्रह्मोस की मारक क्षमता और सटीकता एकदम फिक्स है जो अपने टारगेट से किसी भी कीमत पर भटक नहीं सकता है। ब्रह्मोस की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे दुश्मन का डिफेंस सिस्टम ट्रैक नहीं कर सकता। आइए समझते हैं कि ब्रह्मोस में नेविगेशन के लिए किस नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल होता है।

INS ने दुश्मन को दिखाई औकात?

What navigation system uses in Brahmos in operation sindoor against Pakistan
ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली - फोटो : ANI

पिछले साल ही भारत की रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ब्रह्मोस मिसाइल के लिए इंटरफेरोमेट्रिक फाइबर-ऑप्टिक गाइरोस्कोप (FOG) आधारित इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) तैयार किया है। ब्रह्मोस में आईएनएस का ही इस्तेमाल किया जाता है।

इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) क्या है?

इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम एक ऐसा तंत्र होता है जो बाहरी संकेतों (जैसे GPS) के बिना ही मिसाइल की स्थिति, दिशा और गति को मापता है। यह प्रणाली विशेष रूप से उन स्थितियों में बेहद उपयोगी होती है जहां बाहरी संकेत उपलब्ध नहीं होते या जानबूझकर जाम किए जाते हैं। INS में सामान्यतः गाइरोस्कोप और एक्सेलेरोमीटर जैसे सेंसर्स होते हैं, जो मिसाइल की दिशा और गति में हो रहे बदलाव को मापते हैं।

पारंपरिक यांत्रिक गाइरोस्कोप में घूमते हुए भाग होते हैं, जो समय के साथ घिसते हैं और इनकी सटीकता में कमी आ सकती है। इसके विपरीत, फाइबर-ऑप्टिक गाइरोस्कोप (FOG) में कोई भी चलता हुआ हिस्सा नहीं होता। INS एक इनबिल्ट सिस्टम होता है, इसलिए नेविगेशन के लिए किसी बाहरी सिस्टम पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।

FOG आधारित INS की विशेषताएं

  • अत्यधिक सटीकता- यह प्रणाली मिसाइल को बेहद सटीक दिशा में ले जाने में सक्षम है।
  • कॉम्पैक्ट और हल्की- इसका आकार और वजन पारंपरिक सिस्टम से कम होता है, जिससे यह मिसाइल में आसानी से फिट हो जाती है।
  • बिना मूविंग पार्ट्स के- चलायमान हिस्सों की अनुपस्थिति से यह प्रणाली ज्यादा टिकाऊ और भरोसेमंद होती है।
  • विकट परिस्थितियों में भी कामयाब- अत्यधिक गति और तापमान में भी यह INS बेहतरीन प्रदर्शन देता है।

ब्रह्मोस के लिए क्यों खास है INS?

ब्रह्मोस पहले से ही दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है, लेकिन FOG आधारित INS के जुड़ने के कारण बिना GPS के भी बेहद सटीकता से अपने लक्ष्य तक पहुंचेगी। जैमिंग या साइबर हमले की स्थिति में भी अपना रास्ता नहीं भूलती है और लंबी दूरी तक सटीक मार करने में और सक्षम है।

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