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Mobile Data in India: चीन-पाकिस्तान से भी क्यों सस्ता है भारत का मोबाइल डेटा? सरकार ने बताई असली वजह
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: जागृति
Updated Sun, 21 Dec 2025 05:15 PM IST
सार
Cheap Internet India: भारत में मोबाइल डेटा चीन और पाकिस्तान जैसे देशों से सस्ता है, जिसकी असली वजह अब सरकार ने साफ कर दी है। जानिए सरकार के मुताबिक इसके पीछे का कारण?
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : freepik
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विस्तार
भारत में मोबाइल इंटरनेट की कीमतें दुनिया के कई देशों, यहां तक कि चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की तुलना में भी काफी कम हैं। आने वाले समय में भले ही रिचार्ज प्लान महंगे हों, लेकिन इसके बावजूद भारत आज भी सस्ते इंटरनेट वाले देशों में शामिल है। अब सरकार ने इसके पीछे की असली वजह को सामने रखा है।
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संचार राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्रा शेखर ने भारत में इंटरनेट सस्ता होने की वजह बताया। राज्यसभा में लिखित जवाब देते हुए बताया कि इसकी बड़ी वजह सरकार की नीतियां और TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के नियम हैं। इसी की वजह से टेलीकॉम सेवाओं की कीमतों को संतुलित बनाए रखा है।
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मंत्री के मुताबिक, देश की टेलीकॉम पॉलिसी और TRAI की ओर से बनाए गए रेगुलेशन की वजह से टेलीकॉम कंपनियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा बनी रहती है। इसका सीधा फायदा ग्राहकों को कम कीमत पर कॉल और डेटा सेवाओं के रूप में मिलता है। सरकार मानती है कि इसी वजह से डिजिटल सेवाएं आम लोगों तक पहुंच पाई हैं।
अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) के 2024 के आंकड़ों का हवाला देते हुए सरकार ने बताया कि मोबाइल सेवाओं की कीमतों के मामले में भारत दुनिया के सबसे किफायती देशों में गिना जाता है। सरकार ने कई वैश्विक रिपोर्ट्स की पुष्टि भी की। कहा भारत में डेटा और कॉल दरें विकसित देशों की तुलना में भी काफी कम हैं।
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TRAI एक्ट 1997 के तहत ट्राई एक स्वतंत्र संस्था के रूप में काम करती है। मौजूदा व्यवस्था में ज्यादातर टेलीकॉम सेवाओं की कीमतें बाजार की ताकतों पर निर्भर करती हैं, यानी कंपनियां खुद अपने प्लान तय करती हैं। हालांकि, नेशनल रोमिंग, ग्रामीण फिक्स्ड लाइन, मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी जैसी जरूरी सेवाओं पर TRAI का नियंत्रण बना रहता है, जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
सरकार का मानना है कि सस्ता मोबाइल डेटा और ब्रॉडबैंड भारत को आने वाले 4–5 वर्षों में एक बड़े ग्लोबल डेटा हब के रूप में उभार सकता है। इससे देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और डिजिटल इंडिया मिशन को नई रफ्तार मिलेगी।