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LiDAR Sensor: कार में क्या है लाइडार सेंसर? क्यों हैं ये 'अदृश्य किरणें' आपके स्मार्टफोन कैमरे की दुश्मन?

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Fri, 26 Dec 2025 12:41 PM IST
सार

आधुनिक कारों में इस्तेमाल हो रहा लाइडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) सेंसर जहां ड्राइविंग को ज्यादा सुरक्षित और स्मार्ट बना रहा है, वहीं यह आपके स्मार्टफोन कैमरे के लिए गंभीर खतरा भी बन सकता है। 

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Warning: Your Car’s LiDAR Sensor Can Permanently Damage Your Smartphone Camera
स्मार्टफोन कैमरा सेंसर (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
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क्या आपको वो लेजर गन खिलौना याद है जिससे हम बचपन में खेला करते थे? और उसके साथ दी जाने वाली वो चेतावनी कि लेजर पॉइंटर से आंखों को नुकसान हो सकता है? लेजर लाइट सिर्फ आंखों के लिए ही नहीं, बल्कि आपके स्मार्टफोन के लिए भी खतरनाक हो सकती है। अगर आपके पास एक आधुनिक कार है जिसमें LiDAR (लाइडार) सेंसर लगा है, तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। यह सेंसर आपके फोन के कैमरे के लेंस और सेंसर को पूरी तरह से नष्ट कर सकता है। इंसानी आंखों के लिए ये किरणें भले ही अदृश्य हों, लेकिन कैमरे के नाजुक ऑप्टिकल पार्ट्स के लिए यह नुकसानदायक साबित हो सकती हैं।

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कैसे होता है कैमरे को नुकसान?

स्मार्टफोन के कैमरा सेंसर बहुत ही संवेदनशील होते हैं। जब कार के लाइडार सेंसर से निकलने वाली लेजर बीम सीधे आपके फोन के कैमरे के लेंस में जाती है, तो यह सेंसर के पिक्सल को जला सकती है। हालांकि, ऐसा होने की संभावना कम होती है, लेकिन खतरा तब सबसे ज्यादा होता है जब आप अपने कैमरे को सीधे कार के लाइडार एमिटर की ओर पॉइंट करते हैं या आप वीडियोग्राफी के लिए ज़ूम लेंस का इस्तेमाल कर रहे होते हैं।

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आखिर लाइडार है क्या? 

लाइडार का मतलब है 'लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग'। यह रडार की तरह ही एक रिमोट सेंसिंग तकनीक है, लेकिन यह रेडियो तरंगों की जगह लेजर लाइट का इस्तेमाल करती है। लाइडार सेंसर तेजी से लेजर लाइट छोड़ता है और उस लाइट के टकराकर वापस आने के समय को मापता है। इसका इस्तेमाल नई कारों में आसपास के वातावरण का 3D मैप बनाने के लिए किया जाता है। यह स्वचालित वाहनों को बर्फ में चलने या बाधाओं को पहचानने में मदद करता है।

इंसानों को नहीं दिखता, लेकिन कैमरे को जला देता है

लाइडार से निकलने वाली लाइट इंफ्रारेड स्पेक्ट्रम में होती है, जिसे हमारी आंखें नहीं देख सकतीं। अगर आप कार के सामने खड़े हों, तो आपको कुछ नहीं दिखेगा जब तक कि आपके पास थर्मल कैमरा न हो। लेकिन स्मार्टफोन के इमेजिंग सेंसर इस लेजर को देख सकते हैं। जब यह लेजर सीधे सेंसर पर पड़ती है, तो 'बर्न-इन' प्रभाव पैदा करती है, जिससे फोटो में हमेशा के लिए काले धब्बे या डेड पिक्सल आ जाते हैं।

वायरल वीडियो ने किया खतरे का खुलासा

हाल ही में रेडिट पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसने इस खतरे को साबित कर दिया। एक यूजर ने अपनी कार वॉल्वो EX90 के पास अपना स्मार्टफोन कैमरा ले जाकर वीडियो बनाने की कोशिश की। जैसे ही उसने जूम किया, कार के लाइडार की लेजर ने फोन के कैमरा सेंसर को डैमेज कर दिया और स्क्रीन पर डेड पिक्सल दिखाई देने लगे। आमतौर पर यह सलाह दी जाती है कि कैमरे को सीधे लाइडार सेंसर की ओर पॉइंट करने से बचें। लाइडार से निकलने वाली लेजर लाइट कैमरे के सेंसर को नुकसान पहुंचा सकती है या उसके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है।

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