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दलित होने के कारण नहीं मिला ध्वजारोहण का निमंत्रण : सांसद
संवाद न्यूज एजेंसी, अयोध्या
Updated Wed, 26 Nov 2025 09:22 PM IST
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47-अवधेश प्रसाद,सांसद
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अयोध्या। राम मंदिर के ध्वजारोहण कार्यक्रम में निमंत्रण न मिलने पर सांसद अवधेश प्रसाद ने बुधवार को प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वह दलित समाज से आते हैं, शायद इसीलिए उन्हें निमंत्रण नहीं दिया गया। यह भाजपा की निम्न सोच का परिचायक है।
संवाद न्यूज एजेंसी से बातचीत में सांसद ने कहा कि प्रभु श्रीराम के मंदिर पर प्रधानमंत्री ने पताका फहराया, इसका अभिनंदन और स्वागत है। इसके लिए पूरे क्षेत्र, प्रदेश और देश वासियों को बधाई देता हूं। अफसोस है कि आयोजन में प्रभु श्रीराम की देवतुल्य जनता को नजरअंदाज किया गया। आमजन को वहां जाने से रोका गया। प्रेस के लोगों को भी शर्तों के साथ पास दिया गया। 10 दिन पहले से ठेला-खोमचा वालों को परेशान किया गया।
24 नवंबर को रात 12 बजे तक कार्ड मिलने का इंतजार किया। डीएम से भी बात की तो उन्होंने ट्रस्ट के लोगों के कार्ड बांटने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। पीएम पूरे देश के हैं, सिर्फ भाजपा के नहीं है। वह उनके भी पीएम हैं। अयोध्या के लाखों लोगों ने उन्हें सांसद चुना है। वह दलित समाज से हैं, शायद इसीलिए नहीं बुलाया गया है। इसी भावना के कारण राष्ट्रपति को भी नहीं बुलाया गया।
भाजपा के लोगों की विचारधारा और निम्न स्तर की सोच इसकी मुख्य वजह है। उन्हें नहीं बुलाया गया, इसका मलाल नहीं है। बिना बुलाए ही वह कई बार राम मंदिर दर्शन कर चुके हैं। राम के नाम पर भाजपा व्यापार करती है। रामराज्य में सभी जाति-धर्म के लोगों को सम्मान मिलता था। यह रामराज्य नहीं है। राम ने शबरी मां को गले लगाया।
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24 नवंबर को रात 12 बजे तक कार्ड मिलने का इंतजार किया। डीएम से भी बात की तो उन्होंने ट्रस्ट के लोगों के कार्ड बांटने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। पीएम पूरे देश के हैं, सिर्फ भाजपा के नहीं है। वह उनके भी पीएम हैं। अयोध्या के लाखों लोगों ने उन्हें सांसद चुना है। वह दलित समाज से हैं, शायद इसीलिए नहीं बुलाया गया है। इसी भावना के कारण राष्ट्रपति को भी नहीं बुलाया गया।
भाजपा के लोगों की विचारधारा और निम्न स्तर की सोच इसकी मुख्य वजह है। उन्हें नहीं बुलाया गया, इसका मलाल नहीं है। बिना बुलाए ही वह कई बार राम मंदिर दर्शन कर चुके हैं। राम के नाम पर भाजपा व्यापार करती है। रामराज्य में सभी जाति-धर्म के लोगों को सम्मान मिलता था। यह रामराज्य नहीं है। राम ने शबरी मां को गले लगाया।