{"_id":"614625908ebc3ecf72576582","slug":"final-draft-of-master-plan-ready-faizabad-news-lko5961708189","type":"story","status":"publish","title_hn":"मास्टर प्लान का फाइनल ड्रॉफ्ट तैयार","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
मास्टर प्लान का फाइनल ड्रॉफ्ट तैयार
विज्ञापन


अयोध्या। रामनगरी का बहुप्रतीक्षित मास्टर प्लान 2031 बनकर तैयार हो गया है। इसे 26 सितंबर से आमजन देख सकेंगे। अयोध्या विकास प्राधिकरण मास्टर प्लान को अपने कार्यालय परिसर में लगाएगा। इस पर आम लोगों से आपत्तियां व सुझाव मांगे जाएंगे।
25 अक्तूबर तक आपत्तियां व सुझावों को निस्तारित करने के बाद यह 26 अक्तूबर को प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में पेश होगा। इसके बाद 31 अक्तूबर को शासन को भेज दिया जाएगा। शासन की अनुमति के बाद नया मास्टर प्लान शहर में लागू हो जाएगा।
अयोध्या विकास क्षेत्र के 133 वर्ग किमी का मास्टर प्लान पिछले वर्ष जियोलाजिकल बेस पर बनाने के लिए अमृत योजना के तहत स्वीकृत हुआ था। इसके बाद अयोध्या विकास प्राधिकरण ने टेंडर जारी कर सर्वे करने व आइडियल ग्राफ खींचने के लिए निजी कंपनियों को न्योता दिया था।
एस्टेलाइट कंपनी को अयोध्या का मास्टर प्लान बनाने का जिम्मा मिला था। इस कंपनी की ओर से डोर-टू-डोर सर्वे कर नए मास्टर प्लान का ग्राफ तैयार कर पिछले माह टाउन प्लानिंग विभाग को सौंप दिया गया।
टाउन प्लानिंग विभाग ने इस पर गाटा के आधार पर समस्त कार्यों को सेट कर मास्टर प्लान का फाइनल ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया है। टाउन प्लानिंग विभाग अब मास्टर प्लान को इसी सप्ताह अयोध्या विकास प्राधिकरण को सौंपेगा। इसके बाद एडीए इसे आमजन को देखने के लिए अपने कार्यालय परिसर में लगाएगा। इसकी तिथि 26 सितंबर निर्धारित की गई है।
एक महीने तक एडीए कार्यालय परिसर में मास्टर प्लान का फाइनल ड्रॉफ्ट लगा रहने के बाद इससे जुड़ीं आपत्तियों व सुझावों का निस्तारण किया जाएगा। इसके बाद प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में 26 अक्तूबर को पेश होगा। यहां से पास होने के बाद 31 अक्तूबर को शासन को भेज दिया जाएगा। वहां से पास होने के बाद मास्टर प्लान को लागू कर दिया जाएगा।
अयोध्या विकास प्राधिकरण का कार्य क्षेत्र लगभग 872.81 किमी का है। इसमें 700 वर्ग किमी क्षेत्र अभी हाल में शामिल हुआ है। इससे पूर्व ही अमृत योजना के तहत अयोध्या का मास्टर प्लान 2031 बनाए जाने का काम चल रहा था। अयोध्या विकास प्राधिकरण ने अपने विकास क्षेत्र का दायरा बढ़ने के बाद दो भाग में मास्टर प्लान बनाने का निर्णय लिया था।
पहला भाग जिसका मास्टर प्लान बन रहा था, उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की बल्कि पहले 133 वर्ग किमी के बाद मास्टर प्लान को ‘ए’ व बाद में जुड़े क्षेत्र को मास्टर प्लान ‘बी’ का स्वरूप प्रदान किया है। अब मास्टर प्लान ‘ए’ बनकर तैयार है जबकि मास्टर प्लान ‘बी’ पर काम चल रहा है। गोंडा के इलाकों का चिह्नीकरण हो चुका है।
इनके राजस्व ग्रामों के डेटा भी आ चुके हैं लेकिन अभी बस्ती जनपद पर कोई काम नहीं हुआ और न ही इनके डेटा विकास प्राधिकरण को मिल सके हैं। प्राधिकरण ने दोनों जनपदों को 29 सितंबर तक अपने डेटा उपलब्ध कराने के निर्देश निर्गत किए हैं। इसके बाद प्राधिकरण आरएफपी जारी करेगा।
अयोध्या को विश्वस्तरीय आध्यात्मिक मेगा सिटी के रूप में विकसित किया जाना है। इसके दृष्टिगत मास्टर प्लान में पूरी व्यवस्था की गई है। मुुख्य सड़कों की चौड़ाई कम से कम 24 मीटर निर्धारित की गई है। शहर में होटल, पार्किंग स्थल व रेस्टोरेंट को विशेष तरजीह दी गई है। अयोध्या के विकास के विजन डाक्यूमेंट 2047 की समस्त योजनाओं को मास्टर प्लान में शामिल किया गया है।
विजन डाक्यूमेंट की 28 हजार करोड़ रुपये की योजनाएं प्रस्तावित हैं। इसके अलावा अयोध्या का हवाई अड्डा, मेडिकल कॉलेज व ग्रीन टाउनशिप समेत समस्त इलाकों को मास्टर प्लान में जगह दी गई है। इसके अलावा राममंदिर के आसपास के इलाके के लिए नई संशोधित नियमावली को रखा गया है।
इसमें भवन के मानक व अन्य निर्माण कार्य की अलग प्रकार से व्यवस्था की जाएगी। साथ ही हाईवे से सटे इलाकों व राममंदिर से जोड़ने वाले मार्गों के इलाके को व्यावसायिक जोन में रखा गया है। सब कुछ मिलाकर मास्टर प्लान में पर्यटकों व श्रद्धालुओं की आमद व उनके ठहरने की व्यवस्था का संपूर्ण ध्यान रखा गया है।
एडीए वीसी विशाल सिंह ने बताया कि अयोध्या का मास्टर प्लान 2031 बनकर तैयार है। मुख्य सचिव के निर्देश पर मास्टर प्लान की टाइम लाइन जारी कर दी गई है। 26 सितंबर को आमजन के लिए इसे एडीए कार्यालय परिसर में लगा दिया जाएगा।
सभी से आपत्तियां व सुझाव मांगे जाएंगे, इसके बाद आपत्तियों व सुझावों को जोड़कर प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा। यहां पास कर शासन की अनुमति के लिए भेजा जाएगा। इसकी तिथि 31 अक्तूबर निर्धारित है। शासन की अनुमति के बाद मास्टर प्लान 2031 लागू कर दिया जाएगा।
विज्ञापन
Trending Videos
25 अक्तूबर तक आपत्तियां व सुझावों को निस्तारित करने के बाद यह 26 अक्तूबर को प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में पेश होगा। इसके बाद 31 अक्तूबर को शासन को भेज दिया जाएगा। शासन की अनुमति के बाद नया मास्टर प्लान शहर में लागू हो जाएगा।
विज्ञापन
विज्ञापन
अयोध्या विकास क्षेत्र के 133 वर्ग किमी का मास्टर प्लान पिछले वर्ष जियोलाजिकल बेस पर बनाने के लिए अमृत योजना के तहत स्वीकृत हुआ था। इसके बाद अयोध्या विकास प्राधिकरण ने टेंडर जारी कर सर्वे करने व आइडियल ग्राफ खींचने के लिए निजी कंपनियों को न्योता दिया था।
एस्टेलाइट कंपनी को अयोध्या का मास्टर प्लान बनाने का जिम्मा मिला था। इस कंपनी की ओर से डोर-टू-डोर सर्वे कर नए मास्टर प्लान का ग्राफ तैयार कर पिछले माह टाउन प्लानिंग विभाग को सौंप दिया गया।
टाउन प्लानिंग विभाग ने इस पर गाटा के आधार पर समस्त कार्यों को सेट कर मास्टर प्लान का फाइनल ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया है। टाउन प्लानिंग विभाग अब मास्टर प्लान को इसी सप्ताह अयोध्या विकास प्राधिकरण को सौंपेगा। इसके बाद एडीए इसे आमजन को देखने के लिए अपने कार्यालय परिसर में लगाएगा। इसकी तिथि 26 सितंबर निर्धारित की गई है।
एक महीने तक एडीए कार्यालय परिसर में मास्टर प्लान का फाइनल ड्रॉफ्ट लगा रहने के बाद इससे जुड़ीं आपत्तियों व सुझावों का निस्तारण किया जाएगा। इसके बाद प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में 26 अक्तूबर को पेश होगा। यहां से पास होने के बाद 31 अक्तूबर को शासन को भेज दिया जाएगा। वहां से पास होने के बाद मास्टर प्लान को लागू कर दिया जाएगा।
अयोध्या विकास प्राधिकरण का कार्य क्षेत्र लगभग 872.81 किमी का है। इसमें 700 वर्ग किमी क्षेत्र अभी हाल में शामिल हुआ है। इससे पूर्व ही अमृत योजना के तहत अयोध्या का मास्टर प्लान 2031 बनाए जाने का काम चल रहा था। अयोध्या विकास प्राधिकरण ने अपने विकास क्षेत्र का दायरा बढ़ने के बाद दो भाग में मास्टर प्लान बनाने का निर्णय लिया था।
पहला भाग जिसका मास्टर प्लान बन रहा था, उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की बल्कि पहले 133 वर्ग किमी के बाद मास्टर प्लान को ‘ए’ व बाद में जुड़े क्षेत्र को मास्टर प्लान ‘बी’ का स्वरूप प्रदान किया है। अब मास्टर प्लान ‘ए’ बनकर तैयार है जबकि मास्टर प्लान ‘बी’ पर काम चल रहा है। गोंडा के इलाकों का चिह्नीकरण हो चुका है।
इनके राजस्व ग्रामों के डेटा भी आ चुके हैं लेकिन अभी बस्ती जनपद पर कोई काम नहीं हुआ और न ही इनके डेटा विकास प्राधिकरण को मिल सके हैं। प्राधिकरण ने दोनों जनपदों को 29 सितंबर तक अपने डेटा उपलब्ध कराने के निर्देश निर्गत किए हैं। इसके बाद प्राधिकरण आरएफपी जारी करेगा।
अयोध्या को विश्वस्तरीय आध्यात्मिक मेगा सिटी के रूप में विकसित किया जाना है। इसके दृष्टिगत मास्टर प्लान में पूरी व्यवस्था की गई है। मुुख्य सड़कों की चौड़ाई कम से कम 24 मीटर निर्धारित की गई है। शहर में होटल, पार्किंग स्थल व रेस्टोरेंट को विशेष तरजीह दी गई है। अयोध्या के विकास के विजन डाक्यूमेंट 2047 की समस्त योजनाओं को मास्टर प्लान में शामिल किया गया है।
विजन डाक्यूमेंट की 28 हजार करोड़ रुपये की योजनाएं प्रस्तावित हैं। इसके अलावा अयोध्या का हवाई अड्डा, मेडिकल कॉलेज व ग्रीन टाउनशिप समेत समस्त इलाकों को मास्टर प्लान में जगह दी गई है। इसके अलावा राममंदिर के आसपास के इलाके के लिए नई संशोधित नियमावली को रखा गया है।
इसमें भवन के मानक व अन्य निर्माण कार्य की अलग प्रकार से व्यवस्था की जाएगी। साथ ही हाईवे से सटे इलाकों व राममंदिर से जोड़ने वाले मार्गों के इलाके को व्यावसायिक जोन में रखा गया है। सब कुछ मिलाकर मास्टर प्लान में पर्यटकों व श्रद्धालुओं की आमद व उनके ठहरने की व्यवस्था का संपूर्ण ध्यान रखा गया है।
एडीए वीसी विशाल सिंह ने बताया कि अयोध्या का मास्टर प्लान 2031 बनकर तैयार है। मुख्य सचिव के निर्देश पर मास्टर प्लान की टाइम लाइन जारी कर दी गई है। 26 सितंबर को आमजन के लिए इसे एडीए कार्यालय परिसर में लगा दिया जाएगा।
सभी से आपत्तियां व सुझाव मांगे जाएंगे, इसके बाद आपत्तियों व सुझावों को जोड़कर प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा। यहां पास कर शासन की अनुमति के लिए भेजा जाएगा। इसकी तिथि 31 अक्तूबर निर्धारित है। शासन की अनुमति के बाद मास्टर प्लान 2031 लागू कर दिया जाएगा।