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Umar Ansari: जालसाजी के मामले में गिरफ्तार उमर अंसारी को भेजा जेल, मां अफ्शा का बनाया था फर्जी हस्ताक्षर

अमर उजाला नेटवर्क, गाजीपुर। Published by: प्रगति चंद Updated Mon, 04 Aug 2025 12:26 PM IST
सार

Ghazipur News: उमर अंसारी 10 करोड़ की संपत्ति के लिए मां अफ्शा का फर्जी हस्ताक्षर बनाया था। इस मामले में पुलिस ने उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया था। इसके बाद जूडिशियल कोर्ट में पेश किया। 

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Ghazipur police arrested Mukhtar Ansari son Umar Ansari in Fraud for property worth 10 crores
मुख्तार के बेटे उमर को लेकर गाजीपुर पहुंची पुलिस - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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जालसाजी के मामले में आईएस 191 गैंग के सरगना और माफिया मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को रविवार की देर रात लखनऊ के दारूलशफा स्थित विधायक निवास से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोप है कि उमर अंसारी ने 50 हजार की इनामी अपनी मां अफ्शा अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर किए और अदालत में दाखिल कर दिया था। उमर अपने परिवार की कुर्क संपत्ति को बचाने की फिराक में था। जालसाजी और कूटरचना के मामले में गिरफ्तार उमर अंसारी को पुलिस ने मुहम्मदाबाद स्थित जूडिशियल कोर्ट में पेश किया। जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया।

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उमर अंसारी ने शहर कोतवाली क्षेत्र डेवड़ी बल्लभ दास स्थित जमीन पर भौतिक लाभ लेने की कोशिश में फर्जीवाड़ा किया। एसपी डा. ईरज राजा के मुताबिक इस जमीन की इस समय अनुमानित बाजारू कीमत 10 करोड़ रुपये के आसपास है। 

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एसपी डा. ईरज राज के मुताबिक आरोपी ने शहर कोतवाली क्षेत्र के बीचों बीच स्थित मुहल्ला देवकी बल्लभ दास में संपत्ति को लेकर फर्जीवाड़ किया है, जिसकी कीमत वर्तमान समय में 9 से 10 करोड़ रुपये के बीच बताई जा रही है। मामले में उमर अंसारी और उनके अधिवक्ता लियाकत अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। एसपी के मुताबिक इस सपत्ति के जब्तीकरण का आदेश 6 दिसंबर 2021 को तत्कालीन जिलाधिकारी ने पुलिस रिपोर्ट पर किया था। आरोपी ने मामले में प्रत्यावेदन किया। लेकिन विचारोपरांत जिलाधिकारी ने खारिज करते हुए फाइनल ऑर्डर 21 सितंबर 2023 को जारी किया। 




डीएम के इस आदेश के विरुद्ध आरोपी पक्ष न्यायालय की शरण में गया, लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली। न्यायालय ने पक्ष गलत मानते हुए सरकार के पक्ष में संपत्ति निहित करने का आदेश 11 मार्च 2025 को किया गया। इधर, अनुचित लाभ लेने के उद्देश्य से मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने अपने वकील लियाकत अली के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा कर दिया। 

एसपी के मुताबिक सोची समझी रणनीति के तहत उमर अंसारी ने अपनी मां और 50 हजार की ईनामी अफसा अंसारी का फर्जी हस्ताक्षर करते हुए एक याचिका न्यायालय में दाखिल कर दिया। जिसके सम्यक जांचोपरांत फर्जीवाड़ा सामने आया। 

न्यायालय को भी भ्रम में रखने का प्रयास करते हुए फर्जीवाड़ा किया गया है। इनके इस कृत्य से न्यायिक शुचिता भी प्रभावित हुई है, जिसपर मुहम्मदाबाद थाने में उमर अंसारी और उनके अधिवक्ता लियाकत अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

शक होने पर ऐसे हुई फर्जी हस्ताक्षर की जानकारी

मुहम्मदाबाद में दर्ज कराए गए मुकदमें के मुताबिक 9 जुलाई 2025 को सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) से न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश/ एमपीएमएलए कोर्ट ने आख्या मांगी। 11 जुलाई को संबंधित प्रपत्रों की नकल प्राप्त किए। दाखिल प्रपत्रों के देखने पर प्रथम दृष्टया यह तथ्य सामने आया कि अभियुक्ता अफ्शा अंसारी ने अपने एडवोकेट के माध्यम से दायर की गई याचिका के साथ संलग्न प्रपत्रों में उसके हस्ताक्षर है, लेकिन वह संदिग्ध प्रतीत हो रहे थे।

ऐसे में अभिलेखों से भौतिक रूप से मिलान किया गया तो पता चला कि मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन में अफसा अंसारी 60 प्रतिशत की पार्टनर है। उस पार्टनरशिप डीड में अफ्शा अंसारी के किए गए हस्ताक्षर और दायर की इस याचिका के साथ संलग्न प्रपत्रों से बिल्कुल अलग हैं। चूंकि याचिकाकर्ता के वकील लियाकत अली द्वारा याचिका में यह तथ्य भी अंकित किया गया कि यह याचिकाकर्ता द्वारा याचिका मय संलग्नक अपने पुत्र उमर अंसारी के माध्यम से स्वयं द्वारा हस्ताक्षर करके उमर अंसारी को दिया गया है। जबकि वह खुद एक 50 हजार रुपये की ईमानियां हैैं। ऐसे में वह कभी भी ऐसा नहीं कर सकती हैं, जिसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने 3 जुलाई की शाम मुकदमा दर्ज किया।

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