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मोंथा का कहर : तेज हवा और बारिश से धान, बाजरा और अरहर की फसल गिरी

Varanasi Bureau वाराणसी ब्यूरो
Updated Fri, 31 Oct 2025 12:31 AM IST
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Montha's havoc: Strong winds and rain destroyed paddy, millet and pigeon pea crops.
बारिश और तेज हवा से दुबिहा गांव में खेत के झुकी धान की तैयार फसल। संवाद
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सादात। चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव से क्षेत्र में बृहस्पतिवार को तड़ित झंझावात के साथ बारिश जारी रही। मौसम में आए इस अप्रत्याशित बदलाव ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खेतों में खड़ी धान, बाजरा और अरहर की फसलें तेज हवा और बारिश से गिरकर नष्ट हो गई हैं। पशुओं के चारे के लिए बोई गई चरी और सनई की फसल भी जमीन पर बिछ गई है। लगातार दूसरे दिन हो रही बारिश से खेतों में जलभराव की स्थिति बन गई है। कई जगहों पर पक चुकी धान की बालियां मिट्टी में धंसकर सड़ने लगी हैं। इससे किसानों की लागत भी निकलना मुश्किल हो गया है। सब्जियों की फसल पर भी विपरीत असर देखा जा रहा है। वहीं, गीले खेतों से रबी की फसलों की बोआई प्रभावित हो रही है। डोरिया गांव के किसान कांता यादव, शिकारपुर के पूर्व ग्राम प्रधान वीरेंद्र यादव और शिशुआपार के किसान प्रदुम्न राय ने बताया कि इस बार की बारिश ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बीज पानी में सड़ने लगे हैं और पुआल भी खराब हो गया है। इससे पशुओं के चारे की भारी कमी होने की संभावना है। उधर, कृषि वैज्ञानिक ओंकार सिंह ने बताया कि चक्रवाती तूफान मोंथा का असर अगले कुछ दिनों तक बना रह सकता है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे मौसम सामान्य होने तक नई बोआई से परहेज करें और जल निकासी की उचित व्यवस्था करें, ताकि नुकसान को कम किया जा सके।

बेमौसम बारिश ने किसानों की उम्मीदों को तोड़ा-दुबिहां। बाराचवर विकास खंड के हरदासपुर, दुबिहां, नेवादा, कमसड़ी, असावर, बखरीयाडीह, गोबिंदपुर, खडहरा और बिंदवलियां समेत आसपास के इलाकों में पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों को गहरा नुकसान पहुंचाया है। खेतों में कटाई के लिए तैयार खड़ी धान की फसल पानी में भींगकर झुक गई है। इससे फसल की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। किसानों का कहना है कि धान में नमी आने से अब मंडियों में खरीदार भी नहीं मिलेंगे। यही फसल उनके लिए कर्ज चुकाने, बच्चों की फीस भरने और परिवार के खर्च चलाने का सहारा थी। लेकिन अब बेमौसम बारिश ने उनकी उम्मीदों को तोड़ दिया है।
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