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UP: 'बाबा साहेब के नाखून बराबर भी नहीं हैं अखिलेश', BJP ने किया प्रदर्शन; बोले- दलित विरोधी रही है सपा

अमर उजाला नेटवर्क, जाैनपुर। Published by: अमन विश्वकर्मा Updated Wed, 30 Apr 2025 05:43 PM IST
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सार

Politics News: बाबा साहेब आंबेडकर और अखिलेश यादव के पोस्टर पर यूपी में सियासत गर्म हो गई है। भाजपा के लोग प्रदर्शन कर समाजवादी पार्टी को दलित विरोधी बता रहे हैं। जाैनपुर में भाजपजनों ने अपनी नाराजगी जाहिर कर रैली निकाली।

Akhilesh yadav not even equal to Baba Saheb ambedkar BJP protests in jaunpur against Samajwadi party
बैठक में सपा के खिलाफ नाराजगी जताते भाजपा कार्यकर्ता। - फोटो : अमर उजाला
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UP Politics: समाजवादी पार्टी द्वारा लगाए गए पोस्टर में अखिलेश यादव और बाबा साहेब आंबेडकर की तस्वीरों को आधा-आधा काटकर जोड़ा गया। इस पर भाजपा ने कलेक्ट्रेट मे जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह के अध्यक्षता मे धरना-प्रदर्शन कर कड़ा विरोध जताया।

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आरोप लगाया कि सपा ने इस कृत्य से बाबा साहेब का अपमान किया है विभिन्न घटनाओं का हवाला देते हुए भाजपा ने अखिलेश यादव पर दलित विरोधी रवैये का आरोप लगाते हुए माफी की मांग की है।
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जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने समाजवादी लोहिया वाहिनी की बैठक के लिए पोस्टर में अखिलेश यादव और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तस्वीरों को आधा-आधा काटकर जोड़ा। इसे हम बाबा साहेब का अपमान करार देते हैं और विरोध-प्रदर्शन कर हम इसका विरोध कर रहे हैं।

आगे कहा कि समाजवादी पार्टी कार्यालय पर भारतरत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर के आधे चित्र के साथ अखिलेश यादव का चित्र लगाकर उन्हें बाबा साहेब के बराबर दिखाया गया है। वही चित्र लोहिया वाहिनी के वरिष्ठ पदाधिकारी ने अखिलेश यादव को भेंट किया है यह बहुत ही शर्मनाक है।

दलितों के विरोधी हैं अखिलेश यादव

अखिलेश यादव हमेशा बाबा साहेब का अपमान करते रहे हैं। बताया कि कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम डॉ. भीमराव आंबेडकर मेडिकल कॉलेज था, अखिलेश को बाबा साहेब से इतनी नफरत है कि मुख्यमंत्री बनते ही बाबा साहेब का नाम हटा दिया।

जिला भीमनगर का नाम बदल जिला संभल कर दिया। बाबा साहेब का नाम न इन्हें पसंद था और न ही संभल के तत्कालीन समाजवादी पार्टी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क को। जिला रमाबाई नगर का नाम बदल कानपुर देहात कर दिया। महान दलित संत के नाम पर बने जिला रविदास नगर का नाम बदलकर भदोही कर दिया। 

कहा कि अखिलेश को दलित संतों से भी नफरत है। दलित महापुरुष के नाम पर बने सहारनपुर मेडिकल कॉलेज का नाम बदलकर शेख-उल-हिंद मौलाना महमूद हसन मेडिकल कॉलेज कर दिया। ये दलितों को अपमानित करना और मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है।

जिलों का नाम बदलने पर मची रार

पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सपा कभी भी दलितों के साथ नहीं रही। उनके मुख्यमंत्री के कार्यकाल में या मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में, जितना उत्पीड़न दलितों के ऊपर हुआ उतना कभी नहीं हुआ। कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव बाबा साहेब के नाखून के बराबर भी नहीं हैं।

उन्होंने आगे कहा कि 6 सितंबर, 2016 को अखिलेश यादव गाजियाबाद में आला हजरत हज हाउस का लोकार्पण कर रहे थे। मंचासीन तत्कालीन कद्दावर मंत्री आजम खान ने बाबा साहेब को भू-माफिया बताया तो अखिलेश यादव ताली बजाकर ठहाके लगा रहे थे।

कहा कि बाबा साहेब बौद्ध धर्म को मानते थे। बौद्ध धर्म से संबंधित जिला प्रबुद्ध नगर और पंचशील नगर के नाम बदल जिला हापुड़ और शामली कर दिया। दलितों से इतनी नफरत कि मुख्यमंत्री बनते ही अखिलेश ने एक लाख से अधिक दलित अधिकारियों को अपमानित करके उन्हें पदावनत कर दिया।

कार्यक्रम को सरस गौड़, श्याम मोहन अग्रवाल, नरेंद्र उपाध्याय, रागिनी सिंह, अनिल गुप्ता, अजय सरोज, नंदलाल यादव, कृष्ण कुमार जायसवाल, विकास शर्मा, कमलेश निषाद, सारिका सोनी ने भी संबोधित किया। संचालन जिला महामंत्री सुशील मिश्र और पूर्व नगर अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव ने किया।
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