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एआरटीओ दफ्तर में छापेमारी
jaunpur
Updated Sun, 06 Mar 2016 12:57 AM IST
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एआरटीओ कार्यालय में डीएम की छापेमारी के बाद पसरा सन्नाटा।
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जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वास्मी ने शनिवार को उप संभागीय परिवहन कार्यालय में अचानक छापेमारी की। इससे कार्यालय में हड़कंप मच गया। आसपास भीड़ लगाए दलाल वहां से भाग खड़े हुए। डीएम ने एक एक कर सभी पटल की जांच करवाई। कैश काउंटर की भी जांच की गई। लेकिन कोई खामी नहीं पाई गई। उन्होंने नगर मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि वह एआरटीओ कार्यालय में लगातार छापेमारी कर यहां की गतिविधियों पर नजर रखें। एआरटीओ लक्ष्मण प्रसाद को निर्देश दिया कि वह कार्यालय की
बाउंड्रीवाल को और ऊंचा करवाएं और यहां दलालों को फटकने न दें। जिलाधिकारी से किसी ने शिकायत की थी कि एआरटीओ दफ्तर में दलालों का बोलबाला है। सामान्य लोगों को किसी भी काम के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता है। इस शिकायत पर डीएम भानुचंद्र गोस्वामी, नगर मजिस्ट्रेट उमाकांत त्रिपाठी के साथ दोपहर करीब एक बजे एआरटीओ कार्यालय पहुंच गए। अचानक वहां डीएम की गाड़ी देख हड़कंप मच गया। आस पास मौजूद भीड़ तितर बितर हो गई। जिलाधिकारी ने एक एक काउंटर की
जांच करवाया। हालांकि किसी भी काउंटर पर कोई खामी सामने नहीं आई। चर्चा है कि पूर्व परिवहन मंत्री के एक रश्तिेदार एआरटीओ कार्यालय में अक्सर मंत्री के नाम पर धौंस जमाकर काम कराने पहुंचे रहते हैं। वर्चस्व को लेकर बाहर दलालों में मारपीट भी हुई थी। उसी बात से खिन्न होकर संबंधित में से ही किसी ने डीएम से शिकायत की थी
। जिलाधिकारी बमुश्किल पांच मिनट में ही एआरटीओ दफ्तर से निकल गए लेकिन उनके साथ पहुंचे नगर मजिस्ट्रेट उमाकांत त्रिपाठी घंटे भर कार्यालय में जमे रहे। उन्होंने एक एक पटल की बारीकी से जांच की। स्थानीय लोगों से भी उन्हों ने एआरटीओ कार्यालय की गतिविधियों की जानकारी ली। हालांकि कोई खामी सामने नहीं आई।

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बाउंड्रीवाल को और ऊंचा करवाएं और यहां दलालों को फटकने न दें। जिलाधिकारी से किसी ने शिकायत की थी कि एआरटीओ दफ्तर में दलालों का बोलबाला है। सामान्य लोगों को किसी भी काम के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता है। इस शिकायत पर डीएम भानुचंद्र गोस्वामी, नगर मजिस्ट्रेट उमाकांत त्रिपाठी के साथ दोपहर करीब एक बजे एआरटीओ कार्यालय पहुंच गए। अचानक वहां डीएम की गाड़ी देख हड़कंप मच गया। आस पास मौजूद भीड़ तितर बितर हो गई। जिलाधिकारी ने एक एक काउंटर की
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जांच करवाया। हालांकि किसी भी काउंटर पर कोई खामी सामने नहीं आई। चर्चा है कि पूर्व परिवहन मंत्री के एक रश्तिेदार एआरटीओ कार्यालय में अक्सर मंत्री के नाम पर धौंस जमाकर काम कराने पहुंचे रहते हैं। वर्चस्व को लेकर बाहर दलालों में मारपीट भी हुई थी। उसी बात से खिन्न होकर संबंधित में से ही किसी ने डीएम से शिकायत की थी
। जिलाधिकारी बमुश्किल पांच मिनट में ही एआरटीओ दफ्तर से निकल गए लेकिन उनके साथ पहुंचे नगर मजिस्ट्रेट उमाकांत त्रिपाठी घंटे भर कार्यालय में जमे रहे। उन्होंने एक एक पटल की बारीकी से जांच की। स्थानीय लोगों से भी उन्हों ने एआरटीओ कार्यालय की गतिविधियों की जानकारी ली। हालांकि कोई खामी सामने नहीं आई।