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Jaunpur News: पांच किमी दूरी में सड़क पर 54 तो पटरी पर 150 से अधिक गड्ढे
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बदलापुर। कहने को तो सरकार सड़कों के निर्माण व मरम्मत पर अरबों रुपये पानी की तरह बहा रही है, लेकिन हकीकत इससे अलग है। प्रयागराज-शाहगंज मार्ग इसका उदाहरण है। घनश्यामपुर से तिलवारी के मध्य करीब 5 किमी दूरी में सड़क पर 54 तो दोनों पटरियों पर 150 से अधिक छोटे बड़े गड्ढे हैं। इससे यहां राहगीर जान जोखिम में डालकर को मजबूर हैं।
इस मार्ग का चौड़ीकरण और मरम्मत वर्ष 2013 में शुरू हुआ था। मुंगराबादशाहपुर से शाहगंज तक 74 किमी सड़क 96 करोड़ रुपये से वर्ष 2017 में बनकर तैयार हुई। इसके बाद इसे लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया गया। रोजाना इस मार्ग पर 8 से 10 हजार वाहनों का आवागमन होता है। चार साल में बनकर तैयार यह सड़क वर्ष 2021 में ही जगह-जगह टूट गई थी। इसकी फिर मरम्मत कराई गई थी। अभी यह सड़क अब फिर टूटने लगी है। सबसे खराब स्थिति घनश्यामपुर से तिलवारी गोमती नदी सेतु तक है। यहां पटरी के दोनों किनारों पर छोटे-बड़े 150 से अधिक गड्ढे हैं। इतना ही नहीं कही-कही तो पटरी का अता-पता ही नहीं है। धीरे-धीरे सड़क भी धंसती जा रही है। कई जगह सड़क के बीच बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। इससे दुर्घटना का खतरा तो रहता ही है समय व तेल भी अधिक खर्च होता है। क्षेत्र के धर्मेंद्र सिंह, रोहित तिवारी, बबलू पांडेय ने बताया कि इस जर्जर सड़क की सुधि लेने वाला कोई नहीं है। आए दिन लोग गिरकर घायल होते हैं। विभाग को शायद किसी बड़ी घटना का इंतजार है। लोगों ने शीघ्र पटरी व सड़क के गड्ढों के मरम्मत की मांग की है।
घनश्यामपुर से तिलवारी मार्ग को अभी प्रस्ताव में शामिल नहीं किया गया है। आगे की कार्ययोजना में इसको लिया जाएगा। स्वीकृत होने पर टेंडर कराकर सड़क की मरम्मत करा दी जाएगी। - राजेंद्र कुमार वर्मा, अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड, पीडब्ल्यूडी।
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इस मार्ग का चौड़ीकरण और मरम्मत वर्ष 2013 में शुरू हुआ था। मुंगराबादशाहपुर से शाहगंज तक 74 किमी सड़क 96 करोड़ रुपये से वर्ष 2017 में बनकर तैयार हुई। इसके बाद इसे लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया गया। रोजाना इस मार्ग पर 8 से 10 हजार वाहनों का आवागमन होता है। चार साल में बनकर तैयार यह सड़क वर्ष 2021 में ही जगह-जगह टूट गई थी। इसकी फिर मरम्मत कराई गई थी। अभी यह सड़क अब फिर टूटने लगी है। सबसे खराब स्थिति घनश्यामपुर से तिलवारी गोमती नदी सेतु तक है। यहां पटरी के दोनों किनारों पर छोटे-बड़े 150 से अधिक गड्ढे हैं। इतना ही नहीं कही-कही तो पटरी का अता-पता ही नहीं है। धीरे-धीरे सड़क भी धंसती जा रही है। कई जगह सड़क के बीच बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। इससे दुर्घटना का खतरा तो रहता ही है समय व तेल भी अधिक खर्च होता है। क्षेत्र के धर्मेंद्र सिंह, रोहित तिवारी, बबलू पांडेय ने बताया कि इस जर्जर सड़क की सुधि लेने वाला कोई नहीं है। आए दिन लोग गिरकर घायल होते हैं। विभाग को शायद किसी बड़ी घटना का इंतजार है। लोगों ने शीघ्र पटरी व सड़क के गड्ढों के मरम्मत की मांग की है।
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घनश्यामपुर से तिलवारी मार्ग को अभी प्रस्ताव में शामिल नहीं किया गया है। आगे की कार्ययोजना में इसको लिया जाएगा। स्वीकृत होने पर टेंडर कराकर सड़क की मरम्मत करा दी जाएगी। - राजेंद्र कुमार वर्मा, अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड, पीडब्ल्यूडी।