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Almora News: वार्ता में हुए समझौते का पालन न होने पर आंदोलन की चेतावनी
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अल्मोड़ा। एक साल पूर्व अतिवृष्टि से जमींदोज जिले के सूपाकोट (लक्ष्मीपुर) के प्राचीन नौले की मरम्मत और गधेरे की निकासी का कार्य कराने के लिए ताकुला ब्लाॅक के अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच हुए समझौते का पालन नहीं होने पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है। उन्होंने 27 सितंबर तक मामले के समाधान के लिए ठोस कार्रवाई न होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी।
ग्रामीणों की बैठक में बताया गया कि आठ मई 2024 को सोमेश्वर घाटी में हुई अतिवृष्टि के कारण ग्राम सूपाकोट का प्राचीन नौला गधेरे के मलबे से जमींदोज हो गया था। गधेरे की निकासी अवरुद्ध होने से पानी आसपास के मकानों में घुस गया था। ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से नौले से मलबा हटाकर जल स्रोत को पुनर्जीवित किया था। नौले की मरम्मत व गधेरे की निकासी की मांग को लेकर प्रभावित ग्रामीणों ने आठ मई को अल्मोड़ा में धरना-प्रदर्शन किया। 13 मई को नौले में धरना व अनशन शुरु किया तो खंड विकास अधिकारी के निर्देश पर वहां अधिकारियों की टीम पहुंची और अनशन स्थल पर ही लिखित समझौता हुआ कि नौले की मरम्मत का कार्य 15वें वित्त टाइड मद और गधेरे में तटबंध का निर्माण और मलबा हटाने का कार्य मनरेगा से किया जाएगा। इस कार्य को बरसात से पूर्व अधिकतम 15 जून से शुरू करने का लिखित समझौता होने के बाद आनंदी पांडे ने अनशन समाप्त किया था। उन्होंने प्रशासन के वादाखिलाफी पुन: नौले में आमरण अनशन का एलान किया ।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए सेवानिवृत्त सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी रमेश चंद्र पांडे ने कहा कि आंदोलन अथवा टकराव की स्थिति आने से पूर्व इस संवेदनशील मामले का समाधान सौहार्दपूर्ण वार्ता के माध्यम से कराने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नौले के आस-पास सोलर लाइट लगाने की अनदेखी की गई है जबकि नौले और गधेरे के पास झाड़ियों में जंगली जानवरों से खतरा बना रहता है। बैठक में धीरज पांडे, मोहित पाठक, महेश पांडे, देवकीनंदन उप्रेती, पायल पाठक, उमेश पांडे, हरीश पांडे आदि मौजूद रहे।

ग्रामीणों की बैठक में बताया गया कि आठ मई 2024 को सोमेश्वर घाटी में हुई अतिवृष्टि के कारण ग्राम सूपाकोट का प्राचीन नौला गधेरे के मलबे से जमींदोज हो गया था। गधेरे की निकासी अवरुद्ध होने से पानी आसपास के मकानों में घुस गया था। ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से नौले से मलबा हटाकर जल स्रोत को पुनर्जीवित किया था। नौले की मरम्मत व गधेरे की निकासी की मांग को लेकर प्रभावित ग्रामीणों ने आठ मई को अल्मोड़ा में धरना-प्रदर्शन किया। 13 मई को नौले में धरना व अनशन शुरु किया तो खंड विकास अधिकारी के निर्देश पर वहां अधिकारियों की टीम पहुंची और अनशन स्थल पर ही लिखित समझौता हुआ कि नौले की मरम्मत का कार्य 15वें वित्त टाइड मद और गधेरे में तटबंध का निर्माण और मलबा हटाने का कार्य मनरेगा से किया जाएगा। इस कार्य को बरसात से पूर्व अधिकतम 15 जून से शुरू करने का लिखित समझौता होने के बाद आनंदी पांडे ने अनशन समाप्त किया था। उन्होंने प्रशासन के वादाखिलाफी पुन: नौले में आमरण अनशन का एलान किया ।
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बैठक की अध्यक्षता करते हुए सेवानिवृत्त सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी रमेश चंद्र पांडे ने कहा कि आंदोलन अथवा टकराव की स्थिति आने से पूर्व इस संवेदनशील मामले का समाधान सौहार्दपूर्ण वार्ता के माध्यम से कराने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नौले के आस-पास सोलर लाइट लगाने की अनदेखी की गई है जबकि नौले और गधेरे के पास झाड़ियों में जंगली जानवरों से खतरा बना रहता है। बैठक में धीरज पांडे, मोहित पाठक, महेश पांडे, देवकीनंदन उप्रेती, पायल पाठक, उमेश पांडे, हरीश पांडे आदि मौजूद रहे।