Uttarakhand: नेता प्रतिपक्ष बोले- आपदा को लेकर संवेदनशील नहीं है प्रबंधन, किसान और मछली पालकों की मदद की जाए
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बागेश्वर जिले के आपदा प्रभावित कनलगढ़ घाटी और हड़बाड़ का भ्रमण किया। उन्होंने प्रदेश सरकार पर आपदा प्रबंधन को लेकर संवेदनशील नहीं होने का आरोप लगाया।

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नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बागेश्वर जिले के आपदा प्रभावित कनलगढ़ घाटी और हड़बाड़ का भ्रमण किया। आपदा प्रभावितों से मिलकर उनकी परेशानी को सुना। उन्होंने प्रदेश सरकार पर आपदा प्रबंधन को लेकर संवेदनशील नहीं होने का आरोप लगाया। कहा कि आपदा में अवसर खोजने और राजनीति करने से लाभ नहीं होगा। मानकों का हवाला देकर भी प्रभावितों को मदद से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने आपदा पीड़ितों की हरसंभव मदद करने के लिए मानकों में बदलाव करने को कहा।

पौंसारी और हड़बाड़ के भ्रमण के बाद जिला मुख्यालय पहुंचे नेता प्रतिपक्ष आर्य ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान धराली, थराली और पौंसारी की आपदा को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा से भारी नुकसान हुआ है। मानव हानि हुई है। स्थिति भयावह है। अब तक किसी भी क्षेत्र में समुचित काम नहीं हो सके हैं। कई प्रभावितों के नुकसान का आंकलन नहीं हुआ है। पौंसारी के मछली पालक और किसानों को मानकों का हवाला देकर मदद नहीं दी जा रही है। उनका सबकुछ तबाह हो चुका है, लेकिन उन्हें इमदाद नहीं दी जा रही है।
मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करने की दरकार है। कहा कि 2013-14 में जब आपदा आई तो हमारी सरकार ने मात्र शपथ पत्र के आधार पर पीड़ितों की मदद की थी। यहां शासन-प्रशासन मानकों का हवाला देकर बचने का प्रयास कर रहा है। मृतक आश्रित को दी जाने वाली मदद में बढ़ोत्तरी होनी चाहिए। प्रभावितों के बैंक लोन माफ कर सरकार को उसकी प्रतिपूर्ति करनी चाहिए। इस मौके पर जिलाध्यक्ष भगवत सिंह डसीला, पूर्व जिपं अध्यक्ष हरीश ऐठानी, पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण आदि मौजूद रहे।
20000 करोड़ की जरूरत है प्रदेश को
नेता प्रतिपक्ष आर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रदेश को 1200 करोड़ रुपये का पैकेज देने की बात कही जा रही है। क्या सरकार ने उनको पूरे प्रदेश के नुकसान के आंकड़े दिए थे। आज प्रदेश को बचाने के लिए 15000 करोड़ से 20000 करोड़ की जरूरत है। हमारी मांग है कि सरकार को पर्याप्त रुपया देना चाहिए।
कहां हैं सरकार के मंत्री, क्यों नहीं हो रहा संयुक्त निरीक्षण
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार के मंत्री आपदा प्रभावित क्षेत्रों में नहीं गए। नुकसान का कहीं मूल्यांकन नहीं हो रहा है। कोई संयुक्त निरीक्षण नहीं किए जा रहे हैं। सभी विभागों का संयुक्त निरीक्षण होना चाहिए। समाज कल्याण विभाग के कैंप लगने चाहिए। सरकार आपदा प्रबंधन को लेकर गंभीर नहीं है। सदन में भी जब विपक्ष ने आपदा पर चर्चा करनी चाही तो केवल 15 मिनट का समय दिया गया।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चले सेवा पखवाड़ा
नेता प्रतिपक्ष आर्य ने भाजपा के सेवा पखवाड़े पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सेवा पखवाड़े की सख्त जरूरत आपदा प्रभावित क्षेत्रों में है। जहां उम्मीदें टूट चुकी हैं। सबकुछ खत्म हो चुका है, लेकिन यह कार्यक्रम केवल पार्टी को मजबूत करने और चुनाव में जीत हासिल करने के उद्देश्य से हो रहा है। सेवा के नाम पर जनता को गुमराह करना और असल मुद्दों से ध्यान भटकाना इनकी नीति है।