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Bageshwar News: दो महीने की खींचतान पर विराम नगरपालिका को मिला स्थायी ईओ
संवाद न्यूज एजेंसी, बागेश्वर
Updated Wed, 26 Nov 2025 11:49 PM IST
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बागेश्वर के नगरपालिका में नवनियुक्त ईओ को कार्यभार सौंपते पालिकाध्यक्ष। संवाद
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बागेश्वर। नगरपालिका में स्थाई अधिशासी अधिकारी विनोद जीना ने कार्यभार संभाल लिया है। अब पालिका में ईओ पद के लिए लंबे समय से चल रही खींचतान का भी पटाक्षेप हो गया है। नए ईओ के आने के बाद आउटसोर्स कर्मचारियों को भी जल्द अक्तूबर माह का रुका हुआ मानदेय मिलने की उम्मीद है।
बुधवार को नैनीताल से स्थानांतरित होकर आए ईओ जीना ने विधिवत कार्यभार ग्रहण किया। पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने उन्हें चार्ज सौंपा। पालिकाध्यक्ष ने बताया कि विगत दो महीनों में ईओ पद को लेकर चले घटनाक्रम के कारण आउटसोर्स के कर्मचारियों को मानदेय नहीं मिल पाया था। अब उन्हें प्राथमिकता से मानदेय का भुगतान किया जाएगा। अन्य विभागीय कामकाज पर भी असर पड़ रहा था। स्थाई ईओ की नियुक्ति से कार्यालयी कार्य भी सुचारु हो जाएगा। ईओ जीना ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद कामकाज शुरू कर दिया है।
चर्चा का विषय बन गया था ईओ का पद
नगरपालिका के पूर्व ईओ मोहम्मद यामीन शेख के स्थानांतरण के बाद विगत 17 सितंबर को कर निरीक्षण हयात सिंह परिहार को शासन से प्रभारी ईओ की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 18 सितंबर को उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया। करीब तीन सप्ताह तक पद पर कार्य करने के बाद भी उन्हें वित्तीय अधिकार नहीं दिए गए थे। नौ अक्तूबर को परिहार का हल्द्वानी नगर निगम को तबादला करते हुए अल्मोड़ा से धीरज कांडपाल को प्रभारी ईओ के तौर पर बागेश्वर भेजा गया। कांडपाल ने बागेश्वर आकर कार्यभार ग्रहण कर लिया था। परिहार ने उनकी नियुक्ति और अपने स्थानांतरण को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने प्रभारी ईओ की नियुक्ति और परिहार के तबादले पर रोक लगा दी। कोर्ट ने वरिष्ठतम अधिकारी को ईओ का प्रभार देने का आदेश भी दिया। निर्णय के बाद कांडपाल को वापस अपने मूल स्थान जाना पड़ा। परिहार को इसके बावजूद ईओ का चार्ज नहीं मिला। 17 अक्तूबर को पालिका ने बोर्ड बैठक का आयोजन कर विजय सिंह कनवासी को वरिष्ठतम अधिकारी मानते हुए प्रभारी ईओ नियुक्त कर दिया। परिहार ने इस निर्णय के खिलाफ भी उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की। उनका तर्क था कि प्रभारी ईओ के तौर पर उनकी नियुक्ति का आदेश आज भी प्रभाव में है और वह नगर पालिका के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कनवासी की प्रभारी ईओ के पद पर नियुक्ति पर भी रोक लगा दी थी।
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बुधवार को नैनीताल से स्थानांतरित होकर आए ईओ जीना ने विधिवत कार्यभार ग्रहण किया। पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने उन्हें चार्ज सौंपा। पालिकाध्यक्ष ने बताया कि विगत दो महीनों में ईओ पद को लेकर चले घटनाक्रम के कारण आउटसोर्स के कर्मचारियों को मानदेय नहीं मिल पाया था। अब उन्हें प्राथमिकता से मानदेय का भुगतान किया जाएगा। अन्य विभागीय कामकाज पर भी असर पड़ रहा था। स्थाई ईओ की नियुक्ति से कार्यालयी कार्य भी सुचारु हो जाएगा। ईओ जीना ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद कामकाज शुरू कर दिया है।
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चर्चा का विषय बन गया था ईओ का पद
नगरपालिका के पूर्व ईओ मोहम्मद यामीन शेख के स्थानांतरण के बाद विगत 17 सितंबर को कर निरीक्षण हयात सिंह परिहार को शासन से प्रभारी ईओ की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 18 सितंबर को उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया। करीब तीन सप्ताह तक पद पर कार्य करने के बाद भी उन्हें वित्तीय अधिकार नहीं दिए गए थे। नौ अक्तूबर को परिहार का हल्द्वानी नगर निगम को तबादला करते हुए अल्मोड़ा से धीरज कांडपाल को प्रभारी ईओ के तौर पर बागेश्वर भेजा गया। कांडपाल ने बागेश्वर आकर कार्यभार ग्रहण कर लिया था। परिहार ने उनकी नियुक्ति और अपने स्थानांतरण को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने प्रभारी ईओ की नियुक्ति और परिहार के तबादले पर रोक लगा दी। कोर्ट ने वरिष्ठतम अधिकारी को ईओ का प्रभार देने का आदेश भी दिया। निर्णय के बाद कांडपाल को वापस अपने मूल स्थान जाना पड़ा। परिहार को इसके बावजूद ईओ का चार्ज नहीं मिला। 17 अक्तूबर को पालिका ने बोर्ड बैठक का आयोजन कर विजय सिंह कनवासी को वरिष्ठतम अधिकारी मानते हुए प्रभारी ईओ नियुक्त कर दिया। परिहार ने इस निर्णय के खिलाफ भी उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की। उनका तर्क था कि प्रभारी ईओ के तौर पर उनकी नियुक्ति का आदेश आज भी प्रभाव में है और वह नगर पालिका के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कनवासी की प्रभारी ईओ के पद पर नियुक्ति पर भी रोक लगा दी थी।