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Champawat News: बीमार वृद्धा को चार किमी डोली के सहारे पहुंचाया सड़क तक
संवाद न्यूज एजेंसी, चम्पावत
Updated Tue, 16 Sep 2025 02:07 AM IST
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चंपावत। जिले के सीमांत तल्लादेश के ग्राम मल्ला कफल्टा की बीमार वृद्धा को चार किमी डोली के सहारे सड़क तक पंहुचाया। इसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जिले के 28 वर्ष पूरे होने के बाद आज भी कई गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
सोमवार को ग्राम मल्ला कफल्टा निवासी तिलोका देवी (72) की बीमारी बढ़ने पर ग्रामीण डोली से उन्हें उबड़-खाबड़ रास्तों से मुख्य सड़क तक लेकर आए। वृद्धा को सड़क तक लाने में करीब दो घंटे का समय लगा। महिला तीन-चार दिन से बीमार चल रही थीं। प्रधान निशा महर, राम सिंह, जीत सिंह, श्याम सिंह, सुंदर सिंह, नंदन सिंह और कमल सिंह ने कहा कि एक ओर आज जिले की 28वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। वहीं, दूसरी ओर आज तक कई गांव सड़क से वंचित हैं।
उन्होंने कहा कि आए दिन जिले के विभिन्न हिस्सों से बीमार लोगों को डोली के सहारे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अपने गांव तक सड़क निर्माण की मांग वे लोग कई बार कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस दौरान कुंदन सिंह, शोबन सिंह, विजय सिंह, जमान सिंह, हिम्मत सिंह, चतुर सिंह, गिरधर राम, पीतम राम, नारायण सिंह आदि रहे।
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चोटिल महिला को दूसरे दिन पहुंचाया अस्पताल
चंपावत। पाटी ब्लाॅक के ग्राम पंचायत रमक की खिरकुड़ा गांव की चोटिल महिला को ग्रामीणों ने जुगाड़ की कुर्सी के सहारे दूसरे दिन बाद अस्पताल तक पहुंचाया।
जानकारी के अनुसार, 14 सितंबर की शाम तुलसी देवी (55) गांव के पास के जंगल में मवेशियों के लिए घास लेने गई थीं। इस दौरान वह अचानक पहाड़ी से 20 मीटर नीचे नदी किनारे गिर गईं। अन्य कोई महिला उनके साथ नहीं होने के कारण वह अचेत पड़ी रहीं। इस दौरान गांव के नरेश चंद्र अटवाल मवेशियों को लेने के लिए जंगल जा रहे थे तो नदी किनारे अचेत पड़ी तुलसी देवी को देखा और ग्रामीणों को इसकी सूचना दी। इसके बाद ग्रामीण चोटिल महिला को घर लाए। रतिया नदी का बहाव तेज होने के कारण ग्रामीणों के लिए उन्हें उस समय अस्पताल ले जाना संभव नहीं था।
इसके बाद ग्रामीणों ने सोमवार सुबह जुगाड़ की डोली बनाई और तीन किमी पथरीले 0रास्तों से महिला को सड़क तक लाए। वहां से उन्हें वाहन के माध्यम से 72 किमी दूर चंपावत अस्पताल ले जाया गया। जांच में पता चला कि महिला के दोनों हाथों में फ्रैक्चर है और सिर पर गहरा घाव हुआ है। प्रधान बसंत अटवाल, पूर्व प्रधान मंगल जोशी और ग्रामीण भुवन चंद्र जोशी, मंगल मोहन और लक्ष्मी दत्त अटवाल ने कहा कि ग्राम पंचायत रमक के खिरकुड़ा और ग्रापं बालातड़ी के अमौली के बीच बहने वाली रतिया नदी पर पुल बन जाए तो सारी समस्या दूर हो जाए। पूर्व में पीएमजीएसवाई ने इसका सर्वे भी किया है।

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सोमवार को ग्राम मल्ला कफल्टा निवासी तिलोका देवी (72) की बीमारी बढ़ने पर ग्रामीण डोली से उन्हें उबड़-खाबड़ रास्तों से मुख्य सड़क तक लेकर आए। वृद्धा को सड़क तक लाने में करीब दो घंटे का समय लगा। महिला तीन-चार दिन से बीमार चल रही थीं। प्रधान निशा महर, राम सिंह, जीत सिंह, श्याम सिंह, सुंदर सिंह, नंदन सिंह और कमल सिंह ने कहा कि एक ओर आज जिले की 28वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। वहीं, दूसरी ओर आज तक कई गांव सड़क से वंचित हैं।
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उन्होंने कहा कि आए दिन जिले के विभिन्न हिस्सों से बीमार लोगों को डोली के सहारे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अपने गांव तक सड़क निर्माण की मांग वे लोग कई बार कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस दौरान कुंदन सिंह, शोबन सिंह, विजय सिंह, जमान सिंह, हिम्मत सिंह, चतुर सिंह, गिरधर राम, पीतम राम, नारायण सिंह आदि रहे।
चोटिल महिला को दूसरे दिन पहुंचाया अस्पताल
चंपावत। पाटी ब्लाॅक के ग्राम पंचायत रमक की खिरकुड़ा गांव की चोटिल महिला को ग्रामीणों ने जुगाड़ की कुर्सी के सहारे दूसरे दिन बाद अस्पताल तक पहुंचाया।
जानकारी के अनुसार, 14 सितंबर की शाम तुलसी देवी (55) गांव के पास के जंगल में मवेशियों के लिए घास लेने गई थीं। इस दौरान वह अचानक पहाड़ी से 20 मीटर नीचे नदी किनारे गिर गईं। अन्य कोई महिला उनके साथ नहीं होने के कारण वह अचेत पड़ी रहीं। इस दौरान गांव के नरेश चंद्र अटवाल मवेशियों को लेने के लिए जंगल जा रहे थे तो नदी किनारे अचेत पड़ी तुलसी देवी को देखा और ग्रामीणों को इसकी सूचना दी। इसके बाद ग्रामीण चोटिल महिला को घर लाए। रतिया नदी का बहाव तेज होने के कारण ग्रामीणों के लिए उन्हें उस समय अस्पताल ले जाना संभव नहीं था।
इसके बाद ग्रामीणों ने सोमवार सुबह जुगाड़ की डोली बनाई और तीन किमी पथरीले 0रास्तों से महिला को सड़क तक लाए। वहां से उन्हें वाहन के माध्यम से 72 किमी दूर चंपावत अस्पताल ले जाया गया। जांच में पता चला कि महिला के दोनों हाथों में फ्रैक्चर है और सिर पर गहरा घाव हुआ है। प्रधान बसंत अटवाल, पूर्व प्रधान मंगल जोशी और ग्रामीण भुवन चंद्र जोशी, मंगल मोहन और लक्ष्मी दत्त अटवाल ने कहा कि ग्राम पंचायत रमक के खिरकुड़ा और ग्रापं बालातड़ी के अमौली के बीच बहने वाली रतिया नदी पर पुल बन जाए तो सारी समस्या दूर हो जाए। पूर्व में पीएमजीएसवाई ने इसका सर्वे भी किया है।