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Haridwar News: विवादित संपत्ति की बिक्री कर लाखों की ठगी का आरोप
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हरिद्वार। कनखल थाना क्षेत्र में विवादित संपत्ति की बिक्री कर लाखों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। आरोप है कि संपत्ति से जुड़े पुराने विवाद की जानकारी छिपाकर आवासीय मकान की रजिस्ट्री करा दी गई, जबकि बाद में न्यायालय के आदेश के बाद खरीदारों को अपने ही मकान से बेदखल होने की नौबत आ गई। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, भीमगोडा निवासी साहिल अग्निहोत्री ने कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि उन्होंने और उनकी माता कमल अग्निहोत्री ने वर्ष 2013 में कनखल क्षेत्र के जगजीतपुर स्थित राजविहार फेस-1 में मकान काली प्रसाद साह से 5.78 लाख रुपये में खरीदा था। इस मकान की रजिस्ट्री 12 अगस्त 2013 को कराई गई थी। इसके बाद से परिवार उसी मकान में रह रहा था। 26 अक्तूबर 2024 को उस समय हड़कंप मच गया, जब न्यायालय के अमीन कुछ अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचे और मकान पर अपना अधिकार जताने लगे। खुद को संपत्ति का वास्तविक स्वामी बताते हुए उन्होंने न्यायालय के आदेश का हवाला दिया।
जांच में सामने आया कि वर्ष 2007 में उक्त संपत्ति को लेकर संगीत कुमार बनाम नीलम आदि के नाम से दीवानी वाद न्यायालय में दाखिल किया गया था। वाद में संपत्ति से जुड़े कई विक्रय पत्रों को चुनौती दी गई थी। यह मामला 31 मई 2016 को निस्तारित हुआ, जिसमें न्यायालय ने संबंधित विक्रय पत्रों को निरस्त कर दिया।
आरोप है कि इस दीवानी वाद के लंबित रहते हुए पहले नवीन कुमार ने संपत्ति काली प्रसाद साह को बेची और बाद में काली प्रसाद साह ने वर्ष 2013 में साहिल अग्निहोत्री को मकान बेच दिया। आरोप है कि संपत्ति के विवाद की जानकारी उनसे छिपाकर रजिस्ट्री कराई गई, जिससे उनके साथ धोखाधड़ी की गई। थानाध्यक्ष मनोहर रावत ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर इस संबंध में प्राथमिक की दर्ज कर जहां शुरू कर दी है।
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पुलिस के अनुसार, भीमगोडा निवासी साहिल अग्निहोत्री ने कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि उन्होंने और उनकी माता कमल अग्निहोत्री ने वर्ष 2013 में कनखल क्षेत्र के जगजीतपुर स्थित राजविहार फेस-1 में मकान काली प्रसाद साह से 5.78 लाख रुपये में खरीदा था। इस मकान की रजिस्ट्री 12 अगस्त 2013 को कराई गई थी। इसके बाद से परिवार उसी मकान में रह रहा था। 26 अक्तूबर 2024 को उस समय हड़कंप मच गया, जब न्यायालय के अमीन कुछ अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचे और मकान पर अपना अधिकार जताने लगे। खुद को संपत्ति का वास्तविक स्वामी बताते हुए उन्होंने न्यायालय के आदेश का हवाला दिया।
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जांच में सामने आया कि वर्ष 2007 में उक्त संपत्ति को लेकर संगीत कुमार बनाम नीलम आदि के नाम से दीवानी वाद न्यायालय में दाखिल किया गया था। वाद में संपत्ति से जुड़े कई विक्रय पत्रों को चुनौती दी गई थी। यह मामला 31 मई 2016 को निस्तारित हुआ, जिसमें न्यायालय ने संबंधित विक्रय पत्रों को निरस्त कर दिया।
आरोप है कि इस दीवानी वाद के लंबित रहते हुए पहले नवीन कुमार ने संपत्ति काली प्रसाद साह को बेची और बाद में काली प्रसाद साह ने वर्ष 2013 में साहिल अग्निहोत्री को मकान बेच दिया। आरोप है कि संपत्ति के विवाद की जानकारी उनसे छिपाकर रजिस्ट्री कराई गई, जिससे उनके साथ धोखाधड़ी की गई। थानाध्यक्ष मनोहर रावत ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर इस संबंध में प्राथमिक की दर्ज कर जहां शुरू कर दी है।

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