{"_id":"68c454b6a972a053f201a58e","slug":"elephants-and-wild-pigs-trampled-paddy-crops-farmers-worried-kotdwar-news-c-5-1-gkp1010-787145-2025-09-12","type":"story","status":"publish","title_hn":"Kotdwar News: हाथी और जंगली सुअरों ने रौंदी धान की फसल, काश्तकार परेशान","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Kotdwar News: हाथी और जंगली सुअरों ने रौंदी धान की फसल, काश्तकार परेशान
विज्ञापन

विज्ञापन

Trending Videos
किशनपुर/कण्वघाटी। कोटद्वार भाबर में वन सीमा से इलाकों में हाथी समेत अन्य वन्यजीवों की धमक थमने का नाम नहीं ले रही है। बृहस्पतिवार रात को जहां यूपी के जंगलों से खूनीबढ़ क्षेत्र में धमके दो हाथियों ने उत्पात मचाते हुए धान की फसल नष्ट कर दी, वहीं, लोकमणिपुर के मनदेवपुर और दलीपपुर में लैंसडौन वन प्रभाग के जंगलों से घुसे सुअरों के झुंड ने धान की फसल रौंदकर बर्बाद कर दी।
छह महीने की मेहनत पर पानी फिरने से क्षेत्रीय काश्तकारों में भारी आक्रोश बना हुआ है। उनका कहना है कि वन विभाग को आबादी से सटे इलाकों में हाथी समेत वन्यजीवों की आमद रोकने के लिए प्रबंध करने चाहिए। खूनीबड़ निवासी ध्रुव रावत ने बताया कि बृहस्पतिवार रात बिजनौर वन प्रभाग के जंगल से दो हाथी उनके खेत की बाड़ तोड़कर धान के खेत में घुस गए। सारी रात उत्पात मचाते हुए उन्होंने धान की फसल चट कर दी और खेत में जमे रहे। शुक्रवार सुबह जब काश्तकार अपने खेत की ओर गए तो हाथियों को देख उसके होश उड़ गये। उसने शोर मचाकर किसी तरह मुश्किल से हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा।
वहीं, दूसरी ओर लोकमणिपुर वार्ड के मनदेवपुर और दलीपपुर में पंकज कपटियाल और पान सिंह मेहरा के धान के खेतों में जंगली सुअरों का झुंड घुस गया और कई बीघा धान की फसल रौंद दी। लोगों का कहना है कि आए दिन जंगली जानवर खेतों में आकर धान, उड़द और सोयाबीन की फसलों को रौंद कर नुकसान पहुंचा रहे हैं। वन विभाग को सूचना देने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। ग्रामीणों ने वन विभाग पर उदासीनता बरते जाने का आरोप लगाया।
कोटद्वार के रेंज अधिकारी बीसी जोशी ने बताया कि क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाएगी। नुकसान का आकलन करवाया जाएगा। संबंधित किसानों को रेंज कार्यालय में लिखित में नुकसान की जानकारी देनी चाहिए।
छह महीने की मेहनत पर पानी फिरने से क्षेत्रीय काश्तकारों में भारी आक्रोश बना हुआ है। उनका कहना है कि वन विभाग को आबादी से सटे इलाकों में हाथी समेत वन्यजीवों की आमद रोकने के लिए प्रबंध करने चाहिए। खूनीबड़ निवासी ध्रुव रावत ने बताया कि बृहस्पतिवार रात बिजनौर वन प्रभाग के जंगल से दो हाथी उनके खेत की बाड़ तोड़कर धान के खेत में घुस गए। सारी रात उत्पात मचाते हुए उन्होंने धान की फसल चट कर दी और खेत में जमे रहे। शुक्रवार सुबह जब काश्तकार अपने खेत की ओर गए तो हाथियों को देख उसके होश उड़ गये। उसने शोर मचाकर किसी तरह मुश्किल से हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा।
विज्ञापन
विज्ञापन
वहीं, दूसरी ओर लोकमणिपुर वार्ड के मनदेवपुर और दलीपपुर में पंकज कपटियाल और पान सिंह मेहरा के धान के खेतों में जंगली सुअरों का झुंड घुस गया और कई बीघा धान की फसल रौंद दी। लोगों का कहना है कि आए दिन जंगली जानवर खेतों में आकर धान, उड़द और सोयाबीन की फसलों को रौंद कर नुकसान पहुंचा रहे हैं। वन विभाग को सूचना देने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। ग्रामीणों ने वन विभाग पर उदासीनता बरते जाने का आरोप लगाया।
कोटद्वार के रेंज अधिकारी बीसी जोशी ने बताया कि क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाएगी। नुकसान का आकलन करवाया जाएगा। संबंधित किसानों को रेंज कार्यालय में लिखित में नुकसान की जानकारी देनी चाहिए।