UK: हल्द्वानी में डंपरों के आगे बेबस नियम...सिस्टम सोया, वक्त-बेवक्त दौड़ रहे ट्रक; केवल नाम की है नो एंट्री
हल्द्वानी में डंपरों की अनियंत्रित दौड़ एक गंभीर समस्या बन गई है। भारी वाहनों के कारण शहर की सड़कों में हर समय दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। हर महीने दुर्घटनाएं होती हैं और लोगों की जानें जाती हैं लेकिन प्रशासन केवल चालान काट रहा है।
विस्तार
हल्द्वानी की सड़कें डंपरों की मनमानी से थर्रा रही हैं। नो-एंट्री, गति सीमा सहित अन्य सभी नियम सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं और शहर की सड़कों पर मौत रफ्तार से दौड़ रही है। हल्द्वानी की गलियों से लेकर मुख्य मार्गों तक न जाने कब कहां से डंपर मौत बनकर आ टकराए कोई नहीं जानता। जनता हर मोड़ पर डर से कांपते हुए सफर कर रही है। सुबह-शाम बच्चों और महिलाओं की आवाजाही के वक्त भी जब ये भारी वाहन गलियों में घुसते हैं तो हर कोई सहम जाता है। हर महीने होती दुर्घटनाओं में कई लोग अपनों को खो रहे हैं लेकिन जिम्मेदार विभाग सिर्फ चालान काटकर इतिश्री कर लेते हैं। हादसों का सिलसिला थमता नहीं और शहर हर रात एक नए जख्म के साथ सोने जाता है।
केवल नाम की है नो-एंट्री
शहर में देवलचौड़ से महर्षि स्कूल की ओर, वसुंधरा बैंक्वेट हाल वाली रोड, पीलीकोठी से शहर की ओर आने वाली रोड, चोरगलिया से शहर को आने वाली रोड, हाईडिल तिराहा से नैनीताल रोड होते हुए बरेली रोड गांधी स्कूल तक सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक नो एंट्री है। इस दौरान इन मार्गों पर भारी वाहनों व डंपरों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके बावजूद इस अवधि में यहां भारी वाहन दौड़ते रहते हैं।
स्पीड लिमिट को ओवरटेक करती है मनमानी
पुलिस और परिवहन विभाग ने हल्के एवं भारी वाहनों की गति सीमा तय की हुई है। शहर के मुख्य मार्गों पर बड़े वाहनों के लिए 45 किमी जबकि छोटे वाहनों के लिए 50 किमी प्रति घंटा निर्धारित है। इसी तरह आबादी और स्कूल क्षेत्र में छोटे-बड़े सभी वाहनों के लिए 25 किमी की गति सीमा तय है। इसके बावजूद अधिकतर सड़कों पर छोटे-बड़े वाहन तयशुदा गति सीमा के आधार पर नहीं बल्कि वाहन चालकों की मर्जी के आधार पर दौड़ते रहते हैं।
स्कूल के समय पर रहता है खतरा
शहर के आंतरिक मार्गों और गलियों में वक्त-बेवक्त घुसने वाले डंपरों और भारी वाहनों से सबसे अधिक खतरा स्कूली बच्चों और महिलाओं को रहता है। सुबह-शाम आंतरिक मार्गों में स्कूली बच्चों की आवाजाही अधिक होती है और कई बार इसी वक्त यहां भारी वाहन दौड़ने लगते हैं।
यहां बे-वक्त दौड़ते भारी वाहन
:- काठगोदाम कॉल टैक्स रोड
:- देवलचौड़-छड़ायल रोड
:- जज फार्म
:- टीपी नगर से बिड़ला स्कूल की ओर
:- डहरिया
:- सत्यलोक कॉलोनी
:- आरटीओ रोड से कमलुवागांजा की ओर
- लालडांठ रोड
केस-1
इसी साल फरवरी में गौला बाईपास रोड में एक खराब डंपर खड़ा था। सड़ पर खड़े इस डंपर से एक बाइक के टकरा गया। हादसे में बाइक में सवार दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
केस-2
जुलाई 2025 में नवीन मंडी के पास सुबह के समय डंपर ने हेमा नामक स्कूटी सवार महिला को कुचल दिया। हेमा की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
केस-3
इसी साल अक्तूबर में रामपुर रोड पर तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार को कुचल दिया था। युवक की मौके पर ही मौत हो गई थी। तब चालक वाहन को मौके पर छोड़ख्र भाग गया था।
केस-4
इसी साल अक्तूबर में रामपुर रोड में एक शो-रूम के सामने दस टायरा ट्रक की चपेट में आने से मां के लिए दवा लेकर लौट रहे बिंदुखत्ता के युवक की मौत हो गई।
क्या कहते हैं लोग
गौला में खनन शुरू होने के बाद शहर के आंतरिक मार्गों में डंपरों की आवाजाही और अधिक बढ़ जाती है। ये डंपर जानलेवा बनकर घूमते हैं और रास्तों को बाधित करते हैं। -हेमंत साहू, सामाजिक कार्यकर्ता हल्द्वानी।
शहर के आंतरिक मार्गों पर भी डंपर बेकाबू रफ्तार से दौड़ते हैं। इससे डर बना रहता है। स्कूल जाने व छुट्टी के समय भारी वाहनों के दौड़ने पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। - दीपक बिष्ट, नवाबी रोड हल्द्वानी
शहर से लगे इलाकों में ट्रक-डंपर बेतरतीब दौड़ते हैं। कई बार हादसे हो चुके हैं। इनका आबादी क्षेत्र में घुसने का समय निर्धारित किया जाना चाहिए। इनकी गति में भी नियंत्रण नहीं होता है। - अरविंद भट्ट, तीनपानी हल्द्वानी।
अधिकारी बोले
शहर में भारी वाहनों, ट्रक व डंपरों की आवाजाही का समय पुलिस तय करती है। जिस रूट पर सुबह से शाम तक भारी वाहन निषिद्ध होंगे तो वहां वह नहीं आ सकते हैं। भारी वाहनों के लिए समय निर्धारित किया गया है। यदि कहीं कोई भारी वाहन निर्धारित समय के विपरीत चल रहे हैं तो इस संबंध में जानकारी ली जाएगी। - अरविंद पांडेय, संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) हल्द्वानी।
शहर के भीतर नो एंट्री में किसी भी भारी वाहन का प्रवेश नहीं होने दिया जाता है। बैरिकेडिंग पर पुलिस तैनात रहती है। भारी वाहन व बसों के लिए टीपीनगर से डायवर्जन है। रात दस बजे के बाद जिन वाहनों को शहर में माल उतारना या चढ़ाना है उन्हें भीतर से गुजरने की अनुमति है। - मनोज कत्याल एसपी सिटी