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शोध : कृमिनाशी, एंटी ऑक्सीडेंट और कैंसर रोधी गुण रखता है काला जीरा

संवाद न्यूज एजेंसी, पौड़ी Updated Fri, 19 Dec 2025 04:37 PM IST
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black cumin has antioxidant and anticancer properties
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मुकेश चंद्र आर्य
पौड़ी। उत्तराखंड समेत कई प्रांतों में पाया जाने वाला काला जीरा केवल ज्याका ही नहीं बल्कि कई प्रकार की बीमारियों को जड़ से खत्म करने की क्षमता भी रखता है। जीबीपंत प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी संस्थान (जीबीपीआईईटी) घुड़दौड़ी के बायोटेक विशेषज्ञों ने काले जीरे पर गहनता से शोध/अध्ययन किया है। जो कि अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका एथनोबॉटनी रिसर्च एंड एप्लिकेशन में प्रकाशित हुआ है।
काला जीरा (ब्लैक क्यूमिन) को भारत समेत मध्य-पूर्वी व्यंजनों में तड़के के रूप में इसे खूब इस्तेमाल किया जाता रहा है। अध्ययन से पता चला है कि काला जीरा पेट के विकारों, सूजन कम करने और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करने की क्षमता भी रखता है। शोधकर्ताओं ने आधुनिक तकनीकों, विशेषकर जीसी-एमएस ( गैस क्रोमेटोग्राफी - मास स्पेक्ट्रॉमेट्री) विश्लेषण के माध्यम से यह साबित किया कि इसके बीजों में मौजूद वर्नोलिक एसिड, वर्नोडालिन और वर्नोडालोल जैसे यौगिक वास्तव में शक्तिशाली कृमिनाशी, एंटी ऑक्सीडेंट और कैंसर रोधी गुण रखते हैं। संस्थान के शोध में यह भी सामने आया कि काला जीरा सिर्फ औषधी ही नहीं, बल्कि उद्योग के लिए भी बेहद उपयोगी फसल है। इसके बीजों में मौजूद वर्नोलिक एसिड पेंट, पॉलिमर, कॉस्मेटिक और जैव आधारित उद्योगों में इस्तेमाल होने वाला पर्यावरण अनुकूल उत्पाद है। शोधकर्ताओं के अनुसार काला जीरा भविष्य में ड्रग, हेल्थ केयर और ग्रीन इंडस्ट्री इन तीनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
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काले जीरे के बीजों में होते हैं कई प्रकार के रसायन

- अध्ययन से पता चला है कि काले जीरे के बीजों में कई प्रकार की औषधीय क्षमता है। इसके बीजों में कई प्रकार के रसायन मौजूद होते हैं। जो कि क्विनिन यौगिकों की उपस्थिति के कारण होते हैं। इसमें थाइमोक्विनोन सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके बीजों में रोगाणुरोधी, परजीवीरोधी और कवकरोधी गुण होते हैं।

काला जीरा की पारंपरिक चिकित्सा

- काला जीरा सर्व गुणकारी औषधि के रूप में भी जाना जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में कई बीमारियों के इलाज में इसका उपयोग किया जाता है। आंतों के कीड़ों के निस्तारण और पाचन संबंधी समस्याओं के लिए भी काला जीरा रामबाण औषधि मानी जाती है। इसके बीजों और तेल का उपयोग सूजन कम करने, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के लक्षणों को कम करने के अलावा गठिया के इलाज में भी इस्तेमाल किया जाता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

- काले जीरे पर करीब एक साल से अधिक समय तक शोध की गई। हमने काले जीरे के विभिन्न यौगिकों का प्रमाणित अध्ययन किया है। पाया कि काला जीरा पेट की समस्या समेत विभिन्न बीमारियों को नष्ट करने की क्षमता रखता है। इस पर और गहन वैज्ञानिक शोध की जरूरत है। - डॉ. ममता बौंठियाल, डीन आरएंडडी विभाग, जीबीपीआईईटी।
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